Posted on 27 May, 2014 11:18 AMओमप्रकाश डोभाल से भुवन पाठक द्वारा ली गई साक्षात्कार पर आधारित लेख।
डोभाल जी आप अपना पूरा नाम और क्या करते हैं इसके बारे में थोड़ा बताएंगे? मैं, एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हूं और हमारा एक संगठन भी है जिसका अध्यक्ष मैं ही हूं। हम लोग सामाजिक कार्यों के तहत लोगों को कम्प्यूटर शिक्षा भी देते हैं।
Posted on 26 May, 2014 11:17 AMआप, अपना थोड़ा सा परिचय दीजिए। मैं, हिंगोल घाटी के जड़धार गांव में रहा हूं और उत्तराखंड में पर्यावरण जागरुकता को लेकर चले विभिन्न आंदोलनों जैसे चिपको, खनन विरोधी आंदोलन, टिहरी बांध विरोधी आंदोलन और अब बीज बचाओ आंदोलन मैं शामिल रहा।
Posted on 25 May, 2014 02:12 PMहमारी भारतीय संस्कृति अरण्य संस्कृति थी। हमारे शिक्षा के केन्द्र, अर्थात आश्रम अरण्य में थे। गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने अरण्यों को पुर्नजीवित करने के लिए शांति निकेतन की स्थापना की। कमरों के अंदर पढ़ने का चलन तो अंग्रेजों ने पैदा किया था क्योंकि उनका देश ठंडा था और घरों से बाहर बैठकर पढ़ाई नहीं हो सकती थी। इसलिए उन्होंने ये सारा जाल बुना। उनके आने से पहले
Posted on 24 May, 2014 02:10 PMआप अपना थोड़ा सा परिचय दीजिए। मेरा जन्म अल्मोड़ा में रानीखेत जिले के गंगोली गांव में हुआ। जहां तक शिक्षा का सवाल है, वो तो मैंने समाज से प्राप्त की और वो अब भी जारी है। स्कूल काॅलेज के बारे में कहूं तो मैंने राजनीति विज्ञान से एम.ए. करने के बाद एल.एल.बीकिया। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ मैं, सामाजिक आंदोलनों से भी जुड़ा रहा। आज भी मैं, देश में घूम-घूमकर शिक्षा प्राप्त कर रहा हूं।