उत्तरकाशी जिला

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जेपी कंपनी : अलकनंदा की हत्या बंद करो
Posted on 10 Dec, 2013 04:15 PM

हरित प्राधिकरण का आदेश अगली सुनवाई में पर्यावरण मंत्रालय के सह-सचिव स्वयं आए

हिमालय में सुनामी : आपदा पर उत्तराखंड हिमालय की आवाज़ सुनो...
Posted on 05 Dec, 2013 04:42 PM विकास के जिस मॉडल पर आज तक बेतहाशा सड़के खुदती रही विद्युत परियोजनाएं भारी विस्फोटों के साथ सुरंगे खोद कर संवदेनशील पर्वत माला को झकझोरती रही और नदियों के अविरल प्रवाह को जहाँ-तहाँ रोककर गांव के लोगों के लिए कृत्रिम जलाभाव पैदा किया गया और कभी इन्हीं जलाशयों को अचानक खोलकर लोगों की जमीनें एवं आबादियां बहा दी गई। अब भविष्य में ऐसा विकास का मॉडल उत्तराखंड में नहीं चलेगा। इस आवाज़ को इस रिपोर्ट के माध्यम से यहां के लोगों ने बुलंद किया है। उत्तराखंड में 16-17 जून को आई आपदा की जानकारी इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया के द्वारा प्रचारित की जाती रही है। इसके अलावा कई लेखकों व प्रख्यात पर्यावरणविदों ने भी आपदा के कारणों व भविष्य के प्रभावों पर सबका ध्यान आकर्षित किया। इसी को ध्यान में रखते हुए 23-26 सितम्बर 2013 को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, अगस्तमुनी, ऊखीमठ, गोपेश्वर, कर्णप्रयाग, श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार के प्रभावित गांव व क्षेत्र का अध्ययन एक टीम द्वारा किया गया है। इस टीम में प्राकृतिक संसाधनों पर विशेषज्ञों का एक दल जिसमें उड़ीसा स्थित अग्रगामी से श्रीमती विद्यादास, गुजरात में कार्यरत दिशा संस्था की सुश्री पाउलोमी मिस्त्री, और कर्नाटक संस्था इन्वायरमेंट प्रोटेक्शन ग्रुप के श्री लियो सलडान और दिल्ली से ब्रतिन्दी जेना शामिल थी।
उत्तराखंड बांध त्रासदी, भाग-4
Posted on 12 Nov, 2013 10:55 AM अस्सीगंगा के जलागम क्षेत्र के सतगढ़ी, खेलगढ़ आदि वनों में हजारों टन
उत्तराखंड त्रासदी : मानव द्वारा उत्पन्न आपदा
Posted on 27 Oct, 2013 01:51 PM उत्तराखंड में पिछले एक दशक से सड़कों का निर्माण और विस्तार किया जा रहा है। इसके लिए भूवैज्ञानिक फॉल्ट लाइन, भूस्खलन के जोखिम को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है और विस्फोट के इस्तेमाल, वनों की कटाई, भूस्खलन के जोखिम पर कोई ध्यान दिए बगैर, उपयुक्त जलनिकासी संरचना के अभाव सहित विभिन्न सुरक्षा नियमों की अनदेखी की जा रही है। पिछले दशक में पर्यटन के तीव्र विस्तार में आपदा प्रबंधन के आधारभूत नियमों पर ध्यान नहीं दिया गया। 38,000 वर्ग कि.मी. से भी अधिक के दायरे में फैले हिमालयी क्षेत्र की पर्वतधाराओं, नदियों, वनों, हिमनदों और लोगों को प्रभावित करने वाली प्राकृतिक आपदा का जटिल होना लाज़िमी है। प्राकृतिक आपदाएं और इसके प्रभाव अक्सर एक साथ कई चीजों के घटने का परिणाम होती हैं। हाल में उत्तराखंड में आई आपदा उन मानव जनित कारणों को उजागर करती है जिसकी वजह से इस घटना का प्रभाव कई गुना बढ़ गया। उत्तराखंड कच्चे और नए पहाड़ों वाला राज्य है। यह क्षेत्र भारी वर्षा, बादल फटने, भूस्खलन, आकस्मिक बाढ़ और भूस्खलन से अक्सर प्रभावित होता रहता है। यहां के भूतत्व में काफी समस्याएं हैं। जलवायु परिवर्तन की वजह से बादल फटने और आकस्मिक बाढ़, हिमनद के फटने से बाढ़ (हाल में हुई आपदा में एक से अधिक जगहों पर इनकी आशंका लगा रही है जिसमें केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और पिथौरागढ़ के ऊपर बहने वाली धाराएं शामिल हैं) सहित काफी तेज वर्षा के प्रभाव में वृद्धि हो रही है और इन सबके साथ भूस्खलन की घटनाएँ हो रही हैं।
जन सरोकारों से जुड़े एक नए आन्दोलन का आगाज़...
Posted on 24 Oct, 2013 12:12 PM पीड़ितों ने अपनी इस लडाई को लड़ने के लिए केदारघाटी विस्थापन व पुनर्वास संघर्ष समिति का गठन किया। संगठन ने पीड़ितों के मुआवजा वितरण से लेकर उनके पुनर्वास व विस्थापन तक के मुद्दे को अपने एजेंडे में शामिल किया। पहली बार आपदा पीड़ितों के विस्थापन व पुनर्वास की मांग को लेकर आंदोलनात्मक कार्यक्रम हो रहे हैं। संगठन आपदा पीड़ितों के विस्थापन व पुनर्वास को पीड़ितों का अधिकार मानते हुए सरकार पर कई स्तरों से दबाब बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है। उत्तराखंड के पहाड़ और प्राकृतिक आपदाओं का लंबा इतिहास है। पहाड़ों में लगभग हर साल प्राकृतिक आपदा आती है। बादल फटने, भू-स्खलन जैसी घटनाएँ अब आम हो गई हैं। इन घटनाओं में भारी मात्रा में संपत्ति नष्ट होती है। कई लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं। सरकार फौरी तौर पर राहत और बचाव के कार्य करती है। आपदा प्रभावितों को नाममात्र की कुछ मुआवजा राशि वितरित की जाती है और सरकार अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेती है। पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। इसके विपरीत सरकार और उसके कर्ताधर्ताओं की मानों लाटरी खुल गई हो।
जय उत्तराखंड गौरव
Posted on 24 Oct, 2013 11:18 AM संतोष के 16 खच्चर चलते हैं। उनके लिए घर में चने की 8 बोरियां रखी थी। संतोष के परिवार ने उसे ही उबाल कर भूखे यात्रियों को खिलाया। ज
उत्तराखंड त्रासदी से सही सीख लेने की जरूरत
Posted on 29 Sep, 2013 10:51 AM पहाड़ के निचले इलाकों में उद्योग लगाने के लिए लाइसेंस जारी किए गए ह
उत्तराखंड: निर्माण के मापदंडों का निर्धारण
Posted on 21 Sep, 2013 03:44 PM महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि हमारे पास हिमालय की बहुत कम जानकारी है और
उत्तराखंड बांध त्रासदी, भाग -3
Posted on 17 Sep, 2013 10:12 AM आपदा प्रबंधन में लगी सरकार को फुर्सत कहां की वो नई आपदाओं को रोकने
उत्तराखंड बांध त्रासदी, भाग -2
Posted on 12 Sep, 2013 10:23 AM

आपदाग्रस्त उत्तराखंड में टी.एच.डी.सी. की मनमानी

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