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जैव विविधता
जैविक विविधता का सिमटता दायरा
Posted on 03 May, 2014 10:07 AMपरंपरा से जैविक विविधता की एक समृद्ध विरासत हमें मिली है। इसे सहेजनजैव विविधता (Biodiversity)
Posted on 08 Mar, 2014 01:45 PMदोनों जीवों का जीवन आराम से चलता रहा, परन्तु यूरोपीय लोगोंं के यहाकड़ाके की सर्दी के शिकार हुए इटावा में बगुले
Posted on 20 Jan, 2014 11:06 AMकड़ाके की सर्दी का सितम लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है। इस सर्दी से इंसान तो जूझ ही रहा है पक्षियों की भी सामत आ गई है। हालात यह बन गए हैं जिन पकजैव विविधता संरक्षण मंत्र : जीओ और जीने दो
Posted on 23 May, 2013 10:06 AMअंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (22 मई) पर विशेष
जैव संपदा रजिस्टर योजना के किंतु-परन्तु
Posted on 24 Oct, 2012 04:05 PMजैव संपदा समृद्धि की दृष्टि से भारत दुनिया में 10वें नंबर पर है। दुनिया में मौजूदा कुल जैव संपदा का आठ फीसदी भार
जैव विविधता बनाए रखने की चुनौती
Posted on 09 Oct, 2012 05:00 PMजैव विविधता पर 01 अक्टूबर से शुरू हुआ संयुक्त राष्ट्र का सम्मेलन 16 अक्टूबर को खत्म होगा। भारत के हैदराबाद के इंटरनेशनल कंवेशन सेंटर और इंटरनेशनल ट्रेड एक्जीविशन में चल रहा यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की दृष्टि से एक बड़ा आयोजन है। ‘कांफ्रेंस ऑफ द पार्टीज टू द कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (सीओपी 11)’ नाम से हो रहे इस कन्वेंशन में 150 देशों के पर्यावरण व वन मंत्री और विश्व बैंक, एडीबी जैसे संगठनों के अधिकारी भी भागीदारी करेंगे। जैव विविधता को बचाने के दृष्टिकोण से यह अनूठा सम्मेलन होगा, बता रहे हैं कुमार विजय।
दुनिया में 17 मेगा बायो डाइवर्सिटी हॉट स्पॉट हैं, जिनमें भारत भी है। हमारे देश में दुनिया की 12 फीसदी जैव विविधता है, लेकिन उस पर कितना काम हो पाया है, कितने वनस्पति और जीव के जीन की पहचान हो पाई है, यह एक अहम सवाल है। लोकलेखा समिति की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पर्यावरण और वन मंत्रालय 45,000 पौधों और 91,000 जानवरों की प्रजातियों की पहचान के बावजूद जैव विविधता के संरक्षण के मोर्चे पर विफल रहा है।आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में जैव विविधता पर पिछले एक अक्तूबर से शुरू हुआ सम्मेलन 19 अक्टूबर तक चलेगा। यह इस तरह का ग्यारहवां सम्मेलन है, जिसमें दुनिया के 193 देशों के लगभग 15,000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस तरह का इतना बड़ा आयोजन सुबूत है कि जैव विविधता के संरक्षण और इसके टिकाऊ उपयोग के लिए इस वार्ता का कितना महत्व है। जैव विविधता के मामले में भारत एक समृद्ध राष्ट्र है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि देश में कृषि और पशुपालन, दोनों का काफी महत्व है। लेकिन दुर्भाग्य से यह विविधता अब बहुत तेजी से खत्म होती जा रही है।
मानव द्वारा निर्मित गतिविधियों ने की जंगलों की हालत गंभीर
Posted on 09 Mar, 2024 01:50 PMकभी ईंधन के नाम पर, कभी इमारतों के नाम पर, कभी खेती के नाम पर तो कभी आबादी के नाम पर, हमारे बहुमूल्य जंगलों का लगातार सफाया होता जा रहा है। कितनी गम्भीर है जंगलों की यह समस्या ? प्रस्तुत है एक विचारोत्तेजक सर्वेक्षण ।
रोशनी पक्षियों के जीवन में अंधकार लाती है
Posted on 24 Jan, 2024 04:50 PMभारत और दुनिया भर में पक्षियों की प्रजातियां और पक्षियों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है। मानव गतिविधि जनित जलवायु परिवर्तन के अलावा, प्रदूषण, कीटनाशकों का उपयोग, सिमटते प्राकृतवास और शिकार इनकी विलुप्ति का कारण है। और अब इस बारे में भी जागरूकता काफी बढ़ रही है कि रात के समय किया जाने वाला कृत्रिम उजाला पक्षियों की कई प्रजातियों का बड़ा हत्यारा है।
केंचुआ खाद परिचय एवं प्रकार | Vermicompost and its types
Posted on 29 Dec, 2023 03:53 PMहम सभी अच्छी तरह जानते हैं कि भूमि में पाये जाने वाले केंचुए मनुष्य के लिए बहुउपयोगी होते हैं। मनुष्य के लिए इनका महत्व सर्वप्रथम सन् 1881 में विश्व विख्यात जीव वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने अपने 40 वर्षों के अध्ययन के बाद बताया। इसके बाद हुए अध्ययनों से केंचुओं की उपयोगिता उससे भी अधिक साबित हो चुकी है जितनी कि डार्विन ने कभी कल्पना की थी। भूमि में पाये जाने वाले केंचुए खेत में पड़े हुए पेड़ पौ
राजस्थान में थार मरुस्थल की जैव विविधता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
Posted on 07 Oct, 2023 01:51 PMसार
भारतीय थार मरुस्थल विश्व का सबसे समृद्ध मरुस्थल है। इसका अधिकांश भाग पश्चिमी राजस्थान के अन्तर्गत आता है। शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क जलवायु के अनुभव के साथ यहाँ मरूद्भिद प्रकार का पारिस्थितिकी तंत्र अपने आप में विशिष्ट है। जैव विविधिता की दृष्टि से यह अत्यंत सम्पन्न प्रदेश है। वैश्विक और स्थानीय कारणों से थार मरुस्थल की जलवायु में परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं।