उत्तर प्रदेश

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मुख्य शहरों में प्रदूषण की जाँच अब पड़ेगी महंगी
Posted on 08 Jun, 2016 11:44 AM

सीपीसीबी नए नियमों के चलते वायु और जल प्रदूषण जाँच सम्बन्धी जिम्मेदारी या तो बोर्डों को ख

प्रदेश में पानी के संकट को लेकर सरकार गम्भीर - कृषि उत्पादन आयुक्त
Posted on 08 Jun, 2016 11:04 AM
मौसम विभाग ने इस बार अच्छी बारिश की सम्भावना जताई है। इसे ले
पहाड़ से मैदान तक पानी पर संकट
Posted on 07 Jun, 2016 04:04 PM

संगम किनारे भी सिकुड़ने लगीं यमुना

दिल्ली एनसीआर में अब सार्वजनिक स्थानों पर वाटर एटीएम
Posted on 07 Jun, 2016 12:30 PM
नोएडा। सार्वजनिक स्थानों पर पीने के पानी की किल्लत अब खत्म हो जाएगी। प्राधिकरण ने इसके लिए वाटर एटीएम मशीनें तैयार कर दी हैं। आज से वाटर एटीएम सार्वजनिक स्थानों पर नजर आएँगे। इन वाटर एटीएम से दो रुपए 250 मिली लीटर और पाँच रुपए में एक लीटर पीने का शुद्ध पानी मुहैया हो सकेगा। प्राधिकरण की योजना शहर में कुल 25 स्थानों पर वाटर एटीएम लगाने की है।
Bundelkhand: The hand that built Khajuraho temples
Posted on 05 Jun, 2016 04:45 PM
A thousand years ago, the Chandela Rajputs ruled this central part of India. It was Bundelkhand’s most glorious era, when they built the temples at Khajuraho, forts and palaces – and massive talabs (tanks, some of which are as big as lakes).
प्रशासन और परिषद में तालाब के मालिकाना हक की शुरू हुई जंग
Posted on 26 May, 2016 11:49 AM कानपुर – हिन्दुस्तान की पहल पर जलपुरुष नाम से विख्यात राजेन्द्र सिंह के द्वारा एक तालाब की खुदाई का शुभारम्भ श्रमदान से किये जाने को लेकर प्रशासन तथा आवास विकास परिषद के बीच मालिकाना हक को लेकर जंग शुरू हो गई है। आवास विकास परिषद ने दावेदारी की है कि जिस नाना के तालाब को तालाब बताकर प्रशासन तथा हिन्दुस्तान ने संयुक्त रूप से जलपुरुष से श्रमदान करवा कर खुदाई शुरू की है वो अधिगृहित की गई जमीन है जिसक
इज्जत और मर्यादा की खातिर बनवाया शौचालय
Posted on 23 May, 2016 01:41 PM
स्वच्छता मिशन से प्रेरित होकर उठाया कदम
घर में शौचालय बनवाकर गाँव की ब्रांड एम्बेसडर बन रहीं महिलाएँ


.एनसीआर में शामिल महाभारतकालीन शहर मेरठ में भले ही विकास की अन्धाधुन्ध दौड़ क्यों न चल रही हो। लेकिन तेज रफ्तार भरे इस शहर के कई गाँव ऐसे हैं जो आज भी जिन्दगी की बुनियादी सुविधाओं के अभाव में गुजारने को मजबूर हैं। गंगा यमुना तहजीब की गवाह दोआबा भूमि कहलाने वाले मेरठ में गंगाजल से फसलें लहलहाती थीं।

विकास की दौड़ ने हवाईअड्डे, शॉपिंग मॉल और बहुमंजिला इमारतें तो शहर में खड़ी कर दीं। लेकिन इनके अन्धेरे में खेत-खलिहान खोते चले गए। खेतों में गेहूँ, गन्ने की जगह खड़ी होने वाली इमारतों, मॉल्स, फ्लाईओवर और सड़कों ने महज खाद्यान्न का संकट ही खड़ा नहीं किया, बल्कि उन तमाम ग्रामीण औरतों से शौचालय का वो अधिकार भी छीन लिया जो सवेरे चार बजे उठकर दिशा-मैदान के लिये सीधे इन खेतों की शरण में जाती थीं।
खाली गई वाटर ट्रेन उत्तर प्रदेश का पानी लेकर लौटी
Posted on 20 May, 2016 10:41 AM
बुन्देलखण्ड में पानी की समस्या को देखते हुए रतलाम मंडल से 3 मई को भेजी गई थी वाटर स्पेशल
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