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बरगी बांध की डूब में डूबते-उतराते सवाल
Posted on 17 Feb, 2011 11:42 AM


साथियों, 2010 का साल बड़े बाँधों की 50वीं बरसी का साल था। यह 50वां साल हमें समीक्षा का अवसर देता है कि हम यह तय कर सकें कि यह नव-विकास क्या सचमुच अपने साथ विकास को लेकर आ रहा है या इस तरह के विकास के साथ विनाश के आने की खबरें ज्यादा है। इस पूरी बहस में एक सवाल यह भी है कि यह विकास हम मान भी लें तो यह किसकी कीमत पर किसका विकास है? दलित/आदिवासी या हाशिये पर खड़े लोग ही हर बार इस विकास की भेंट क्यों चढ़ें? आखिर क्यों?

ग्रीनपीस ने की “ग्रीन बजट” की मांग
Posted on 15 Jan, 2011 10:54 AM


पर्यावरण अनुकूल खेती और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने लिए अधिक फंड आवंटन पर दिया जो़र
बजट पूर्व विमर्श के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा बुलाई गयी बैठक में ग्रीनपीस ने आज कहा कि अब वक्त आ गया है कि सरकार मौजूदा केन्द्रीय बजट 2011-12 को पर्यावरण अनुकूल बनाये।

भू-जल के व्यावसायिक उपयोग पर पाबंदी
Posted on 05 Jan, 2011 10:32 AM

गुड़गांव. साइबर सिटी में औद्योगिक इकाइयां एवं होटल अब भू-जल का अत्यधिक दोहन नहीं कर सकेंगे। भू-जल के बेलगाम दोहन पर लगाम कसने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ट्यूबवेलों के व्यावसायिक प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।

फिल्टरेशन पिट से बढ़ेगा कुओं का जल स्तर
Posted on 03 Jan, 2011 09:49 AM

वर्षा की कमी व अत्यधिक दोहन के कारण भू जल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है। इससे भू जल भंडारण में कमी हो रही है। इसे दूर करने के लिए राज्य सरकार ने नाबार्ड की सहायता से कूप पुनर्भरण योजना बनाई। इसमें कुएं के समीप फिल्ट्रेशन पिट बनाकर कुएं का जल स्तर बढ़ाया जाएगा। इस पिट में वर्षा का जल इकट्ठा किया जाएगा। इसका ग्राम पंचायत क्षेत्र सिलोरा में पहला प्रदर्शनीय प्लांट लगाने के लिए भू-जल विभाग के पदाध

पानी- सप्लाई 33, खपत 6 और बर्बादी 27 एमजीडी की
Posted on 31 Dec, 2010 09:06 AM


रांची. राजधानी में पेयजल उपभोक्ताओं को सप्लाई किए जाने वाले 33 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) पानी में से सिर्फ छह एमजीडी ही इस्तेमाल होता है। शेष 27 एमजीडी पानी कहां जाता है, इसका हिसाब नगर निगम के पास नहीं है, जबकि इतना पानी राजधानी के लगभग 7.50 लाख उपभोक्ता की जल संबंधी जरूरत पूरी कर सकता है।

'आओ जानें, अपना पानी' अभियान
Posted on 30 Dec, 2010 10:40 AM

अभियान में निकले चौंकाने वाले तथ्य


भारत नदियों का देश कहा जाता है। यहां पानी के विभिन्न प्रकार के स्रोत व उनकी परम्परा मौजूद रही है। पानी की इसी परम्परा ने भारतीय समाज को एक सभ्य व प्रकृति के साथ जीने वाला बनाया है। भारत के कुल करीब साढे़ छः लाख गांवों में करीब 50 लाख तालाब व अन्य जलस्रोत मौजूद हैं। लेकिन वर्तमान में ये अधिकतर दयनीय हालत में हैं।
हर आदमी रोज बहाता है दो हजार लीटर पानी
Posted on 15 Dec, 2010 07:41 AM

पानी की महत्ता के बारे में अनभिज्ञ होने की वजह से औसतन हर आदमी अपनी दिनचर्या के दौरान, यानी नाश्ता और दिन के भोजन के दौरान रोजाना लगभग दो हजार लीटर पानी व्यर्थ बहा देता है।

पानी का दुरुपयोग
कानकुन जलवायु सम्मेलन
Posted on 07 Dec, 2010 11:24 AM इन दिनों मैक्सिको के शहर कानकुन में संयुक्त राष्ट्र का जलवायु परिवर्तन सम्मेलन चल रहा है। इसमें दुनिया भर के 194 देश हिस्सा ले रहे हैं। 29 नवंबर को शुरू हुआ यह सम्मेलन 10 दिसंबर तक चलेगा। इसमें 15,000 से अधिक आधिकारिक प्रतिनिधि, पर्यावरण कार्यकर्ता और पत्रकार भाग ले रहे हैं। यह सम्मेलन क्योटो पर्यावरण संधि के बाद के समय के लिए कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए हो रहा है। क्योटो संधि 2011 में समाप्त हो रही है।वर्ष 1992 में ब्राजील में हुए रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन समझौते को लेकर यूएन कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज तैयार की गई थी। क्योटो में 1997 में हुई संधि में कहा गया था कि औद्योगीकृत देश ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को 1990 के स्तर से पांच फीसदी कम करेंगे।

इस संधि पर अमेरिका ने हस्ताक्षर नहीं किया था। पिछले वर्ष कोपेनहेगन में भी जलवायु परिवर्तन को लेकर
चांद का पानी और धरती की प्यास
Posted on 20 Nov, 2010 07:41 AM नासा ने कुछ समय पहले एक रिपोर्ट जारी की कि चांद की सतह पर मिट्टी में काफी पानी है और इसकी उपलब्धता से अंतरिक्ष यात्री चांद पर काफी दिन बिता सकते हैं।

यहां लगभग एक टन मिट्टी में 11-12 गैलन पानी मिलने की संभावना आंकी गई है। अनुसंधानकर्ताओं ने विश्लेषण के बाद बताया है कि चांद के कुछ क्षेत्र में मिट्टी में पांच प्रतिशत वजन के हिसाब से जमा पानी बर्फ के दानों के रूप में मौजूद है। इस बर्फ का उपयोग पानी के रूप में हो सकेगा और इसे कमरे के तापक्रम पर पिघला सकते हैं। अमेरिका की एक दूसरी अंतरिक्ष ऐजेंसी अमेस अनुसंधान केंद्र के ऐंथनी कोलाप्रेट ने भी इन बिंदुओं का खुलासा किया है।

बताया गया है कि चांद पर बर्फ रूप में मौजूद यह पानी पूरी सतह पर एक समान दक्षिणी ध्रुव में नहीं फैला है बल्कि अलग-अलग स्थानों पर भिन्न-भिन्न अनुपात में है। चांद के दक्षिणी ध्रुव में अंधेरा और ठंडा क्रेटर है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह
घर की उबटन के क्या कहने?
Posted on 11 Nov, 2010 10:05 AM
महिलाएं सुंदर दिखाई पडऩे के लिये नये-नये सौन्दर्य प्रसाधनों और तरह-तरह के लेप व लोशनों का जी भर कर प्रयोग करती हैं जिससे त्वचा में आने वाले ढलाव को छिपा लिया जाये परन्तु प्रयोग स्थायी नहीं है। मेकअप के उतरते ही असलियत सामने आ जाती है और क्रूर उपहास-सा करती हुई प्रतीत होती है।
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