Posted on 06 Sep, 2013 12:47 PMदिनांक : 14-15 सितंबर 2013 स्थान : विज्ञान भवन, नेहरू नगर, भोपाल
महोदय/महोदया, आपको स्मरण होगा कि पिछले वर्ष 12 अगस्त 2012 को ‘विकास की बात विज्ञान के साथ – नए मीडिया की भूमिका’ विषय को आधार बनाकर एक दिवसीय ‘मीडिया चौपाल - 2012’ का आयोजन किया गया था। इस वर्ष भी यह आयोजन किया जा रहा है। कोशिश है कि ‘मीडिया चौपाल को सलाना आयोजन का रूप दिया जाए। गत आयोजन की निरंतरता में इस वर्ष भी यह आयोजन14-15 सितंबर 2013 (शनिवार-रविवार) को किया जा रहा है। यह आयोजन मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा स्पंदन (शोध, जागरूकता और कार्यक्रम क्रियान्वयन संस्थान) द्वारा संयुक्त रूप से हो रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य विज्ञान के माध्यम से विकास में मीडिया की सकारात्मक भूमिका को बढ़ावा देना है। ‘मीडिया चौपाल – 2013’ हेतु “जन-जन के लिए विज्ञान, जन-जन के लिए मीडिया” थीम निर्धारित किया गया है। इसी संदर्भ में विभिन्न चर्चा-सत्रों के लिए विषयों का निर्धारण इस प्रकार किया गया है
Posted on 03 Sep, 2013 04:10 PM होशंगाबाद जिले की दुधी, मछवासा, ओल, कोरनी आदि सभी नदियां सतपुड़ा से निकली हैं। नाम भी बहुत अच्छे हैं। दुधी यानी दूध जैसा साफ पानी
Posted on 03 Sep, 2013 10:07 AMनर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा जारी विज्ञप्ति में आलोक अग्रवाल ने बताया कि नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा ओंकारेश्वर परियोजना प्रभावितों के विषय में राज्य सरकार द्वारा घोषित पुनर्वास पैकेज के विषय में दायर अवमानना याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया है और आदेश देते हुए इस याचिका की सुनवाई धाराजी सहित 5 गाँवों के संबंध में दायर अवमानना याचिका के साथ करना नियत किया है।
Posted on 01 Sep, 2013 03:08 PMमध्य प्रदेश में इंदिरा सागर बांध के जलाशय में पानी का भराव 260 मीटर से अधिक नहीं करने समेत अन्य मांगों को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) ने बांध क्षेत्र के गांव बड़खालिया (खंडवा), उंवा (हरदा) व मेल पिपलिया (देवास) में एक सितंबर से जल सत्याग्रह करने की चेतावनी दी है।
Posted on 22 Aug, 2013 10:11 AMशिवुपरी के तानपुर एवं गुना के हरिपुर गांव के बच्चों के लिए इस साल का स्वतंत्रता दिवस यादगार बन गया। उन्होंने न केवल आजादी की 66वीं वर्षगांठ मनाई बल्कि हाथों में चिपककर बैठे
Posted on 19 Aug, 2013 08:57 AMगाँवों के विकास के लिए सरकार, स्वैच्छिक संस्थाएं एवं जन संगठन अलग-अलग तरीके से कार्य कर रहे हैं। ग्रामीण विकास को लेकर भारत सरकार पिछले कुछ सालों से ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रही है। गाँवों में योजनाओं एवं संसाधनों में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद जिस तेजी से विकास होना चाहिए था, उस तेजी से संभव नहीं हो पा रहा है। गांव के अंदर से ऐसा कोई सहयोगी समूह या निगरानी तंत्र नहीं दिखाई पड़ रहा है, जो गांव
Posted on 13 Aug, 2013 11:16 AMमहात्मा गांधी राष्ट्रीय रोज़गार गारंटी योजना में अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की शिकायत, मजदूरी की मांग नहीं होना, मजदूरी के भुगतान में देरी, मुआवजा नहीं मिलना, बेरोज़गारी भत्ता
Posted on 08 Aug, 2013 11:47 AM1 अगस्त की काली रात में होशंगाबा-हरदा जिले में हरित क्रांति लाने वाली तवा नदी से जलजला आया और इसके तट पर 200 वर्षों से अधिक वक्त से बसे पाहनवर्री गांव की उपजाऊ ज़मीन को हमेशा