Posted on 29 Jun, 2014 12:44 PMलामबगड़, विनायक चट्टी, पांडुकेश्वर, गोविंदधार के पुल बहने से जो नुकसान हुआ, उसका मुख्य कारण था समय रहते विष्णुप्रयाग बांध के दरवाजों का न खुलना।
Posted on 28 Jun, 2014 11:59 AMदुनिया के पहाड़ों में हिमालय की उम्र सबसे कम है। दक्षिण की तरह ये पक्के पहाड़ नहीं है। जिस मैदान में मित्र-मिलन की बैठक चल रही थी उसी के सामने खड़े पहाड़ इस बात की साक्षी दे रहे थे। 839 फीट ऊंचे टिहरी बांध के फलस्वरूप बनने वाली झील में जब ये पहाड़ समा जाएंगे तो इतनी गाद पैदा होगी कि झीलें भर जाएंगी। साधारण आदमी भी इन पहाड़ों को देखकर यह बात समझ सकता है। भूकंपीय खतरे बांध तक ही सीमित नहीं होते वे आस-पास भी कहर बरसाते हैं। गंगा की मुख्य स्रोत भागीरथी करीब 200 किलोमीटर की यात्रा करके पौराणिक शहर त्रिहरी ‘टिहरी’ पहुंचती है। इस शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा-सा गांव है-सिराई। जो पहाड़ पर बसा हुआ है और उसकी तराई में जहां भागीरथी बहती है एक समतल मैदान है जिसे दोनों छोर के पहाड़ों, कलकल करती बहती भगीरथी तथा उसकी चमकीली रेत ने रमणीय और मनमोहक बना दिया है। हिमालय पर्वत की गोद में जाने कितने ऐसे रमणीय स्थल होंगे।
यह रमणीयता यहां के बाशिंदों के लिए केवल आत्मिक ही नहीं है, भौतिक भी है। हवा, पानी, मिट्टी, पेड़ जो प्राकृतिक छटा के अंग है, उनके जीवनाधार भी है। गंगोत्री से नीचे जाते हुए लोगों से पूछिए “कहां जा रहे हो?” वे कहते हैं - “गंगाघर” जा रहे हैं। गंगा उनकी मां है और उसके किनारे बने घर दूर गए बेटों की मां के घर है।
Posted on 26 Jun, 2014 01:16 PMहिमालय के गांव हों या शहर, एक समय था जब यहां पर समाज खुद अपने पीने के पानी की व्यवस्था करता था। वह राज्य या सरकार पर निर्भर नहीं रहता था। सदियों पुरानी पेयजल की यह व्यवस्था कुमाऊं के गांवों में नौला व धारे के नाम से जानी जाती है। ये नौले और धारे यहां के निवासियों के पीने के पानी की आपूर्ति किया करते थे। इस व्यवस्था को अंग्रेजों ने भी नहीं छेड़ा था।
Posted on 12 Jun, 2014 11:35 AMप्रभावित गांवों का प्राथमिकता के आधार पर संक्षिप्त विवरण प्रदेश के कई जिलों व विकास खंडों के गाँवों में अभी तक सरकार की राहत राशि व पुनर्वास के काम शुरू नहीं हो पाए हैं। इन इलाकों की विस्तृत सूची तो व्यापक सर्वे के बाद तैयार हो पाएगी अभी तक प्राप्त सूचनाओं व आकड़ों के आधार पर निम्न गांवों में त्वरित राहत खासकर अस्थाई आवास व भोजन, गर्म कपड़ों व बिस्तर की आवश्