दिल्ली

Term Path Alias

/regions/delhi

जैव शौचालयों के लिए रेलवे लगाएगा बैक्टीरिया उत्पादन संयंत्र
Posted on 28 Sep, 2012 02:33 PM कपूरथला, रेलगाड़ियों में जैव शौचालय बनाने के लिए रेलवे कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्टरी में जीवाणु उत्पादन संयंत्र लगाने जा रहा है। इस संयत्र से उत्पादित जीवाणुओं का इस्तेमाल जैव शौचालयों में किया जाएगा। इस परियोजना से जुड़े रेलवे कोच फैक्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम जैव शौचालय में इस्तेमाल होने वाले एनरोबिक बैक्टीरिया (हवा के अभाव में पनपने वाले बैक्टीरिया) के उत्पादन के लिए यहां संयंत्र लगा
निर्मल भारत यात्रा -प्रेस कॉन्फ्रेंस आमंत्रण
Posted on 28 Sep, 2012 11:56 AM स्थान : गुलमोहर, इंडिया हैबिटेट सेंटर, लोधी रोड, नई दिल्ली
समय व तिथि : 28 सितंबर 2012, सायं 3:00 बजे


वॉश युनाइटेड और क्विकसैंड डिजाइन स्टूडियों निर्मल भारत यात्रा के प्रारंभ से पहले सभी मीडियाकर्मियों का आह्वान और स्वागत करते हैं। जल्द ही शुरू होने वाली ‘निर्मल भारत यात्रा’, एनबीवाई महाराष्ट्र के वर्धा से शुरू होकर बिहार के बेतिया में समाप्त होगी। यह यात्रा मात्र एक यात्रा या मेला नहीं है बल्कि भारत में सेनिटेशन के मुद्दों के प्रति लोगों में जागरुकता उत्पन्न करना और व्यवहार में बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए की जा रही है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेयजल और स्वच्छता मंत्री श्री जयराम रमेश संयुक्त सचिव जितेंद्र शंकर माथुर और अर्घ्यम की चेयरपर्सन रोहिणी निलेकणी शिरकत करेंगे। इस यात्रा की सेनिटेशन अंबेसडर अभिनेत्री विद्या बालन भी मीडियाकर्मियों से रूबरू होंगी।
खेत खलिहानों में सूखे के संकेत ने देश भर में बढ़ाई चिंता
Posted on 27 Sep, 2012 12:58 PM खेत खलिहानों में सूखे के संकेत किसानों की पेशानी पर चिंता की लकीरों के रूप में दिखने लगे हैं। देश के उत्तरी, पश्चिमी हिस्सों व कर्नाटक सूखे जैसे हालात की आहट सुन रहा है और किसान व पशुपालक संकट में आने लगे हैं। अनेक भागों में पेयजल का संकट खड़ा हो रहा है जबकि फल, सब्जी, दाल व चीनी के दाम बढ़ने लगे हैं। चारे की कमी ने पशुपालकों की दिक्कते बढ़ा दी हैं। देश भर से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब, हरियाणा
स्टील इंडस्ट्री यमुना में फेंक रही तेजाब
Posted on 27 Sep, 2012 11:22 AM दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की अनदेखी के चलते वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया के स्टेनलेस स्टील कारखानों से हर रोज निकलने वाला लाखों लीटर तेजाब व जहरीला पानी न केवल यमुना को विषैला बना रहा है बल्कि इलाके के भू-जल व मिट्टी को भी दूषित कर रहा है। इन कारखानों में तेजाब व अन्य कठोर रसायनों की मदद से स्टेनलेस स्टील शीट बनाने की प्रक्रिया, जिसे 'पिकलिंग' कहते हैं, के बाद जहरीले प्रवाह को सीधे खुल
वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कों पर बह रहा है स्टील कंपनियों से निकलने वाला जहरीला पानी
पानी का पैसा
Posted on 26 Sep, 2012 03:16 PM असीम मुनाफे के उपासक भारत में पानी के निजीकरण के लिए दिन रात जुटे हुए हैं और काफी तैयारियां कर ली भी गई हैं। विशेषज्ञों तथा नौकरशाही को समझाकर अपने खेमे में मिला लिया गया है। हर कोई पानी के निजीकरण के नए मंत्र का जाप करता दिखाई दे रहा है। बहती नदियों के दोनों किनारों पर उद्योगों के कालेधन को सफेद बनाने के नाम पर फार्म हाउस बन गए हैं। जिस पानी को राह चलते राहगीरों को पिलाने में अपार सुकून मिलता
पानी के निजीकरण की नीति
Posted on 26 Sep, 2012 11:28 AM सरकारों का उल्टा पेंडूलम चालू हो गया है पहले सरकारीकरण और अब निजीकरण का। भारत में जीने के साधनों का समाजीकरण करने की परंपरा रही है। भारत का समाज अंतिम आदमी को ध्यान में रखकर संसाधनों का प्रबंधन करता रहा है। पानी के निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए जून 2012 में भारतीय जल नीति लाई गई है। भारत के कई शहरों में पीपीपी मॉडल के नाम पर जल वितरण का निजीकरण किया गया है जो बूरी तरह फेल रहा। फिर भी सरकार कोई
जल विद्युत के नाम पर तांडव
Posted on 26 Sep, 2012 10:42 AM देश के सभी पहाड़ी नदियों पर जल विद्युत परियोजना के लिए बांध बनाने पर सरकारें आमादा हैं। पहाड़ी नदियों पर जल विद्युत परियोजना का बनना स्थानीय निवासियों के अपनी जमीन तथा रोजगार के लिए एक खतरनाक संकेत है। हमारे देश की नदियां लोगों की जीवन और संस्कृति से गहरी जुड़ी हुई हैं लेकिन इनके वजूद पर खतरा मंडरा रहा है। विकास के नाम पर पहाड़ी क्षेत्र के जल, जंगल, जमीन को बर्बाद कर रहे हैं बता रहे हैं डॉ.
Hydro power project
मानव निर्मित बाढ़
Posted on 25 Sep, 2012 03:31 PM पर्यावरण भूवैज्ञानिक के. एस. वैद्य उत्तराखंड में रहते हैं और पूर्व में प्रधानमंत्री की विज्ञान सलाहकार परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। प्रस्तुत साक्षात्कार स्पष्ट करता है कि बाढ़ के लिए वास्तव में कौन जिम्मेदार हैं।-

हिमालय के साथ ही साथ भारत के अन्य हिस्सों में लगातार बाढ़ की पुनरावर्ती हो रही है। किस भूगर्भीय परिस्थिति के चलते इनमें वृद्धि हो रही है?
गंगा की गाय को बचाओ
Posted on 22 Sep, 2012 01:12 PM गंगा हमारी आस्था की प्रतीक है, जो अनेक सभ्यताओं और परम्पराओं को अपने में समेटे हुई है। गंगा में बढ़ते प्रदूषण की वजह से न केवल गंगा मैली हुई है बल्कि इसकी गोद में पल रहा हमारा राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन (गंगा की गाय) का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है। गंगा के साथ डॉल्फिन का संबंध बहुत पुराना है, भगीरथ के तपस्या से जब गंगा स्वर्ग से उतरी थीं तो उनके साथ डॉल्फिन भी थी।
हर रोज बहा रहे हैं करोड़ों लीटर 'पानी'
Posted on 21 Sep, 2012 04:29 PM

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर 1254.2 करोड़ हो चुके हैं खर्च, पर ट्रीटेड पानी के इस्तेमाल की नहीं है कोई व्यवस्था

×