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अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे
बेंगलुरु के केपटाउन हो जाने के खतरे को पहचानिए : दपिंदर कपूर
Posted on 23 Apr, 2024 04:07 PM
देश के आईटी हब के रूप में प्रसिद्ध शहर बेंगलुरु में इन दिनों पानी की कमी से हाहाकार मचा है। इस समस्या के कारणों और उनके कुछ उपायों पर नई दिल्ली के पर्यावरणविद एवं ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट’ में वाटर प्रोग्राम डायरेक्टर, दपिंदर सिंह कपूर से वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध गौड़ की बातचीत के खास अंश
भारत,लाल सागर व्यापार मार्ग में जहाज़ों के हमलों से चावल व्यापार पर बज रही खतरे की घंटी
Posted on 11 Mar, 2024 05:22 PMभारत, दुनिया में गेहूं, चावल और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है एवं बासमती चावल के प्रमुख निर्यातकों में से एक है।
मुख्य रूप से 1121 बासमती चावल-सफेद, पूसा बासमती 1121,पारंपरिक बासमती चावल, गोल्डन सेला बासमती चावल, सुगंधा बासमती चावल, शरबती बासमती चावल भारत से एक्सपोर्ट होते हैं अतः यह भारत की अर्थव्यस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
ऐतिहासिक रहा कॉप 28 शिखर सम्मेलन, पर जलवायु वित्त अब भी समस्या
Posted on 30 Dec, 2023 03:31 PM30 नवंबर को, दुबई ने एक ऐतिहासिक कदम के साथ जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लिए पार्टियों का 28वां सम्मेलन (COP28) लॉन्च किया: हानि और क्षति कोष का संचालन। इस फंड का उद्देश्य कमजोर देशों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में मदद करना है। COP28 के अध्यक्ष सुल्तान अहमद अल जाबेर ने इस निर्णय को एक "ऐतिहासिक" अवसर घोषित किया, यह पहली बार है कि किसी COP के उद्घाटन दिव
अभूतपूर्व सूखे का सामना कर रहा है हॉर्न ऑफ अफ्रीका
Posted on 19 Oct, 2023 12:36 PMएक अनुमान के मुताबिक, हॉर्न ऑफ अफ्रीका में अक्टूबर से दिसम्बर- 2022 तक कम से कम 36.1 मिलियन लोग गंभीर सूखे से प्रभावित होंगे, जिसमें इथियोपिया के 24.1 मिलियन, सोमालिया के 7.8 मिलियन और केन्या के 4.2 मिलियन लोग शामिल हैं। यह जुलाई 2022 (जब लगभग 19.4 मिलियन लोग प्रभावित हुए थे) के बाद से बढ़ोत्तरी दर्शाता है। मौसम विशेषज्ञों के पूर्वानुमानों में अक्टूबर-दिसंबर-2022 में खराब बारिश की आशंका व्यक्त
अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन वार्ताओं में विकासशील विश्व का नेतृत्व करता भारत
Posted on 01 Sep, 2023 02:44 PMजल प्रदूषण के दुष्प्रभाव
Posted on 18 Aug, 2023 01:12 PMबढ़ती हुई तीव्र जनसंख्या, औद्योगीकरण तथा नगरीकरण के कारण स्वच्छ जल की आवश्यकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। आज जल की गुणवत्ता में गिरावट आती जा रही है। जल प्रदूषण तत्वों के दो प्रमुख कारण हैं एक प्राकृतिक और दूसरा मानवीय प्राकृतिक कारणों से जल प्रदूषण इतनी मंद गति से होता है कि सामान्य रूप से इसके कोई भयंकर परिणाम सामने नहीं आते। जल प्रदूषण के प्राकृतिक कारणों में भू-क्षरण और खनिज पदार्थ की
प्रदूषण मुक्त ऊर्जा व्यवस्था की उम्मीदों पर फिर गया पानी
Posted on 25 Jul, 2023 12:39 PMभारत की मेजबानी में इस साल गोवा में चौथी G20 एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप (ETWG) की बैठक आयोजित की गयी। उम्मीद थी कि इस बैठक के नतीजे दुनिया को प्रदूषण मुक्त ऊर्जा व्यवस्था की ओर बढ्ने में मदद करेंगे। मगर इस बैठक के बाद यह साफ़ हो गया कि इसका नतीजा दुनिया की उम्मीदों से बहुत दूर रहा। कई दिनों की गहन बातचीत के बाद G20 का एनेर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप एक सर्वसम्मति से बना गया था। इसके चलते अ
सिंधु जल समझौता 1960 फिर क्यों चर्चा में
Posted on 14 Jul, 2023 12:08 PMकिसी दो पड़ोसी देशों के बीच हमेशा संवाद के कई पुल होने चाहिए। सिंधु जल संधि 1960 भारत और पाकिस्तान के बीच एक इसी तरह का पुल है, जहां पर भारत से निकलने वाली प्रमुख 7 नदियों के पानी का बंटवारा इस संधि के माध्यम से किया गया है। और इस बंटवारे में हमेशा से पाकिस्तान काफी फायदे की स्थिति में रहा है। क्योंकि इस संधि के तहत भारत से निकलने वाली सभी प्रमुख 7 नदियां जो सिंधु बेसिन का हिस्सा हैं उसका लगभग
जैव विविधता को सहेजने की अपरिहार्यता
Posted on 11 Jul, 2023 03:56 PMयह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ओर हम जैव विविधिता के संरक्षण के प्रति चिंता जताते हुए संगोष्ठियां करते हैं, नए कानून बनाते हैं, वहीं प्रति वर्ष लाखों हेक्टेयर वन एवं करोड़ों जीवों का विनाश कर जैव विविधता को चुनौती देते हैं। ऐसे में समझना कठिन हो जाता है कि हमारे इस दोहरे आचरण से जैव विविधता का संरक्षण किस तरह होगा। आंकड़े बताते हैं कि पिछले सैकड़ों सालों में, विशेषकर गत 200 वर्षों में मनुष्य जाति न