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पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा
पाल के किनारे रखा इतिहास
Posted on 14 Apr, 2009 04:28 PM
''अच्छे-अच्छे काम करते जाना,'' राजा ने कूड़न किसान से कहा था। कूड़न, बुढ़ान सरमन और कौंराई थे चार भाई। चारों सुबह जल्दी उठकर अपने खेत पर काम करने जाते। दोपहर को कूड़न की बेटी आती, पोटली से खाना लेकर।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जलाशय : ऐतिहासिक विरासत
Posted on 03 Apr, 2009 01:56 PMदिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में जल संकट गहराने से जल संसाधनों के संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर विचार हो रहा है ऐसे में जल समस्या पर काम करने वाली संस्था जनहित फाउंडेशन ने भारत की जल संस्कृति से आम आदमी को रूबरू करवाने का प्रयास किया। 'पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जलाशय : ऐतिहासिक विरासत' नामक पुस्तक में भारत की प्राचीन जल संचयन प्रणालियों के अलावा दिल्ली से सटे मेरठ और उसके आस-पास मौजूद ऐतिहासरिव्यू-जल विद्युत का सच
Posted on 03 Apr, 2009 08:28 AMउत्तराखण्ड के डा भरत झुनझुनवाला की शोध-पुस्तिका ‘जल विद्युत का सच’ उत्तराखण्ड के श्रीनगर’ और ‘कोटलीभेल’ परियोजना पर कुछ तथ्य और सवाल रखती है। साथ ही यह ऐसी नीतियों के पीछे छिपे कारणों पर और अधिक विश्लेषण की मांग भी करती है। दरअसल सरकार अलकनन्दा नदी के कुल 270 किलोमीटर प्रवाह में से 179 किलोमीटर पर बांधों की श्रृंखला बना रही है। इसके तहत ‘कोटलीभेल 1बी’ परियोजना में ही कुल 495 हेक्टेयर जंगल डभोपाल का पानी
Posted on 28 Dec, 2008 09:31 AMभास्कर न्यूज/ भोपाल. राजधानी में पानी के प्रदूषण की भयावहता उजागर होने के बाद अब सरकार ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है। आवास एवं पर्यावरण मंत्री जयंत मलैया ने स्थिति पर तुरंत काबू पाने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को भास्कर ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि राजधानी के भूमिगत तथा बाहरी जल में भारी तत्वों की उपस्थिति घातक स्तर तक पहुंच चुकी है। इसके बाद शुक्रवार को दिनभर गहमागहमी का माहौल रहा।आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल के
जल चक्र (Water Cycle Definition in Hindi)
Posted on 13 Oct, 2008 11:16 AMजल चक्र (Water Cycle Definition in Hindi) 1. जल-चक्र - (पुं.) (तत्.) - निरंतर चलने वाली वह (अटूट) प्रक्रिया जिसमें पहले समुद्र का पानी भाप (वाष्प) बनकर बादल बनता है, फिर वही बादल पानी बरसाता है और फिर वही पानी नदियों से होता हुआ समुद्र में जा मिलता है। water cycle
ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ता खतरा और उपाय
Posted on 04 Oct, 2008 08:41 PM
कंक्रीट का जंगल?
जो पानी की बरबादी करते हैं, उनसे मैं यही पूछना चाहता हूँ कि क्या उन्होंने बिना पानी के जीने की कोई कला सीख ली है, तो हमें भी बताए, ताकि भावी पीढ़ी बिना पानी के जीना सीख सके। नहीं तो तालाब के स्थान पर मॉल बनाना क्या उचित है? आज हो यही रहा है। पानी को बरबाद करने वालों यह समझ लो कि यही पानी तुम्हें बरबाद करके रहेगा। एक बूँद पानी याने एक बूँद खून, यही समझ लो। पानी आपने बरबाद किया, खून आपके परिवार वालों का बहेगा। क्या अपनी ऑंखों का इतना सक्षम बना लोगे कि अपने ही परिवार के किस प्रिय सदस्य का खून बेकार बहता देख पाओगे? अगर नहीं, तो आज से ही नहीं, बल्कि अभी से पानी की एक-एक बूँद को सहेजना शुरू कर दो। अगर ऐसा नहीं किया, तो मारे जाओगे।
नर्मदा की सभ्यता पर एक दृष्टि
Posted on 20 Sep, 2008 10:24 AMविश्व की प्राचीनतम नदी सभ्यताओं में नर्मदा घाटी सभ्यता का विशेष स्थान है। पुराविदों के लिए तो जैसे यह सोने की खान है। एकेडेमी ऑफ इंडियन न्यूमिस्मेटिक्स एंड सिगिलोग्राफी, इंदौर ने हाल ही में नर्मदा घाटी की संस्कृति व सभ्यता पर केंद्रित एक विशेषांक निकाला है, जो इस प्राचीन सभ्यता की खोज और उससे जुड़ी चुनौतियों को रेखांकित करता है।
जल प्रदूषण क्या है | Water Pollution Essay in Hindi
Posted on 15 Sep, 2008 09:43 AMजल प्रदूषण जल भी पर्यावरण का अभिन्न अंग है। मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। मानव स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ जल का होना नितांत आवश्यक है। जल की अनुपस्थित में मानव कुछ दिन ही जिन्दा रह पाता है क्योंकि मानव शरीर का एक बड़ा हिस्सा जल होता है। अतः स्वच्छ जल के अभाव में किसी प्राणी के जीवन की क्या, किसी सभ्यता की कल्पना, नहीं की जा सकती है। यह सब आज मानव को मालूम होते हुए भी जल को बिना