दिल्ली

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दिल्ली का पानी एक नजर में
Posted on 25 Feb, 2009 10:46 AM 30 जुलाई 2008/ इंडो-एशियन न्यूज सर्विस/ अरविंद पद्मनाभन/राजीव रंजन राय

नई दिल्ली। औद्योगिक समूहों के संगठन ‘एसोचैम’ की ओर से कराए गए ताजा अध्ययन में कहा गया है कि राजधानी में पानी की कमी की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। गर्मियों में तो हालत और भी बिगड़ जाती है।
बूंद-बूंद को बचाने की मुहिम
Posted on 24 Feb, 2009 06:56 PM
गाजियाबाद [फरमान अली/ जागरण याहू ]। गाजियाबाद में भारी संख्या में उद्योग होने के कारण यहां के तमाम इलाकों में भूगर्भीय जल के जहरीला होने की नौबत तक आ गई है। पर इन सबके बीच गाजियाबाद में एक शख्स ऐसा भी है, जो पानी के मूल्य को समझते हुए एक-एक बूंद जल को संरक्षित करने के लिए प्रयासरत है।
जब जीडीए को लेनी पड़ी तालाबों की सुध
Posted on 24 Feb, 2009 12:51 PM
आईबीएन-7/Aug 26, 2008/ सिटिज़न जर्नलिस्टसेक्शन
गाजियाबाद। कुछ वक्त पहले सिटीज़न जर्नलिस्ट शो में राजेन्द्र त्यागी ने गाजियाबाद में खत्म होते तालाबों का मुद्दा उठाया था। राजेन्द्र त्यागी ने बताया था कि कैसे गाजियाबाद के तालाबों पर अतिक्रमण कर लिया गया है। तालाबों के खत्म होने से ग्राउंडवाटर कई फीट नीचे चला गया है।
दिल्ली में घटते तालाब
Posted on 24 Feb, 2009 07:47 AM

बढ़ा रहे हैं इकॉलजिकल डिस्टर्बेंस


11 Oct 2008/ नवभारत टाइम्स / नीतू सिंह
निमन्त्रण
Posted on 23 Feb, 2009 06:57 PM निमन्त्रण प्रिय साथी,

National Meet on Himalayan Waters in Delhi

हिमालय सेवा संघ दिनाँक 17, 18 एवं 19 मार्च, 2009 को एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय बैठक नई दिल्ली में आयोजित कर रहा है। यह बैठक हिमालय क्षेत्र में जल, जंगल एवं जमीन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रयासरत कार्यकर्ताओं एवं ग्रामवासियों का एक सांझा रचनात्मक मंच बनाने का प्रयास करेगी।
प्रत्येक स्तर पर हो जल संरक्षण
Posted on 21 Feb, 2009 07:03 AM
-रवि शंकर, भारतीय पक्ष

श्रीमती सविता गोखले (सचिव, अर्थकेयर फाउंडेशन) पर्यावरण प्रेमियों में एक जाना-माना नाम है। एक सफल व्यवसायी होने के बाद भी श्रीमती गोखले ने पानी की समस्या हेतु काम करना प्रारंभ किया। वे अर्थ केयर फाउंडेशन की कर्ताधर्ता हैं।
प्रोफेसर अग्रवाल का आमरण उपवास टूटा, लोहारीनागा पाला पनबिजली परियोजना रुकी
Posted on 20 Feb, 2009 05:25 PM

अंत में पर्यावरणविद् प्रोफेसर अग्रवाल ने 20 फरवरी, शुक्रवार को उस समय अपना अनशन तोड़ दिया है जब सरकार ने भागीरथी पर 600 मेगावाट क्षमता वाले लोहारीनागा पाला पनबिजली परियोजना को रोके जाने का आश्वासन दिया।

G.D. Agrawal
राज, समाज और पानी : दो
Posted on 18 Feb, 2009 01:02 PM


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अनुपम मिश्र


मेरा परिचय भी कोई लंबा चौड़ा नहीं होगा। ऐसा कुछ न तो मैंने पढ़ा-पढ़ाया है, न कोई उल्लेखनीय काम ही किया है। एक पीढ़ी पहले के शब्दों में जिसे 'तार की भाषा' टेलिग्राम की भाषा कहते थे, या आज की पीढ़ी में जिसे एस.एम.एस कहने लगे हैं, कुछ वैसे ही गिने चुने 20-20 शब्दों में मेरा परिचय, सचमुच बहुत सस्ते में निपट जाएगा। पहले परिचय ही दे दूँ अपना। सन् 1947 में मेरा जन्म वर्धा, महाराष्ट्र में हुआ। प्राथमिक साधारण पढ़ाई-लिखाई हैदराबाद, बंबई और फिर अब छत्तीसगढ़ के एक गाँव बेमेतरा में।

Anupam mishra
खारे पानी में मीठा फल
Posted on 18 Feb, 2009 09:58 AM Feb 15,2009 / जागरण याहू
नई दिल्ली, [रणविजय सिंह]। बीएसएफ के रिटायर्ड कमानडेंट बलजीत सिंह त्यागी ने बंजर भूमि पर फलदार पेड़ लगाने में तीन बार विफल रहने पर भी हिम्मत नहीं हारे। कृषि वैज्ञानिकों से पता चला कि भूमिगत पानी खारा होने से यहा पेड़ नहीं उग सकते। उन्होंने अपनी मेहनत व लगन से डेढ़ लाख लीटर क्षमता के वाटर हार्वेस्टिंग व भूमिगत जल रिचार्ज टैंक से जमीन को मीठे पानी से तर कर दिया। जिससे बाझ जमीन की कोख उर्वरा हो गई।
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