राजस्थान

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Water Crisis in Rajasthan
Posted on 18 Apr, 2016 03:39 PM


“She sends me to fetch water Very early in the morning Oh! Grandfather it is very difficult for me My pot never fills up fully The water is so deep That my rope hardly reaches it The sun rises and also sets By the time, I return Unable to collect even one pot-full of water” - A folk song of Rajasthan

सुनो सरकार जयसमंद झील रोये जार-जार
Posted on 17 Apr, 2016 11:47 AM
एकाएक लोगों को अपनी ओर खींच लेने वाली विश्व प्रसिद्ध नौ नदियों एवं निन्यानवे नालों का जल अपने आँचल में समेटे जयसमंद झील अपनी बर्बादी पर आँसू बहा रही है। विश्व दूसरी बड़ी कृत्रिम झील पर जहाँ सरकार और अधिकारी पर्यटन की बहार लाने के जतन करते रहे हैं, लेकिन अधूरे मन से। यहाँ न तो कोई योजना और न ही बड़ा कार्य ठोस रूप से चालू हो सका है।
पर्यावरण एवं सामाजिक न्याय नेतृत्व पर आठ दिवसीय कार्यशाला
Posted on 07 Apr, 2016 04:14 PM तिथि: 07 से 14 अप्रैल, 2016
स्थान: तरुण आश्रम,
गाँव: भीकमपुरा किशोरी,
तहसील: थानागाजी,
जिला: अलवर, राजस्थान
संयोजक संगठन : एकता परिषद, जलबिरादरी, जनान्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, नवदान्या, मजदूर किसान शक्ति संगठन एवं अन्य।



गरीब-सीमान्त किसान, भूमिहीन खेतिहर मजदूर और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के जलवायु सरोकार क्या हैं? जलवायु परिवर्तन की इस परिस्थिति में सुरक्षा और समाधान को लेकर हमारी क्या-क्या भूमिका हो सकती है? उस भूमिका का निर्वाह सुनिश्चित करने के लिये हमें कैसी तैयारी की जरूरत है? इन प्रश्नों पर आज विचार-विमर्श की जरूरत है। जरूरत कि समय रहते भावी कार्ययोजना बने। इसीलिये तरुण भारत संघ के गँवई आँगन में ठंडे दिमाग और स्थिर मन के साथ विचार करने की दृष्टि से यह कार्यशाला आयोजित की गई है। बदलती आबोहवा के दिखते दुष्प्रभावों ने दुनिया को चिन्तित किया है; भारतीयों को भी। क्योंकि भारत में भी बाढ़ और सुखाड़ का दंश कम होने की बजाय, बढ़ा ही है। परिणति गरीब के मजबूरी भरे पलायन और जबरन विस्थापन के रूप में सामने है। वे कह रहे हैं कि धरती को बुखार है। वे कह रहे हैं कि मौसम गड़बड़ा गया है। गर्मी, सर्दी सब अनुमान से परे हो गए हैं।

बेमौसम बारिश, तापमान में अचानक वृद्धि और घटोत्तरी अब आश्चर्य की बात नहीं। निचले समुद्री तट से लेकर ऊँचे पहाड़ तक कोई भी अप्रत्याशित बाढ़ से अछूते नहीं है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड लम्बे समय से सुखाड़ के शिकार हो रहे हैं। सबसे कमजोर, सबसे गरीब, छोटे व मंझोले किसानों की आजीविका लम्बे समय से दुष्प्रभावित हो रही है।
अरावली में पारम्परिक वन प्रबन्ध
Posted on 05 Apr, 2016 10:34 AM
भारत में जल, वायु, वन, सूर्य, आकाश सभी को भगवान का रूप माना गया है। इसमें राज्य का कोई दखल नहीं था, इसलिये सभी लोग सहजता से इनका मर्यादित उपयोग करते थे और जनसंख्या दबाव बढ़ने के बाद भी ये प्राकृतिक भण्डार सबकी आवश्यकता की पूर्ति करते थे, इसलिये लम्बे समय तक सन्तुलन बना रहा। लेकिन धीरे-धीरे विचारों में बदलाव आया और वन प्रबन्ध की आवश्यकता आ पड़ी। अरावली पर्वतमाला के वनों का पारम्परिक वन प्
बिना डिग्री-डिप्लोमा विशेषज्ञता
Posted on 26 Mar, 2016 01:20 PM
राजस्थान में तिलोनिया स्थित ‘बेयरफुट कॉलेज’ मानव विकास की दिशा में अभूतपूर्व कार्य कर रहा है। हर व्यक्ति में नैसर्गिक प्रतिभा अन्तर्निहित होती है, यह संस्थान उसी प्रतिभा को निखार कर उसे समाजोपयोगी बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इतना ही नहीं यह शिक्षा के संस्थानीकरण को लेकर बनाये गये भ्रमों को भी तोड़ रहा है।

12 साल की बच्ची ठहर गई ढाई बरस पर
Posted on 03 Mar, 2016 08:52 AM
कोरबा, छत्तीसगढ़। शहर से 85 किलोमीटर दूर कोरबी गाँव। इस गाँव में प्रवेश करते ही आंगनबाड़ी केन्द्र के सामने एक बच्ची घसीटते हुए दिखी। बच्ची का कद-काठी देखकर लगा कि यह बमुश्किल ढाई साल की होगी, नाम नहीं बता पाएगी लेकिन, उसने बड़े ही बेबाकी से अपना नाम और पता बताया। इस बच्ची का नाम नम कुमारी है। मासूम बच्ची जन्म के दो साल बाद से दोनों पैर से विकलांग है।
किसान के जख्म पर मुआवजे का नमक
Posted on 08 Feb, 2016 03:18 PM
किसान के जख्म पर मुआवजे का नमकतपती दुपहरी म
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