दिल्ली

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मनरेगा की अहमियत
Posted on 07 Nov, 2016 10:43 AM
देश की वित्तीय राजधानी कही जाने वाली मुम्बई से बमुश्किल सौ किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल पालघर जिले में कुपोषण से हुई छह सौ से अधिक बच्चों की मौत बहस का मुद्दा नहीं बन सकी। महाराष्ट्र में आदिवासी विकास मन्त्री विष्णु सवारा के मतदाता संघ में हुई इन मौतों को लेकर मीडिया में काफी कुछ छुपा, अलबत्ता राज्य सरकार किसी भी किस्म की कार्रवाई से आँखें मूँद रही और न ही केन्द्र सरकार ने उसे कुछ करने के निर्द
Manrega
सूर्य कृतज्ञता का पर्व है छठ
Posted on 07 Nov, 2016 10:38 AM
नदी या तालाब या समुद्र में घुटने पानी तक खड़े होकर सावधानीपूर्वक सूर्य देवता को नमन करते हैंः श्रद्धा देते हैं। यह श्रद्धा हम अपने को ही देते हैं, यदि पूछिए तो। श्रद्धा रहित जीवन भी कोई जीवन है। चढ़ते व उतरते सूर्य : दोनों को प्रणाम करने का अर्थ है : हम सम भाव से किसी के उत्कर्ष व अपकर्ष में साथ बने रहते हैं। यह क्या बात हुई कि चढ़ते समय तो साथ रहे, उतरते समय साथ छोड़ दिया।
सरकार के साथ-साथ समाज भी समझे अपनी जिम्मेदारी
Posted on 06 Nov, 2016 03:15 PM
वर्षों पहले प्रदूषणकारी उद्योगों को दिल्ली से हटाकर गुड़गाँव,
वायु प्रदूषण का बढ़ता कहर
Posted on 06 Nov, 2016 02:54 PM
हमें समझना होगा कि दिल्ली सहित विभिन्न भारतीय शहरों में हवा ख
जल संरक्षण का लोकपर्व
Posted on 05 Nov, 2016 11:47 AM


भारतीय संस्कृति में परम्परा की पैरोकारी रामचन्द्र शुक्ल से लेकर वासुदेवशरण अग्रवाल तक तमाम साहित्य-संस्कृति मर्मज्ञों ने की है। समाज और परम्परा के साझे को समझे बिना भारतीय चित्त तथा मानस को समझना मुश्किल है। आज जब पानी की स्वच्छता के साथ उसके संरक्षण का सवाल इतना बड़ा हो गया है कि इसे अगले विश्वयुद्ध तक की वजह बताया जा रहा है, तो यह देखना काफी दिलचस्प है कि भारतीय परम्परा में इसके समाधान के कई तत्व हैं।

जल संरक्षण को लेकर छठ पर्व एक ऐसे ही सांस्कृतिक समाधान का नाम है। अच्छी बात है भारतीय डायस्पोरा के अखिल विस्तार के साथ यह पर्व देश-दुनिया के तमाम हिस्सों को भारतीय जल चिन्तन के सांस्कृतिक पक्ष से अवगत करा रहा है।

छठ पूजा
शौचालय से निकले कुछ विचार
Posted on 03 Nov, 2016 10:49 AM

पटरी से लेकर न्यायालय की मेज तक फैली इन विषमताओं का आदर्श समाधान है शौच निपटने की कोई और

नदियों को उनका अधिकार वापस देना होगा-राजेन्द्र सिंह
Posted on 01 Nov, 2016 11:58 AM

नदी संवाद यात्रा -2


.कमला के तट पर बड़ा शहर है। झंझारपुर यह मिथिलांचल की राजनीति का केन्द्र भी है। यहाँ जलपुरुष राजेन्द्र सिंह ने ‘नदियों के अधिकार’ का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि नदियों की विनाशलीला से बचने और नदियों को सूखने से बचाने के लिये उनका अधिकार वापस लौटाना होगा।

नदी क्षेत्र का विस्तार उसकी मूल धारा से लेकर वहाँ तक होता है, जहाँ तक उसका पानी जाता है। इस अति बाढ़ प्रवण और बाढ़ प्रवण क्षेत्र में कायदे से कोई निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए और अगर अनिवार्य हो तो ध्यान रखना चाहिए कि नदी के स्वाभाविक प्रवाह में अड़चन न आए। परन्तु लोगों ने उन क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है। इसे रोकना और हटाना होगा।
polluted river
देश की धरती अब उगलेगी तेल और गैस भी
Posted on 31 Oct, 2016 04:44 PM
देश भर की नदियों की तलहटी को नए सिरे से खंगाला–खोजा जा रहा ह
India map
जल, थल और मल
Posted on 31 Oct, 2016 04:08 PM
जीवन की यह रूपरेखा बहुत कामयाब हुई। ये जीव बहुत फले-फूले और
नदी जोड़ परियोजना को प्राथमिकता
Posted on 31 Oct, 2016 03:27 PM
नमामि गंगे परियोजना की प्रगति से उमा भारती चाहे जितनी आशावादी हों, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मन्त्रालय ने नदियों को आपस में जोड़ने के काम को प्राथमिकता दी है। एक राष्ट्रीय परिदृश्य योजना तैयार की गई है। इसके अन्तर्गत जल-आधिक्य वाले इलाके से जल-न्यूनता वाले इलाके में जल स्थान्तरित करने पर जोर दिया जाएगा। मन्त्रालय ने चार जून को एक विज्ञप्ति जारी कर अपनी उपलब्धियों का विवरण दिया है।

विज्ञप्ति के अनुसार, केन-बेतवा परियोजना का तेजी से कार्यान्वयन होगा। दमन गंगा-पिंजल की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है। पार-तापी-नर्मदा लिंक की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अन्तिम रूप दिया जा रहा है। महानदी-गोदावरी बाढ़ नियन्त्रण परियोजना शुरू की गई है। बिहार की दो परियोजनाएँ- बूढ़ी गण्डक नून बाया लिंक और कोसी मेची लिंक की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पूरी की गई है।
river linking map
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