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दिल्ली
ग्लेशियरों पर मँडरा रहा अस्तित्व का संकट
Posted on 01 Oct, 2017 11:42 AM
Crisis on the glaciers
आज दुनिया के ग्लेशियरों पर संकट मँडरा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है ग्लोबल वार्मिंग जिसके चलते बढ़ रहे तापमान का बुरा असर ग्लेशियरों पर पड़ रहा है।
रास्ते का पत्थर - किस्मत ने हमें बना दिया
Posted on 01 Oct, 2017 11:35 AM1414 में मुगल शासक गयासुद्दीन तुगलक यहाँ रहा करते थे। आज इस धरोहर की एक दीवार विदेशी पर्यटक के लिये पर्यटन स्थल बन चुकी है। वहीं इसके पीछे पहाड़ियों पर बसा है तुगलकाबाद गाँव, जिसने दिल्ली की राजनीति में तीन विधायक व एक सांसद दिये हैं। रामवीर सिंह बिधूड़ी से लेकर रामसिंह बिधूड़ी व मौजूदा विधायक सही राम इसी गाँव से हैं। गाँव से तीन बड़े राजनेता होने के बावजूद ग्रामीणों को पीने का पानी नहीं मिल
गन्दगी की भारी कीमत चुकाती अर्थव्यवस्था (The effects of sanitation on economics)
Posted on 01 Oct, 2017 10:36 AMप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि स्वच्छता अभियान संकल्प से सिद्धि की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है। देश के हर वर्ग ने इसे अपना काम माना है। लोग स्वच्छता अभियान को आन्दोलन का रूप दे रहे हैं। समाज में सार्वजनिक स्थानों पर सफाई का खास ध्यान रखा जा रहा है। गन्दगी करने वालों को अब लोग टोकने लगे हैं।
शहरों में फैलता लैंडफिल गैसों का खतरा (landfill waste in india)
Posted on 01 Oct, 2017 09:49 AMहाल ही में दिल्ली के गाजीपुर कचरा भराव क्षेत्र (लैंडफिल साइटों) में हुई दुर्घटना से जानमाल की हानि हुई। यह दुर्घटना दर्शाती है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत हम कचरा एकत्र करने एवं उस भराव क्षेत्र लैंडफिल या पाटन क्षेत्र (डम्पिंग) तक पहुँचाने में ही सफल रहे, उचित निष्पादन या निपटान में नहीं। देश के ज्यादातर शहरों में एकत्र कचरे का उचित निपटान आधुनिक एवं वैज्ञानिक विधियों से नहीं हो रहा है। कूड
भारत में वैश्वीकरण प्रभाव - पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था (Impact of Globalisation in India - Environment, Society and Economy)
Posted on 01 Oct, 2017 09:18 AMपर्यावरण की दशा
अस्तित्व के आधार वन (Forest in India)
Posted on 28 Sep, 2017 12:10 PM
सतत एवं सन्तुलित विकास के लिये प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षणोन्मुखी उपयोग आवश्यक होता है। लेकिन वर्तमान सदी में औद्योगिक विकास ने जहाँ इस तथ्य की अनदेखी करते हुए संसाधनों का अविवेकपूर्ण ढंग से अधिकाधिक दोहन किया और संरक्षण की दिशा में कोई व्यावहारिक परिणाममूलक कार्य योजना प्रस्तुत नहीं की, वहीं उपभोक्तावाद को चरम पर पहुँचाकर संरक्षणवादी विचार को ही विलुप्तप्राय कर दिया। इसका परिणाम हमारे सामने पारिस्थितिकीय एवं पर्यावरणी असन्तुलन के रूप में आया है।
दादूपुर-नलवी नहर विवाद : 27 सालों से पानी की बाट जोह रहे किसानों को झटका
Posted on 28 Sep, 2017 11:00 AMडार्क जोन में कैसे मिलेगा पानी, फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएगी किसान यूनियन
धरती का बुखार (Global warming in India)
Posted on 27 Sep, 2017 03:33 PM
जब भी हमारे शरीर का ताप बढ़ता है, हम कहते हैं कि हमें बुखार आ गया। ठीक इसी तरह जब धरती का ताप बढ़ता है तो हम कहते हैं कि इसे बुखार आ गया है। यह सुनने में कुछ अजीब लगता है। लेकिन, यह सच है। अतः मन में स्वाभाविक ही प्रश्न उठता है कि आखिर धरती को कैसे आता है बुखार?
आज के औद्योगिक दौर में कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसों की मात्रा लगातार बढ़ रही है और इसके कारण धरती के औसत ताप में लगातार वृद्धि हो रही है। यह धरती के बुखार का संकेत है।
औषधीय गुणों वाली कुसुम हो सकती है हरी पत्तेदार सब्जियों का विकल्प
Posted on 25 Sep, 2017 04:50 PM
भारतीय शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में तिलहन फसल कुसुम (सेफ्लावर) की विभिन्न किस्मों को पत्तेदार सब्जी के रूप में भोजन का एक अच्छा पोषक विकल्प और किसानों की आय में बढ़ोत्तरी का उत्तम साधन पाया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण - 2017 (Swachhathon-1.0)
Posted on 25 Sep, 2017 04:47 PMभारत का अभी तक का सबसे बड़ा स्वच्छता कार्यक्रम स्वच्छ भारत अभियान माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर, 2014 को आरम्भ किया गया।
अभियान
2 अक्टूबर, 2019 तक स्वच्छ भारत का सपना पूरा करना।
प्रमुख उपलब्धियाँ
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एसबीएम-जी आरम्भ होने के बाद सेशौचालय बने - 4.56 करोड़