मध्य प्रदेश

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प्रगति की रीढ़
Posted on 20 Oct, 2013 10:39 AM डॉ.मोहम्द अब्बास (सहायक संचालक कृषि)

परिचय

अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों ने देखे तालाब
Posted on 20 Oct, 2013 10:37 AM

तालाब निर्माण से बदली तस्वीर को देखा


जलाभिषेक अभियान के तहत जिले में बनाए गए बलराम और रेवासागर तालाबों का अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के दल ने अवलोकन किया।
पानी सहेजने वाले बन गए प्रेरणास्रोत
Posted on 20 Oct, 2013 10:35 AM स्वप्रेरणा से पानी सहेजने में अव्वल धतूरिया गांव की जल संरचनाओं को देखने प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों के किसान पहुंच रहे हैं। ये किसान अब अपने क्षेत्र में भी पानी सहेजने के लिए मुहिम छेड़ेंगे। धतुरिया पानीदार लोग अब अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।
टोंकखुर्द ब्लॉक बना कलेक्टरों की पाठशाला
Posted on 20 Oct, 2013 10:33 AM विभिन्न जिलों के कलेक्टर अधिकारियों सहित बलराम तालाब निर्माण के तरीके जानने पहुंच रहे हैं टोंकखुर्द
सफलता की कहानी, भाग-6
Posted on 17 Oct, 2013 03:56 PM

रेवा सागर ने असिंचित को भी सिंचित किया।


सफलता की कहानी, भाग-5
Posted on 17 Oct, 2013 03:55 PM मैं, कृषक बद्री प्रसाद पिता श्री मुंशीलाल जाति ब्राह्मण ग्राम काछी गुराड़िया विकास खंड सोनकच्छ जिला देवास के कृषक होकर मेरे स्वामित्व में लगभग 5 हेक्टेयर कृषि भूमि है। मेरे द्वारा अपनी निजी भूमि में स्थित नाले पर रेवा सागर तालाब का निर्माण किया जिसमें लगभग 65 से 70 हजार रुपये लागत आयी। उक्त रेवा सागर तालाब वर्तमान में बरसात के पानी से पूरी तरह भर गया जिससे मैं अपनी 5 हेक्टेयर भूमि सिंचाई कर सकूंगा
सफलता की कहानी, भाग -4
Posted on 17 Oct, 2013 03:53 PM मेरे पिता ने मुझे 30 एकड़ उपजाऊ एवं सिंचित भूमि दी थी। आज मेरे पास 30 एकड़ में से मात्र 10 एकड़ भूमि ही सिंचित है, किंतु अब मैं 3 एकड़ भूमि में रेवा सागर निर्माण कर 27 एकड़ सिंचित भूमि अपने बच्चों को सौंपकर अपना कर्तव्य पूरा करूंगा।

भागीरथ कृषक रघुनाथ सिंह तोमर, ग्राम हरनावदा, विकास खंड टोंक खुर्द

सफलता की कहानी, भाग -3
Posted on 17 Oct, 2013 03:52 PM मैं, कृषक रघुनाथ सिंह पिता माधोसिंह निवासी- ग्राम मेंढकी धाकड़ जिला देवास, मेरी तथा परिवार के सदस्यों की कुल ज़मीन 10.00 हेक्टेयर थी, ग्राम में पिछले वर्षों में नलकूप योजना के अंतर्गत विकास खंड में सर्वप्रथम 1962 में नलकूप खनन कराया था, उससे सारी जमीन सिंचित होती थी, किंतु धीरे-धीरे वर्षा की कमी से सभी नलकूप धीरे-धीरे सूख गए मेरे द्वारा करीब 20 नलकूप खुदवाए उनमें पर्याप्त पानी नहीं मिला और धीरे-धी
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