गुवाहाटी

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आमंत्रण - ईस्टर्न हिमालयन नेचरनॉमिक्स फोरम (Eastern Himalayan Naturenomics Forum)
Posted on 22 Sep, 2017 12:44 PM
तारीख : 02 और 03 नवम्बर 2017
स्थान : विवांता बाई ताज होटल, गुवाहाटी (असम), भारत
सम्पर्क : वर्षा वाधवानी कम्यूनिकेशन बालीपाड़ा फाउंडेशन, मो.: +66948109669, वेबसाइट - www.baliparafoundation.com

.पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में बिखरी विभिन्न प्रकार की बायो-डायवर्सिटी मानव जीवन को प्रभावित करती है। इसकी इस खूबसूरत संरचना व जटिलता को समझकर कई हितधारक इसे बचाने के दीर्घकालिक समाधान खोज रहे हैं।

इस बातचीत को आगे बढ़ाने के लिये, बालीपाड़ा फाउंडेशन - Eastern Himalayan Naturenomics Forum - 2017, की आयोजन करने जा रहा है। कार्यक्रम 02-03 नवंबर 2017 को गुवाहाटी, असम, भारत में आयोजित किया जाएगा।

उमानंद की बस्ती से
Posted on 09 Mar, 2017 01:04 PM

उमानंद द्वीप पर आबादी है, घर हैं, मन्दिर हैं, दुकाने हैं; दुनिया के दुर्लभ सुनहरी लंगूर हैं; 17 विशेष किस्म के पक्षी हैं; समय आने पर प्रवासी पक्षियों का वास है। बाढ़ के कठिन दिनों में जिस ‘भोग’ पर यहाँ का जीवन चलता है, उसकी परम्परा व कौशल सचमुच अनुकरणीय है। ‘भोग’, आपदा के वक्त भोजन प्रबन्धन का सामाजिक कौशल है। इस कौशल का एक ही आधार है; वह है उमानंद की हवा में प्रेम का वास। उमानंद द्वीप पर रहने क

umananda island
अस्तित्व के संकट से जूझता एक सींग वाला गैंडा
Posted on 03 Sep, 2015 11:22 AM 1988 में आई भीषण बाढ़ में तो सरकारी लापरवाही के चलते 1250 के करीब ग
single horn rhino
बाढ़ की डूब से उबर नहीं पाती है असम की अर्थव्यवस्था
Posted on 16 Nov, 2014 04:24 PM

बाढ़ की डूब से उबर नहीं पाती है असम की अर्थव्यवस्था असम की आबादी हर साल बाढ़ की चपेट में मई मही

Badh
ब्रह्मपुत्र की धरती
Posted on 01 Jul, 2013 03:59 PM गुवाहाटी अपनी प्राकृतिक सुषमा और तीर्थस्थलों के लिए प्रसिद्ध है। ब्रह्मपुत्र नदी तो जैसे इस क्षेत्र की प्राणरेखा हो। वहां से लौट कर अपने तीर्थाटन और पर्यटन अनुभवों को साझा कर रही हैं सरिता शर्मा।
असम की ‘शान’ बचाने की जद्दोजहद
Posted on 22 Oct, 2012 11:17 AM एक सींग वाले गैंडे को असम का ‘शान’ कहा जाता है। वह राज्य का प्रतीक
भक्षक बने रक्षक
Posted on 03 Aug, 2012 11:19 AM

एक समय था, जब कहा जा रहा था कि मनास से बाघों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। उग्रवादियों की सांठगांठ से शिकारी बिन

वर्षाजल का घरेलू संरक्षणः गुवाहटी शहर के एक क्षेत्र विशेष का अध्ययन
Posted on 26 Dec, 2011 05:13 PM विशाल ब्रह्मपुत्र और बराक के अंतर्राज्यिक जलनिकास बेसिन प्रणाली प्रायः पूरे उत्तर-पूर्वी भारत के जलविज्ञान- परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करता है। क्षेत्र का विरोधाभासी जलमौसमीय परिदृश्य का विश्व के मानचित्र पर एक विशिष्ट जलविज्ञानीय अस्तित्व है। विराट जल संसाधन उपजों से संपन्न यह कभी पावर हाउस और “देश का जलाशय” जैसा हो सकता है, वहीं आज के वर्तमान हालातों में यहाँ की जल संसाधन समस्याएं हैं, जहां प्रतिव
वर्षाजल संचयन प्रणाली का योजनाबद्ध आरेख
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