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बायो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ला सकते हैं स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रान्ति
Posted on 12 Oct, 2018 03:35 PM

रोगों के उपचार के लिये ऐसे छोटे-छोटे मिनिस्कल इम्प्लांट्स तैयार किये गए हैं, जिनको शरीर के अन्दर प्रत्यारो

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भारत में हरित क्रांति के पूर्व एवं पश्चात कृषि उत्पादकता का विश्लेषणात्मक अध्ययन (An analytical study of agricultural productivity in India in pre & post Green revolution era)
Posted on 25 Jul, 2016 04:29 PM

सारांश


‘‘हरित क्रांति ने मनुष्य के भुखमरी एवं वंचना के विरुद्ध युद्ध में अस्थायी सफलता प्राप्त की है। इसने मनुष्य को साँस लेने हेतु स्थान प्रदान किया है।’’ -डा. नारमन ई. बारलाग (नोबेल भाषण, दिसम्बर 11, 1970)
पारसियों का बांध
आइये इस ब्लॉग में हम जानेंगे पारसी बांध के बारे में | Let us learn about Parsi Dam in this blog. Posted on 05 Aug, 2010 09:31 AM

गबरबंध के नाम से ही पता लगता है कि ये पारसियों या अग्निपूजकों का बांध था। पत्थर के इन बांधों का आकार और मजबूती ढलान के हिसाब से होती थी। दर्रों में ऊंचे और मजबूत बांध बनाए गए, तो सामान्य ढलानों पर संकरे और कम ऊंचे बांध बनाए गए। इन गबरबंधों का मकसद था- “शुष्क, बंजर पत्थरों पर कछारी मिट्टी की सतह बैठाना और बाढ़ के पानी को फायदेमंद उपयोग के लिए जमा करना।” कहीं-कहीं इसका मकसद जलाशयों में पानी जमा र

पारसियों का बांध
वर्षा के दिन लगातार कम हो रहे हैं
Posted on 26 Sep, 2009 10:22 PM

भोपाल. राजधानी में मानसून के दौरान वर्षा के दिन लगातार कम हो रहे हैं। इस साल मानसून में अब तक 3 मिमी से अधिक बारिश वाले दिनों की कुल संख्या 31 रही है जो पिछले 20 सालों में सबसे कम है। इससे पहले 1991 में यह संख्या सबसे कम 36 दिन थी।

जल की जय हो
Posted on 02 Sep, 2009 08:00 PM

भारत में जल की बढ़ती हुई मांग और अनुपलब्धता को देखते हुए कैबिनेट कमेटी ने 2007 को जल वर्ष के रूप में अनुमोदन किया था । इस देश में पानी की उपलब्धता 4000 लाख घन मीटर है जिसमें से 2150 लाख घन मीटर पृथ्वी की निचली सतह में चला जाता है । 1150 लाख घन मीटर नदी व नालों में जल भराव के रूप में बह जाता है और 700 लाख घन मीटर भाप के रूप में नष्ट हो जाता है । हमारे देश में कुल उपलब्ध पानी से लगभग 1400 लाख हैक

हिमनद पर बर्फ जमाव नहीं
Posted on 16 Dec, 2008 06:49 PM

अमेरिकी हिमनदवेत्ताओं ने दावा किया है कि गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदियों को जल की आपूर्ति करने वाले हिमालयी हिमनदों या ग्लेशियर पर अब बर्फ एकत्र नहीं हो रही है, जिससे विशाल पर्वत श्रृंखला की निचली धारा के पास रहने वाले करोड़ों लोग बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं।

पिघलते ग्लेशियर
भारत में पानी
Posted on 17 Oct, 2008 08:22 AM

प्रेमचन्द्र श्रीवास्तव / पर्यावरण संदेश

सामान्य तौर पर देखने से ऐसा लगता है कि भारत में पानी की कमी नहीं है। एक व्यक्ति को प्रतिदिन 140 लीटर जल उपलब्ध है। किन्तु यह तथ्य वास्तविकता से बहुत दूर है। संयुक्त राष्ट्र विकास संघ (यूएनडीओ) की मानव विकास रिपोर्ट कुछ दूसरे ही तथ्यों को उद्घाटित करती है। रिपोर्ट जहां एक ओर चौंकाने वाली है, वहीं दूसरी ओर घोर निराशा जगाती है।

भारत में पानी
एक जल-ग्रहण क्षेत्र का मैदानी अध्ययन
Posted on 11 Oct, 2008 01:16 AM

पोंधे जल-ग्रहण क्षेत्र, पुरंदर तालुका, जिला पुणे, महाराष्ट्र का मैदानी अध्ययन

द्वारा रैपिड हाईड्रोलॉजिकल मेपिंग पर आधारित अध्ययन


भारत वर्ष में अनेक विशाल क्षेत्र कठोर चट्टानों से आच्छादित हैं। ये चट्टान बहुत: आग्नेय एवं कायान्तरित मूल के हैं। देश के अनेक बंजर एवं अर्ध-बंजर क्षेत्रों में जल आपूर्ति ऐसी ही चट्टानों में संग्रहित भू-जल से होती है। यह कथन विशेषकर उन विशाल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सत्य है, जो कृषि एवं घरेलू उपयोग हेतु इस प्रकार के चट्टानों में संग्रहित भू-जल का दोहन करते हैं।

ACWADAM
फ्ल्यूरोसिस के शिकार
Posted on 09 Oct, 2008 06:46 PM

भारत में करीब 6.2 करोड़ लोग फ्ल्यूरोसिस से पीड़ित हैं, जिनमें से 6 करोड़ से अधिक बच्चे और युवा हैं। इससे पीड़ित युवाओं से करीब २०,००० केवल असम में हैं। अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और घने जंगलों के लिए मशहूर कर्बी एंगलांग में आबादी का दसवां हिस्सा दांत या हड्डी के फ्ल्यूरोसिस से पीड़ित हैं। नवा ठाकुरिया की रिपोर्ट।
09 जनवरी 2007/ मशहूर असमी फिल्मकार मंजू बारो कर्बी एंगलांग के जिला मुख्यालय दिफू आए हैं। वे यहां कर्बी के मशहूर लोगों पर एक डॉक्यु-फीचर फिल्म बनाने आए हैं। पटकथा कर्बी के ही लेखक बसंत दास ने लिखी है।

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