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जलवायु परिवर्तन का जानलेवा असर बच्चों पर
Posted on 28 Oct, 2010 02:13 PM बच्चे जलवायु-परिवर्तन के जिम्मेदार तो नहीं हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन की सबसे गहरी चोट उन्हीं को लगेगी। जलवायु-परिवर्तन से बच्चों की जिन्दगी को सबसे ज्यादा खतरा है।बाल अधिकारों की वैश्विक संस्था सेव द चिल्ड्रेन द्वारा जारी फीलिंग द हीट-चाइल्ड सरवाईवल इन चेजिंग क्लाइमेट नामक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर बच्चों की सेहत को सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से है।(देखें नीचे दी गई लिंक)
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है पानी
Posted on 27 Oct, 2010 08:58 AM वॉशिंगटन।। पानी पीने के फायदों को जानते हुए भी अगर आपने अभी तक रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत नहीं डाली है तो अब जरा पानी को लेकर सीरियस हो जाइए। एक स्टडी में पता लगा है कि पानी हमें ज्यादा अलर्ट रखता है। यही नहीं हमारे ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।
दुनिया की सबसे बडी झील हो रही है सबसे गर्म
Posted on 25 Oct, 2010 01:01 PM यदि एक शोध पर यकीन किया जाए तो दुनिया की सबसे बडी झील लेक सुपीरियर इस बार हाल के वर्षों की अपेक्षा अधिक गर्म रहने वाली है। यह इंसानों के लिए खुशी की बात हो सकती है कि अब इस झील के किनारे वे अधिक समय बिता पाएंगे परंतु इससे पर्यावरण का संतुलन बिगडने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

यूनिवर्सिटी ऑफ माइनसोटा के जै ऑस्टिन की शोध के अनुसार यह झील पिछले 30 वर्षों में सबसे अधिक गर्म रहने वाली है। इस बार इस क्षैत्र में कम ठंड पड़ी और इससे बर्फ की चादर ने इस झील को पूरी तरह से नहीं ढका।
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ग्लेशियरों के नहीं पिघलने का झूठ
Posted on 16 Oct, 2010 09:00 AM
पर्यावरण और वन मंत्री जयराम रमेश द्वारा जारी की गई रिपोर्ट हिमालयन ग्लेशियर्स के अनुसार इस बात का कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय में ग्लेशियर पिघल रहे हैं. इस अध्ययन की कोई जिम्मेदारी न लेते हुए जयराम रमेश ने बड़ी तत्परता से इसमें जोड़ा कि इसका मतलब इस विषय पर चर्चा को आगे बढ़ाना था.

मुझे इस चर्चा को आगे बढ़ाने में कोई तुक नजर नहीं आता, जबकि इंटरनेशनल पैनल आन क्लाइमेट चेंज पहले ही स्वीकार कर चुकी है कि ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. मुझे हैरानी नहीं होगी, अगर बाद में यह पता चले कि यह नदियों को जोड़ने के लिए माहौल बनाने का प्रयास था. आखिरकार, इस संभाव्य परियोजना पर अरबों डालर का दारोमदार है और लाबी अभी भी काम में जुटी
स्वच्छ जल मनुष्य का मौलिक अधिकार: संयुक्त राष्ट्र
Posted on 16 Oct, 2010 08:14 AM
नई दिल्ली. 29 जुलाई 2010। संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव पारित कर स्वच्छ जल और सफाई को मनुष्यों का मौलिक अधिकार घोषित किया है. संयुक्त राष्ट्र की महासभा में बोलिविया ने इस आशय में प्रस्ताव रखा था. इस प्रस्ताव के पक्ष में 126 देशों ने मतदान किया वहीं 46 देशों के प्रतिनिधि मतदान के दौरान गैर-हाज़िर रहे जिनमें अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देश प्रमुख हैं. वहीं किसी भी सदस्य देश द्वारा इसका विरोध नहीं किए जाने से ये प्रस्ताव पारित कर दिया गया. हालांकि इस प्रस्ताव को लागू करना किसी भी राष्ट्र के लिए बाध्यता नहीं है.

