कर्नाटक

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यजमान पनगार और तुक्कड़ी प्रणाली : तालाब के जल वितरण का ज्ञान स्रोत
Posted on 02 Jul, 2015 11:04 AM हमारे पूर्वजों ने तालाब के पानी के वितरण की जो प्रथा अपनाई वह विविध प्रकार की है। उन्होंने विशेष तौर पर सूखे के दौरान जो सावधानी और सरोकार जताया और जो भी थोड़ा बहुत पानी उपलब्ध था उसकी हिस्सेदारी के लिये जो भावना प्रदर्शित की वह अपने में अनुकरणीय है। कई प्रथाएँ रिकार्ड में नहीं हैं और वे खो भी चुकी हैं। यहाँ हम दो प्रथाओं की भूमिका प्रस्तुत कर रहे हैं जो जमीन की सिंचाई के बारे में किसानों के वि
जल परम्पराएँ : मलनाड कथा
Posted on 25 Jun, 2015 04:09 PM पहले यह पता किया जाता है कि धारा का वह कौन सा स्थल है जहाँ से पानी
कर्नाटक की सिंचाई योजनाओं में छेद ही छेद
Posted on 25 Jun, 2015 12:03 PM

पिछले बीस सालों में सरकारी कर्मचारियों और विशेषकर राजस्व विभाग के कर्मचारियों की संख्या में आई

समुद्री चिड़िया ने उजाड़े घरौंदे
Posted on 04 Dec, 2014 01:05 PM शिलान्यास के बाद ही यह परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। 1995 में
sea
कावेरी : लहर में जहर
Posted on 07 Nov, 2014 03:20 PM प्रदूषण बोर्ड की रपट को आए 13 साल बीत गए, कावेरी में ना जाने कितना
Kaveri
बंगलूरू: कैसे कंक्रीट के जंगल लील गए तालाबों को
Posted on 06 Nov, 2014 01:53 PM

बीते दो दशकों के दौरान बंगलूरू शहर की कई बड़ी झीलों को पहले दूषित किया गया, फिर उन्हें पाटा गया और उसके बाद उनका इस्तेमाल शहरीकरण के लिए हो गया। इसी का परिणाम है कि थोड़ी-सी बारिश में अब शहर में बाढ़ आ जाती है। वहां का मौसम अब इतना खुशगवार रहता नहीं है। शहर की कुछ ऐसी झीले जो देखते-ही-देखते नए अवतार में आईं।
 

pond
धारवाड़, हुबली, मैसूर: हर जगह का एक ही दर्द
Posted on 06 Nov, 2014 11:51 AM

शहर से ढाई किलोमीटर दूर स्थित इस तालाब का क्षेत्रफल 250 एकड़ व कैचमेंट एरिया 4651 वर्ग किलोमीट

pankaj chaturvedi
‘केरे’ का शहर बन गया कंक्रीट का ‘काड़ू’
Posted on 06 Nov, 2014 10:59 AM एक सदी पहले किसी दानवीर द्वारा गढ़े गए कामाक्षी पाल्या तालाब से तो
water management
तालाबों को बिसराने से रीता कर्नाटक
Posted on 01 Nov, 2014 01:00 PM सदानीरा कहे जाने वाले दक्षिणी राज्य कर्नाटक में वर्ष 2013 के फागुन शुरू होने से पहले ही सूखे की आहट सुनाई देने लगी है। कई गांवों में अभी से ठेला गाड़ी या टैंकर से पानी की सप्लाई हो रही है। कोई 7500 गांवों के साथ-साथ बंगलूरू, मंगलौर, मैसूर जैसे शहरों में पानी की राशनिंग शुरू हो गई है।
<i>मिक्केरे झील</i>
कुओं का कायाकल्प
Posted on 29 Oct, 2014 11:34 AM

हाल ही में कर्नाटक से सुखद खबर आई है कि वहां कुओं को फिर से पुनर्जीवित किया जा रहा है। बेलगांव शहर में जो कुएं सूख गए थे, गाद या कचरे से पट गए थे उनका नगर निगम और नागरिकों ने मिलकर कायाकल्प कर दिया है। और शहर की करीब आधी आबादी के लिए कुओं से पीने के पानी की आपूर्ति की जा रही है।


बेलगांव में 1995 में जब पीने के पानी का मुख्य स्रोत सूख गया तब वैकल्पिक पानी के स्रोतों की खोज हुई। यहां के वरिष्ठ नागरिक मंच ने कुओं का कायाकल्प करने का सुझाव दिया। इस पर अमल करने से पहले गोवा विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के प्रमुख चाचडी से सलाह मांगी। उन्होंने इसका अध्ययन इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी।

<i>टेढ़ा पद्धति</i>
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