आस्था के नाम पर यमुना से खिलवाड़

आस्था के नाम पर यमुना से खिलवाड़ का सिलसिला जारी है। एनजीटी के सख्त आदेश के बाद न तो डीडीए ने यमुना में पूजा सामग्री डालने और उसकी रोकथाम के लिए किसी भी तरह की सख्ती दिखाई है और न ही दिल्ली वाले यमुना के महत्त्व को समझने के लिए तैयार हैं। आलम यह है कि हर शनिवार आस्था के नाम पर आईटीओ स्थित यमुना किनारे एनजीटी के आदेशों की सरेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं लेकिन दिल्ली वालों को या तो एनजीटी के आदेश की जानकारी ही नहीं है या तो आस्थावानों के तर्क यमुना किनारे अनुष्ठान और पूजा सामग्री प्रवाहित करने को अपना मौलिक अधिकार समझते हैं।

आलम यह है कि दिल्ली एनसीआर से हर शनिवार को यमुना किनारे आस्थावान अपनी-अपनी पूजा सामग्री के साथ जुटते हैं और अनुष्ठान के बाद अपनी पूजा सामग्री को यमुना में प्रवाहित करते हैं। इसको लेकर यमुना किनारे दुकान लगाने वाले राकेश का कहना है कि शनिवार को अनुष्ठान के लिए सुबह से शाम तक लोग जुटते हैं। इस दौरान लोग अपने साथ पूजा सामग्री लाते हैं और अनुष्ठान के लिए शराब भी लाते हैं। राकेश कहते हैं कि अनुष्ठान के बाद सभी लोग शराब पीते हैं। शराब पीने के बाद बोतल कहाँ फेंकते के सवाल पर राकेश कहते हैं कि इसके लिए कोई जगह निश्चित नहीं है। लोग बोतलें किनारे पर भी फेंकते और यमुना में प्रवाहित भी करते हैं। शनिवार को यह घटना आम बात है लेकिन दुर्भाग्य है कि न तो कोई यमुना के महत्त्व को समझने के लिए तैयार है और न ही यमुना को प्रदूषण से बचाने के लिए डीडीए की कोई रणनीति। गौरतलब है कि यमुना को स्वच्छ बनाने की पहल करते हुए एनजीटी ने अपने आदेशों में यमुना किनारे मलबा डालने और पूजा सामग्री डालने पर सख्त जुर्माने का प्रवाधान किया था और डीडीए को आदेशों की अनुपालना की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसके बाद डीडीए ने यमुना किनारे होमगार्ड्स की नियुक्ति सीसीटीवी लगाने और यमुना ब्रिज पर जाल को ठीक करने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक सारी घोषणाएँ हवाई साबित हुई हैं।

यमुना में पूजा सामग्री डालने में एनजीटी के आदेशों और यमुना के महत्त्व को लेकर यमुना घाट पर जब नवोदय टाइम्स ने शनिवार को लोगों से बात की तो लोगों के कई रंग नजर आए। कई लोगों ने यमुना किनारे पूजा सामग्री डालने पर एनजीटी के आदेशों की जानकारी के बारे में अनभिज्ञता जताई, तो कई लोगों ने इसकी व्याख्या अपने मौलिक अधिकारों से की लेकिन कई लोगों ने विस्तार में चर्चा के बाद सौगंध के साथ कहा कि अब यमुना में पूजा सामग्री कभी नहीं प्रवाहित करेंगे।

जानकारी थी लेकिन किसी ने कभी रोका ही नहीं। यमुना को अगर साफ करने के लिए सरकार सख्त है तो हम सौगंध के साथ कहते हैं कि अब कभी पूजा सामग्री प्रवाहित नहीं करेंगे। -कुमार उप्पल अपनी माँ के साथ

यमुना में पूजा सामग्री डालने पर जुर्माने की जानकारी तो है लेकिन जुर्माने का डर किसी को नहीं है। सब पूजा सामग्री प्रवाहित करते हैं। अगर बात यमुना और पूजा सामग्री को चुनने की है तो मैं यमुना को चुनता हूँ। और सौगंध के साथ कहता हूँ कि अब कभी पूजा सामग्री प्रवाहित नहीं करूँगा। - अतुल शर्मा

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