नदियां

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सोन नदी में पानी नहीं, सूखे का कहर
Posted on 22 Jun, 2009 12:31 PM
बिहार के बड़े हिस्से में सूखा कहर ढा रहा है। सोन नदी में पानी नहीं होने के कारण बड़ा इलाका जबरदस्त सूखे के चपेट में आ गया है। बिहार के त्राहिमाम संदेश के बाव्जूद केन्द्र और यूपी की उदासीनता की वजह से फिलहाल सूखे से निजात का रास्ता भी नहीं सूझ रहा। मॉनसून की बेरुखी की वजह से पूर बिहार में किसानों की परशानी बढ़ गई है। मध्य और दक्षिण बिहार में सूखे का कहर अधिक है। यहां धान के बिचड़े खेतों में ही सूख
मर्ज बांटती आयड
Posted on 22 Jun, 2009 09:19 AM
उदयपुर। शहर के मध्य से गुजरती आयड नदी के दोनों किनारों से सौ-सौ मीटर तक का भूमिगत जल मानव स्वास्थ्य के लिए हर दृष्टि से हानिकारक साबित हो चुका है। नदी में लगातार बहते गंदे नालों के कारण ही प्रदूषण की यह सौगात मिली है।

हालांकि जिम्मेदार विभागों ने तो कभी नदी क्षेत्र का जल शीशी में भरकर प्रयोगशाला नहीं भेजा, लेकिन बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. जी. एस. देवडा व डा. श्वेता शर्मा के निर्देशन में विद्यार्थियों ने अपने शोध में साफ कर दिया कि आयड नदी क्षेत्र का भूमिगत जल किसी भी सूरत में मानव के पीने योग्य नहीं है। इस पानी में विभिन्न बीमारियां फैलाने वाले जीवाणु भी बहुतायत में है। डा. देवडा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से की गई तुलना में सामने आया कि आयड नदी क्षेत्र का पानी अत्यधिक कठोर और क्षारीय है।
सोनभद्र में विजुल नदी सूखने के कगार पर
Posted on 23 Apr, 2009 03:20 PM ओबरा ( सोनभद्र). मध्यप्रदेश के सीधी जिले में औषधीय वृक्षों के जल से बनी रेणुकापार क्षेत्र की जीवनरेखा विजुल नदी पहली बार सूखने के कगार पर है. गुप्त काशी को अपनी अविरल धाराओं से सींचकर गोठानी स्थित प्रत्यक्ष संगम में समाहित हो जाने वाली विजुल नदी पर आये गंभीर संकट से तीन लाख से ज्यादा
गोरखपुर की आमी नदी हुई जानलेवा
Posted on 22 Apr, 2009 08:42 PM
गोरखपुर| उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के तीन जिलों सिद्धार्थनगर, बस्ती और गोरखपुर से होकर बहने वाली आमी नदी का पानी औद्योगिक कचरे के कारण इतना जहरीला हो गया है कि उसे पीकर जानवर तो मौत के मुंह में पहुंच ही रहे हैं, उसके किनारे बसे ग्रामीण भी कई तरह की बीमारियों के शिकार होने लगे हैं|
'तिब्बत की मां' नदी को बचाने हेतु - हरित रक्षा पंक्ति
Posted on 12 Apr, 2009 09:58 PM

'यालुचाम्बू नदी' हिमालय पर्वत से उद्गम होकर पश्चिम से पूर्व की ओर तिब्बत के अधिकतर क्षेत्रों से गुजरती हुई बहती है और वह तिब्बत की मां नदी मानी जाती है। पर भौगोलिक स्थिति व जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियों के प्रभाव से यालुचाम्बू नदी के घाटी क्षेत्रों का रेगिस्तानीकरण हो रहा है। इधर दसेक सालों में तिब्बत ने विशाल वृक्षारोपण परियोजना के जरिये यालुचाम्बू नदी के दोनों किनारों पर तीस हजार है

त्रिपुरा में एक नदी की मौत…
Posted on 25 Mar, 2009 08:14 AM
तस्वीर में आप नीरमहल देख रहे हैं, अगरतला के इस खूबसूरत जगह को देखते हुए यह सोच सकते हैं कि अगरतला को भी जल संकट से दो-चार होना पड़ सकता है।
मैली सरायन नदी
Posted on 19 Feb, 2009 07:58 AM Jan 22, 2009/ जागरण याहू
कल की गंगा
Posted on 12 Feb, 2009 09:27 AM रेशमा भारती/ जनसत्ता
तीस्ता के लिए सत्याग्रह
Posted on 08 Feb, 2009 07:27 AM नीरज वाघोलिकर
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