बोलिविया ने इस प्रस्ताव में कहा है कि सुरक्षित और स्वच्छ पेय जल और सफाई मौलिक अधिकार है जो जीवन के अधिकार का उपयोग करने के लिए अनिवार्य है. प्रस्ताव के मसौदे में यह भी बताया गया कि विश्वभर में 88 करोड़ 40 लाख लोगों को पीने के लिए साफ़ पानी नहीं मिलता और करीब 2.6
बीमारी भगाए धुले हाथ
Posted on 16 Oct, 2010 08:00 AM

15 अक्तूबर, वर्ल्ड हैंड वाशिंग डे पर विशेष


हाथों को बार-बार साबुन से धोना स्वाइन फ्लू समेत कई बीमारियों से बचने का अचूक तरीका है।

दुनियाभर में साफ-सफाई की अहमियत बताने और लोगों को इसके प्रति जागरुक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 15 अक्तूबर, 2008 से ग्लोबल हैंडवाशिंग डे की शुरूआत की थी। सफाई में हाथ साफ रखने की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए ही दो साल पहले इस दिवस की शुरूआत की गई।

बीमारियों से बचने के लिए भले ही कितने भी प्रयास हों, अपने शरीर और हाथों की साफ-सफाई सभी प्रयासों से बढ़कर है।

फिजिशियन डॉ. अनिल मलिक का मानना है कि मौसमी बीमारियों से बचने के लिए नियमित तौर पर हाथ धोने

‘कैलिप्सो’ की नजरों से बच नहीं पाएंगे मरुस्थल की धूल
Posted on 09 Oct, 2010 08:41 AM पृथ्वी के तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव ने मौसम वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। अब वैज्ञानिक वायुमंडल में मौजूद धूल-कणों के अध्ययन में जुट गए हैं। वे इस बात की जांच करेंगे कि आखिर सहारा मरूस्थल से हर साल वायुंडल में जा रहे ये धूल हमारी जिंदगी और आबोहवा को कैसे प्रभावित करते हैं। इसके लिए वैज्ञानिक अगले तीन साल तक सहारा मरूस्थल से वायुमंडल में पहुंचने वाले करीब 770 मिलियन टन धूल पर फोकस करेंगे। इसक
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नष्ट हो जाएंगे 80 फीसदी वर्षा वन
Posted on 01 Oct, 2010 10:04 AM जलवायु परिवर्तन के कारण सन् 2100 तक वर्षा वन तथा उसमें रहने वाले जानवरों का 80 फीसदी हिस्सा नष्ट हो जाएगा। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है। वर्तमान में पृथ्वी पर मौजूद वृक्षों और जानवरों का आधा से भी अधिक हिस्सा वर्षा वन में रहता है। अध्ययन में बताया गया कि अकेले अमेजन बेसिन की जैव विविधता में बदलाव को देखा जा सकता है।
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जिओपॉलिमर-अब कंक्रीट के जंगल भी बनेंगे इको फ्रेंडली
Posted on 01 Oct, 2010 09:32 AM दुनिया में तेजी से बढ़ रहे कंक्रीट के जंगलों यानी भवन व इमारतों के निर्माण से प्रकृति को खतरा जाना पहचाना है। ये सीमेंट से बने जंगल धीरे धीरे हरियाली को खाते जा रहे हैं। लेकिन अब हरियाली के प्रति समर्पित वैज्ञानिकों ने हरी कंक्रीट ईजाद करने की ठान ली है। जिससे प्रकृति का दोहन भी रुकेगा और मानव की जरूरत भी पूरी होती रहेंगी।
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पर्यावरण और फौज
Posted on 28 Sep, 2010 09:26 AM राजनयिकों के बयानों में दूरगामी महत्व की कोई चीज खोजना अक्सर मृग मरीचिका साबित होता है, लेकिन अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी संयोगवश इस बार कुछ ऐसा कह गए हैं, जिसे कूटनीतिक मंचों पर कहने से लोग-बाग कतराते रहे हैं। हक्कानी ने अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए कहा है कि सियाचिन में सैनिकों की मौजूदगी उनके देश में आई विनाशकारी बाढ़ की सबसे बड़ी वजह है। वे वहां बाढ़ राहत राशि बढ़
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