प्रयागराज जिला

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मरी संवेदना जगाने की कवायद है गंगा तप
Posted on 20 Jan, 2012 11:39 AM

उत्तराखण्ड में विष्णु प्रयाग से लेकर देवप्रयाग तक के पंच प्रयागों का निर्माण करने वाली नदियों

swami avimukteshwaranand
गंगा के लिए सबको करना होगा प्रयास : अविमुक्तेश्वरानंद
Posted on 17 Jan, 2012 05:54 PM जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : जीवनदायिनी गंगा को उनके वास्तविक स्वरूप में लाकर ही भारतीय संस्कृति की रक्षा की जा सकती है। इसके लिए हर इंसान को अपने स्तर से प्रयास करना होगा। सामूहिक प्रयास से ही गंगा प्रदूषण मुक्त होंगी। यह विचार गंगा सेवा अभियानम् के संयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार को माघमेला क्षेत्र स्थित शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिविर में भक्तों को संबोधित करते हु
अविमुक्तेश्वरानंद
नदी मेलों के सामाजिक सरोकार
Posted on 17 Jan, 2012 04:46 PM

स्नान व कल्पवास लोगों को जुटाने के माध्यम थे। उन्हें चलन में लाने का यही माध्यम था। कालांतर मे

kumbh mela prayag
गंगा प्रदूषण: मुक्ति आंदोलन की शुरुआत
Posted on 11 Jan, 2012 01:55 PM

कानपुर के 75 और इलाहाबाद के दर्जनों नालों का गंदा पानी सीधे गंगा में बहाया जा रहा है। नरोरा से

गंगा समा रही हैं कमंडल में
Posted on 20 Jun, 2011 11:23 AM

जीवनदायिनी और पावन गंगा के प्रवाह का क्षेत्र

संगम स्थल की सफाई का अभियान
Posted on 10 Jun, 2011 11:11 AM मिशन ग्लोबल ग्रीन्स द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में नदी संरक्षण हेतु 4 जून को सांयकाल 5 बजे से प्रयाग की अस्मिता हमारी यमुना कार्यक्रम का आयोजन इस्कॉन मंदिर बलुआघाट इलाहाबाद में किया गया।
संगम को बचाने की मुहिम
एक नहीं कई भगीरथों का प्रयास लाएगा रंग
Posted on 22 Feb, 2011 01:25 PM


क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानें तो गंगा के जल में सुधार आना शुरू हो गया है।
इलाहाबाद में गंगा के जल में कलर का मान 40 हैजेन से घटकर 30 हैजेन रह गया है। हालांकि गंगा निर्मलीकरण की दिशा में यह बहुत छोटी उपलब्धि है लेकिन छोटे-छोटे प्रयासों से ही बेहतर और सुखदायक नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।

तालाब की परंपराओं को भूलता देश
Posted on 16 Apr, 2010 10:08 AM
जलस्रोतों में नदियों के बाद तालाबों का सर्वाधिक महत्व है। तालाबों से सभी जीव-जंतु अपनी प्यास बुझाते हैं। किसान तालाबों से खेतों की सिंचाई करते रहे हैं। हमारे देश में आज भी सिंचाई के आधुनिकतम संसाधनों की भारी कमी है, जिस कारण किसान वर्षा तथा तालाब के पानी पर निर्भर हैं। लेकिन तालाबों की निरंतर कमी होती जा रही है। लगता है, हम तालाबों के महत्व को भूलते जा रहे हैं।
कैसे बचे यमुना
Posted on 13 Jan, 2010 08:17 AM

कैसे बचे यमुना

इलाहाबाद : मर रहा है रानी का तालाब!
Posted on 04 Sep, 2009 09:25 AM

देश में जल संरक्षण के नाम पर तमाम योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं को चलाने में करोड़ों रुपये खर्च भी किए जा रहे हैं। इसी में वॉटर बॉडीज यानि जल संचय के केंद्रों को भी संरक्षित करने का ढिढोरा पीटा जा रहा है। उनके नाम पर करोड़ों रुपये डकारे जा रहे हैं। ये हाल राजधानी से लेकर दूर-दराज इलाके तक में भी देखा जा सकता है।
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