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उत्तराखंड
पहाड़ की आत्मकथा : हाँ, मैं हूं हिमालय का पहाड़ बहुत उदास, नित दरकता, सूखता।
Posted on 02 May, 2019 03:55 PMबड़ी-बड़ी मशीनें मेरी रूह पर निरंतर और घंटों चल रही हैं। मुझे खोदा जा रहा है ताकि उनका सफर आसान हो। मुझसे मिट्टी और पत्थर खरोंचे जा रहे हैं। जब मानव का दिल चाहता है वो एक विस्फोट करता है और मुझसे मरे शरीर का एक हिस्सा ले लेता है। जो काम का नहीं, उसे फिर मेरे शरीर पर ही डाल देता है और वृक्ष रूपी मेरे शरीर के बाल भी इस मलबे में दफन हो जाते हैं। वो जब मुझे विकास के नाम पर बलि चढ़ाते हैं, मेरे प्रवाह
खतरे में गंगा का मायका मुखबा
Posted on 02 May, 2019 01:04 PMतापमान बढ़ने के साथ ही 30 मार्च को मुखबा गांव के समीप ही एक बर्फीला तूफान यानि एवलांच आया और उसने गंगा-भागीरथी की राह कुछ देर रोक ली। इसके चलते वहां झील बन गयी और स्थिति खतरनाक हो गई। हालांकि यह स्थिति कुछ मिनटों तक ही रही लेकिन इस दौरान भागीरथी ने विकराल रूप ले लिया था। इसके बाद जिला आपदा प्रबंधन ने मुखबा के ग्रामीणों और पर्यटकों को सतर्क रहने के लिए कहा है। जिस दिन यह घटना हुई उस दिन यहां का त

झील में डूबा अतीत, भविष्य अधर में
Posted on 02 May, 2019 11:33 AMयूं तो नदियों के किनारे मानव सभ्यता जन्मी है, लेकिन टिहरी झील एक पूरी मानव सभ्यता को डुबो कर अस्तित्व में आई है। पानी के किनारे बसे लोगों को जीने के लिए, आजीविका के लिए, कहीं और जाने की जरूरत नहीं होती। लेकिन टिहरी झील के किनारे बसे सैकड़ों गांव के लोग कहते हैं कि हमें तो काला पानी की सजा हो गई है। उनके आजीविका के साधन नष्ट हो गए, खेत डूब गए, जंगल उजड़ गए। पशुओं को चारा तक उपलब्ध कराना मुश्किल है

अवैध बोरिंग की वजह से ग्राउंड वाॅटर लेवल नीचे गिरता जा रहा है
Posted on 01 May, 2019 01:56 PMदेहरादून में पानी की रोज नई समस्यायें सामने आ रही हैं। पहले पाइप फटने की वजह से पानी की किल्लत हो रही थी और अब ग्राउंड वाटर के लेवल में गिरावट से परेशानी हो रही है। देहरादून का ग्राउंड वाॅटर लेवल लगातार नीचे गिर रहा है इसके बावजूद अवैध बोरिंग करके ट्यूबवेल लगाने पर कोई रोक नहीं लग पा रही है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में लोग पानी के लिए तरस जाएंगे।

पानी के संकट का स्थाई समाधान नहीं हैं टैंकर और जेनरेटर
Posted on 30 Apr, 2019 01:19 PMगर्मी आते ही देहरादून में पानी का संकट सामने आने लगा है। देहरादून जिले में पानी की सप्लाई ठीक तरह से नहीं हो पा रही है जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पानी की समस्या को ठीक करने के लिए कुछ क्षेत्रों को चिन्ह्रित किया गया है। पूरे देहरादून जिले में 311 संवेदनशील क्षेत्र चुने गये हैं। जिसमें दून अनुरक्षण खंड में सबसे ज्यादा पानी की किल्लत है। यहां संवेदनशील क्षेत्रों की संख्य

हाईकोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 10 जून तक रिपोर्ट मांगी
Posted on 30 Apr, 2019 12:17 PMनैनीताल हाईकोर्ट ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदेश में ऐसे फैक्ट्रियों की जांच के आदेश दिए हैं जो प्रदूषण फैला रही हैं। साथ ही जांच रिपोर्ट को 10 जून तक कोर्ट में पेश करने का आदेश भी जारी किया है। इसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई 13 जून को की जाएगी उसी समय जांच रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी। इससे पहले भी अदालत इस मामले में आदेश दे चुकी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन औ

लखवाड़ प्रोजेक्ट के लिए लेनी होगी नई एनओसी
Posted on 30 Apr, 2019 10:57 AM300 मेगावाट क्षमता की लखवाड़ विद्धुत परियोजना एक बार फिर पेंच में फंस गया है। 43 साल पहले इस परियोजना को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी मिली थी जिस पर आपत्ति लग गयी है। इसके बाद राज्य को अब नए सिरे से इस प्रोजेक्ट हेतु वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी लेनी होगी। लखवाड़ प्रोजेक्ट को पहली बार 1976 में पहली बार योजना आयोग ने मंजूरी दी थी। 1987 में प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ, लेकिन चार वर्ष बाद

जल स्त्रोत भरे रहने के बावजूद उत्तरकाशी पानी के संकट से जूझ रहा है
Posted on 29 Apr, 2019 05:32 PMउत्तरकाशी में पानी के प्राकृतिक स्थायी स्त्रोत के होने के बावजूद गर्मियों के दिनों में पूरे जिले में पानी की कमी की समस्या होने लगती है। कई विशेषज्ञों का कहना है उत्तरकाशी में पानी का संकट इसलिये आ रहा है क्योंकि प्रशासन पानी की व्यवस्था में लापरवाही बरत रही है। द्वारिका सेमवाल जो सोशल एक्टिविस्ट हैं उनका कहना है, ‘एक शहरी क्षेत्र को एक दिन में 135 लीटर की आवश्यकता होती है और ग्रामीण इलाकों में
सहस्त्रधारा से अवैध खनन की मिट्टी पुलिस विभाग को जानी थी
Posted on 27 Apr, 2019 12:47 PM
पर्यटक स्थल सहस्त्रधारा को बचाने की मुहिम में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सहस्त्रधारा में एक बड़े हिस्से में अवैध रूप से पहाड़ खोदकर निकलने वाली मिट्टी पुलिस विभाग की देहरादून में बनने वाली एक बड़ी बिल्डिंग में भरान के लिए जानी थी। इसके लिए प्रॉपर्टी डीलर का एक आईपीएस से समझौता तक हो गया था।