शशांक द्विवेदी

शशांक द्विवेदी
जलवायु परिवर्तन पर पेरिस शिखर सम्मलेन के पहले की कवायद
Posted on 12 Oct, 2015 03:00 PM
जलवायु परिवर्तन पर पेरिस शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र
खतरनाक स्तर पर कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन
Posted on 04 Jun, 2015 05:25 PM

विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष


5 जून को हर साल पूरी दुनिया में अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस एक रस्म अदायगी के तौर पर मनाया जाता है। रस्म अदायगी इसलिये क्योंकि पिछले 20 साल से दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर काफी बातें, सम्मेलन, सेमिनार आदि हुए और लगातार हो भी रहे हैं लेकिन ज़मीनी स्तर पर हालत नहीं बदले या ये कहें की हालात बहुत ख़राब हो गए हैं।

कार्बन उत्सर्जन कम होने के बजाय बढ़ा है इसके साथ ही दुनिया भर में कई तरह का प्रदूषण भी बढ़ा है। भयंकर वायु प्रदूषण के कारण हालात तो यहाँ तक हो गए हैं कि दुनिया भर के कई शहर रहने लायक ही नहीं बचे हैं। अधिकांश नदियाँ, तालाब, पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों की प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं। कथित विकास पर्यावरण को हर दिन, हर समय, हर जगह लील रहा है। प्रकृति को नुकसान पहुँचाने के परिणाम भी अब दिखने लगे हैं जब पिछले दिनों नेपाल में आए विनाशकारी भूकम्प में 8000 से अधिक लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी और इसके साथ ही भारी जान-माल का नुकसान भी हुआ।
गम्भीर जल संकट की तरफ बढ़ता देश
Posted on 17 Apr, 2015 12:27 PM

वर्तमान में 1600 जलीय प्रजातियाँ जल प्रदूषण के कारण लुप्त होने के कगार पर हैं। विश्व में 1.10 अरब लोग दूषित पेयजल पीने को मजबूर हैं और साफ पानी के बगैर अपना गुजारा कर रहे हैं। पानी की कमी से जूझ रहे दुनिया के 20 शहरों में दूसरे नम्बर पर है दिल्ली। जापान की राजधानी टोक्यो इस मामले में नम्बर एक पर है। इतना ही नहीं इस सूची में दिल्ली के अलावा भारत के चार शहर कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरू और हैदराबाद भी

water crisis
बड़े संकट की ओर भारतीय कृषि
Posted on 03 Apr, 2015 11:05 AM
भारत सहित पूरी दुनिया में पूँजीवाद का प्रभाव बढ़ रहा है। अपने देश मे
Agriculture
राजनीतिक दलों के एजेंडे में शामिल ही नहीं है पर्यावरण
Posted on 02 Apr, 2015 01:07 PM

पृथ्वी दिवस पर विशेष


खतरनाक स्तर पर जलवायु परिवर्तन

जीने के लिए जरूरी है जल संरक्षण
Posted on 19 Mar, 2015 03:32 PM

विश्व जल दिवस पर विशेष


विश्व जल दिवस यानी पानी के वास्तविक मूल्य को समझने का दिन, पानी बचाने के संकल्प का दिन। पानी के महत्व को जानने का दिन और जल संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन। आँकड़े बताते हैं कि विश्व के 1.6 अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है।

पानी की इसी जंग को खत्म करने और जल संकट को दूर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 1992 में रियो डि जेनेरियो के अपने अधिवेशन में 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया था। विश्व जल दिवस की अन्तरराष्ट्रीय पहल रियो डि जेनेरियो में 1992 में आयोजित पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में की गई।

पानी
पर्यावरण संरक्षण और पूंजीवाद साथ-साथ नहीं चल सकता
Posted on 30 Jan, 2015 03:19 PM
पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र समर्थित इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने चेतावनी देते हुए कहा कि कार्बन उत्सर्जन न रुका तो नहीं बचेगी दुनिया। दुनिया को खतरनाक जलवायु परिवर्तनों से बचाना है तो जीवाश्म ईंधन के अन्धाधुन्ध इस्तेमाल को जल्द ही रोकना होगा।
cop 19
रहने के लायक नहीं है शहर
Posted on 27 Jan, 2015 01:30 PM
स्वच्छ वायु सभी मनुष्यों, जीवों एवं वनस्पतियों के लिए अत्यन्त आवश्
पर्यावरण सन्तुलन पर सहमति की कवायद
Posted on 19 Dec, 2014 04:09 PM
पिछले दिनों जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन को लेकर पेरू की राजधानी लीमा में 190 देशों के प्रतिनिधि पर्यावरण के बदलाव पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे।

12 दिनों तक चलने वाले इस शिखर सम्मलेन का आयोजन यूनाइटेड नेशन फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) द्वारा किया गया था जिसमें दुनिया भर के 12,500 राजनीतिज्ञ, राजनयिक, जलवायु कार्यकर्ता और पत्रकारों ने भाग लिया। लेकिन यह सम्मलेन रस्म अदायगी का एक और सम्मलेन बनकर रह गया जिसमें कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला।

इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य नई जलवायु परिवर्तन सन्धि के लिए मसौदा तैयार करना था, ताकि 2015 में पेरिस में होने वाली वार्ता में सभी देश सन्धि पर हस्ताक्षर कर सकें।
कामयाबी की तरफ दूसरी हरित क्रांति
Posted on 23 Aug, 2014 11:31 AM

ब्रिंगिंग ग्रीन रिवोल्युशन इन ईस्टर्न इंडिया

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