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शोध पत्र
पुरा- बाढ़ अध्ययन की आकल्पन में उपयोगिता
Posted on 07 Sep, 2023 10:17 AMसामान्य अर्थों में बाढ़ एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसकी मानव चिरकाल से अनुभूति करता आ रहा है और इसके मापन के तरह-तरह के वैज्ञानिक तरीके विकसित करने के प्रयास होते रहे हैं। वर्तमान युग संगणक युग माना जाता है। जलविज्ञान ने इसकी सहायता से पिछले कुछ दशकों में अच्छी प्रगति की है। पुरा - बाढ़ तकनीक के माध्यम से ऐसी बाढ़ जो सौ दौ सौ अथवा हजारों साल पहले कभी किसी नदी में आई थी उनके परिणाम काफी हद तक शुद्
गंगा की पवित्रता एवं रोग निवारण क्षमता का वैज्ञानिक रहस्य(Scientific secret of Ganga's purity and disease-preventing ability)
Posted on 04 Sep, 2023 01:14 PM"नमामि गंगे तव पादपंकजं सुरासुरैर्वन्दितदिव्यरूपम। भुक्तिं च मुक्तिं च ददासि नित्यं भावानुसारेण सदा नराणाम "। "हे गंगा माँ ! देवताओं और राक्षसों द्वारा वंदित आपके दिव्य चरण-कमलों को मैं नमन करता हूँ, जो मनुष्य को नित्य ही उसके भावानुसार भक्ति और मुक्ति प्रदान करते हैं।"
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा में एक नई शुरुआत(A New Beginning in Renewable Energy in India)
Posted on 04 Sep, 2023 12:29 PMनवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षेत्र राष्ट्र को ग्रिड पावर मुहैया कराने में बढ़-चढ़कर भूमिका निभा रहा है। इसकी कुल क्षमता लगभग 8,000 मेगावाट तक पहुंच गयी है और भारत ने केवल पवन ऊर्जा से 5,300 मेगावाट से अधिक की क्षमता हासिल करके विश्व में पवन ऊर्जा में चौथा स्थान प्राप्त कर लिया है। भारत द्वारा विश्व का सबसे बड़ा नवीकरणीय क्षमता विस्तार कार्यक्रम आरंभ किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा पर अ
पर्यावरण से सम्बंधित गंभीर समस्याएं एवं चुनौतियाँ (Serious problems and challenges related to environment in Hindi)
Posted on 29 Aug, 2023 05:04 PMवर्तमान में मानव को प्रदूषण संबंधी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं में जलवायु परिवर्तन की भी अहम भूमिका है। मनुष्य को तरह-तरह के संकेतों से प्रकृति समझा रही है कि धरती का तापमान बढ़ रहा है। प्राकृतिक आपदाएं भी प्रकृति के ऐसे ही संकेतों का रूप है जिनके द्वारा हम समझ सकते हैं कि पृथ्वी की जलवायु में परिवर्तन हो रहा है।
स्वच्छ ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या हैं (What are the main sources of Clean Energy in Hindi)
Posted on 29 Aug, 2023 02:06 PMकिसी भी कार्य को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर जीवाश्म ईंधन ऊर्जा के मुख्य स्रोत रहे हैं। इसीलिए काफी मात्रा में जीवाश्म ईंधन का उपयोग होता रहा है। विश्व स्तर पर अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा की खपत होने से जीवाश्म ईंधनों का उपयोग बढ़ा है। वर्तमान में वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के उत्पादन में जीवाश्म ईंधनों का योगदान 90 प्रतिशत है। जीवाश्म ईंधन के दहन से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड व अन्
प्रदूषण से प्रभावित होती जैव विविधता
Posted on 28 Aug, 2023 05:22 PMपृथ्वी पर जीवन विविध रूपों में उपस्थित है। यहां सूक्ष्मजीवों से लेकर विशालकाय हाथी एवं व्हेल जैसे जीव विद्यमान है। जीवन की यही विविधता जैव विविधता कहलाती है। जैव विविधता में पृथ्वी पर पाए जाने वाले समस्त जीव-जंतु, वनस्पतियां और सूक्ष्मजीव शामिल हैं। जैव विविधता के कारण पृथ्वी जीवन के विविध रंगों को संजोए हुए है। यहां पाए जाने वाली लाखों तरह की वनस्पतियां पृथ्वी के प्राकृतिक सौंदर्य का एक अंग है
सिंचाई जल प्रबंधन हेतु बदलना होगा खेती-बाड़ी का तौर-तरीका
Posted on 23 Aug, 2023 02:58 PMदेश में बढ़ते पेयजल संकट का एक कारण सिंचाई जल का कुप्रबंधन भी है। बात को स्पष्ट करने के लिए आइये पहले वैश्विक स्तर पर उपलब्ध जल पर चर्चा कर लें। हमारी धरती पर उपलब्ध सम्पूर्ण जल का 97.5 प्रतिशत भाग महासागरों में खारे जल के रूप में मौजूद है। यह जल पीने के लिए खेती के लिए अथवा उद्योगों आदि के लिए उपयोगी नहीं है। इसका पर्यावरणीय महत्व अवश्य है। धरती पर मौजूद कुल जल का मात्र 2.5 प्रतिशत स्वच्छ या म
सिल्पालीन अस्तरीकृत जलकुंड - कोंकण के कृषकों के लिए वरदान
Posted on 22 Aug, 2023 03:13 PMसारांश
महाराष्ट्र राज्य के पश्चिम किनारे को कोंकण तट के नाम से जाना जाता है। कोंकण तट की उत्तर-दक्षिण लम्बाई लगभग 750 किमी.
जल प्रबंधन एवं जबलपुर के तालों का समीक्षात्मक अध्ययन (Study of water management and Ponds of Jabalpur)
Posted on 21 Aug, 2023 06:06 PMमानव को जीवित रहने के लिए वायु के बाद दूसरा स्थान जल का ही है। इसके अतिरिक्त, कोई भी आर्थिक कार्य ऐसा नहीं है, जो जल के बिना संभव हो। वस्तुतः जल के बिना जीवन ही संभव नहीं है। सभ्यता के आदिकाल से ही मानव जल का उपयोग अपनी विविध आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु करता रहा है। यह आवश्यकता प्रगति के साथ-साथ तेजी से बढ़ती जा रही है। आधुनिक समय में तकनीकी विकास के कारण जल संसाधनों का प्रचुर प्रयोग सिंचाई, जल व
भारत में जल उपलब्धता एवं जल गुणवत्ता (Essay on Water Availability and Water Quality in India)
Posted on 19 Aug, 2023 04:05 PMईश्वर ने जब सृष्टि की रचना की तो सर्वप्रथम जल तत्व को बनाया। वेद के अनुसार जल दो शब्द 'ज' और 'ल' के मेल से बना है। 'ज' से जन्म और 'ल' से लय हो जाना अर्थात जन्म और मरण दोनों जल में सन्निहित हैं। जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है। "आपो हिष्ठा मयोभुवः " के द्वारा भी जल के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। कवि रहीम ने जल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए लि