दिल्ली

Term Path Alias

/regions/delhi

बरसो रे बरसो मेघा: एक नाटक
Posted on 06 Jul, 2015 12:49 PM यह पानी भी विचित्र है—कभी हरहराती बाढ़, कभी रिमझिम-रिमझिम बारिश, कभी जलप्रलय और सृष्टि परिवर्तन, कभी धारासार वर्षा का रोमांस, कभी प्रेम की सरस बूँदों का स्पर्श, कभी नीर भरी दुख की बदली और कभी निर्झर-सा झरझर, कभी बादल का अमर राग- ‘झूम-झूम मृदु गरज-गरज घनघारे’ जो कृषकों को नयी आशा और जीवन देता है और कभी वही बादल मधुर गीत में ढल जाते हैं- ‘बादल छाए, य
कोपनहेगन : पर्यावरण मित्र शहर
Posted on 05 Jul, 2015 04:09 PM पौराणिक प्रमाणों के आधार पर कोपनहेगन का अस्तित्व लगभग 6000 वर्ष पूर
आस्था के नाम पर यमुना से खिलवाड़
Posted on 05 Jul, 2015 03:55 PM आस्था के नाम पर यमुना से खिलवाड़ का सिलसिला जारी है। एनजीटी के सख्त आदेश के बाद न तो डीडीए ने यमुना में पूजा सामग्री डालने और उसकी रोकथाम के लिए किसी भी तरह की सख्ती दिखाई है और न ही दिल्ली वाले यमुना के महत्त्व को समझने के लिए तैयार हैं। आलम यह है कि हर शनिवार आस्था के नाम पर आईटीओ स्थित यमुना किनारे एनजीटी के आदेशों की सरेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं लेकिन
निर्जलन (डिहाईड्रेशन)
Posted on 05 Jul, 2015 12:55 PM गर्मी के मौसम में पानी की कमी से निर्जलन की शिकायत हो सकती है। इस मौसम में कुछ सावधानियाँ अपनाकर और ज्यादा से ज्यादा पानी पीकर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
उड़ती नदी, बहता बादल
Posted on 05 Jul, 2015 11:36 AM मेघ ही वे कहार हैं, जो नदी-नाले, गाड़-गधेरे और कुआँ-बावड़ी, ताल-तलैया- हर जलस्रोत में पानी भरते हैं। मेघ प्रति वर्ष यह काम सचमुच कश्मीर से कन्याकुमारी तक अथक करते हैं। मेघ बड़े बहादुर कहार हैं। ये खूब भारी डोली यानी सारा तरल वाष्प लेकर हजारों मील दूर से भारत की यात्रा केरल से शुरू करते हैं। हमारे यहाँ मानसून हिन्द महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आता है। कभी-कभी मानसून जम्मू-कश्मीर की सीमाओं को पार कर पाकिस्तान होते हुए ईरान की ओर यात्रा पर चला जाता है, तो कभी पूर्वी सीमा पार कर जापान की ओर।

दिल्ली तक आते-आते ये मेघ लगभग पच्चीस सौ से चार हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके होते हैं। बूँद, बारिश, मेघ और मानसून के इस मिले-जुले खेल का रूप है वर्षाऋतु। प्रकृति ने धरती की सतह का दो-तिहाई भाग को समुद्र बनाया है। पानी की कोई कमी नहीं छोड़ी है। सूरज की तपस्या से, सूरज के तपने से समुद्र का पानी भाप बनता है। बूँद-बूँद भाप बनकर ऊपर उठती है और नीचे जो खारा समुद्र है, उसका कुछ अंश उठाकर आकाश में निर्मल जल का एक और सागर तैरा देती है।
rain
नील का राजकुमार
Posted on 05 Jul, 2015 10:41 AM विश्व बाजार में कृत्रिम नील 1897 में ही आ जाता है। परिणाम यह होता ह
जब ईंधन नहीं रहेगा
Posted on 04 Jul, 2015 04:10 PM
दस साल से ऊपर की उम्र वाले अभी मोटरगाड़ियों को भूले नहीं हैं।
नदी के द्वीप
Posted on 03 Jul, 2015 10:03 AM फारसी शब्द ‘आब’ का अर्थ है जल। यह नदी का भी वाचक है। दो नदियों से घिरे स्थान को दोआब कहते हैं जैसे गंगा-यमुना का दोआब और पाँच नदियों वाला स्थान पंजाब
Ganga
कैसे होता है प्राचीन अवशेषों का काल-निर्धारण
Posted on 03 Jul, 2015 09:40 AM साबूदाना, जो भारत भर में उपवास के दिन फलाहार के रूप में खाया जाता है, क्या है? क्या यह खेत-जमीन में उगाया जाता है? या पेड़ पर लगता है?
नदी और मनुष्य
Posted on 03 Jul, 2015 09:36 AM ऋग्वेद के तीसरे मंडल के तैंतीसवें सूक्त में नदियों और विश्वामित्र के बीच जो संवाद मिलता है वह नदियों और मनुष्य के आदिम रिश्तों की अनोखी व्याख्या है।
×