देहरादून जिला

Term Path Alias

/regions/dehradun-district

गंगा 2009 कैलेंडर
Posted on 21 Dec, 2008 02:38 PM लोक विज्ञान संस्थान (पीएसआई) एक गैर-लाभकारी रिसर्च संगठन है। पीएसआई का लक्ष्यः 'उपलब्ध मानवीय और प्राकृतिक संसाधनों के सतत, समान और उत्पादक उपयोग के माध्यम से गरीबों के सशक्तिकरण द्वारा गरीबी उन्मूलन करना है।' पीएसआई उन संस्थाओं और समुदायों को तकनीकी और प्रबंधकीय सहयोग प्रदान करता है जो इसके साथ काम करती हैं, विकास कार्यक्रम चलाती हैं और जनहित में अनुसंधान का काम करती हैं।
बारिश का आधा पानी ही बुझा देगा उत्तराखण्ड की प्यास
Posted on 04 Sep, 2008 10:39 PM

जागरण/देहरादून/ उत्तराखंड में होने वाली बारिश की 50 फीसदी मात्रा से ही सूबे की न केवल 100 फीसदी प्यास बुझाई जा सकती है, बल्कि रोजाना की अन्य जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है। इसे समझकर ही नए नियम बनाए जा रहे हैं। सूबे में 'रूफ-टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग' की कवायद शुरू की गई है। वर्षा जल संग्रह का प्रावधान नए बनने वाले सरकारी व निजी भवनों के लिए अब अनिवार्य हो गया है।

रूफ-टाप रेनवाटर हार्वेस्टिंग
जहरमुक्त खेती : अजोला, फसल के लिए एक जैविक वरदान
अजोला एक जलीय पौधा है जो जहरमुक्त खेती के लिए एक जैविक वरदान साबित हो सकता है। यह पौधा न केवल पशुओं के लिए एक उत्कृष्ट चारा है, बल्कि फसलों के लिए भी उर्वरक के रूप में काम करता है। पढ़िए अजोला के बारे में विस्तार से Posted on 16 Sep, 2024 04:25 PM

परिचयः

अजोला को वैज्ञानिक भाषा में फर्न कहते है, जो पानी में तैरते रहते हैं। अजोला की जाति सूक्ष्मजीव होती है, इसकी पंखुडियो में एनाबिना (Anabaena) नामक नील हरित काई होती है। अजोला को जैविक उर्वरक के रूप मे प्रयोग करते है, जो धान के उत्पादन को बढ़ाता है। इसे मछली तथा पशुओं के चारे में तथा कई लोग ड्राइंग रूम को सजाने में तथा विभिन्न देशों मे पकौड़ा व चटनी भी बनाते हैं। सूर्य के प्रकाश

धान के खेत में अजोला डालो, यूरिया भूल जाओगे। फोटो साभार - कृषक जगत
दो दिवसीय "पानी को जानो" कार्यक्रम प्रारंभ
यूसर्क द्वारा हिमालय दिवस के अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय "पानी को जानो" कार्यक्रम प्रारंभ 
Posted on 03 Sep, 2024 10:39 PM

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा दिनांक 3 सितम्बर 2024 को हिमालय दिवस के अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय "पानी को जानो (Know the Water) कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।  कार्यक्रम में उपस्थित यूसर्क के वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ भवतोष शर्मा ने कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा बताया कि यूस

यूसर्क की दो दिवसीय "पानी को जानो" कार्यक्रम
फास्ट फैशन क्या है, पानी-पर्यावरण के संदर्भ में निहितार्थ
नैतिक रूप से तैयार नेचर-न्यूट्रल टिकाऊ वस्त्र हमारे फैशन के केन्द्र में होने चाहिए।

Posted on 29 Aug, 2024 03:41 PM

नवीनतम प्रवृत्तियों के आधार पर तेजी से सस्ते वस्त्रों के उत्पादन, यानी 'फास्ट फैशन' ने वैश्विक फैशन उद्योग को बदल दिया है। जारा, एचएंडएम व फारएवर 21 जैसे ब्रांडों ने यह आंदोलन शुरू किया है। इसका उद्देश्य बहुत तेज गति से सस्ते वस्त्र उपलब्ध कराना है। कुछ ही सप्ताह में नई डिजाइनों व स्टोर रेडी वस्त्रों के कारण लेटेस्ट स्टाइलें बहुत से लोगों, खासकर युवा ग्राहकों तक पहुंच रही हैं। हालांकि, यह फैशन

फैशन में पर्यावरण की अनदेखी (courtesy - needpix.com)
संदर्भ आपदा : प्रकृति की चेतावनियों को सुनें
केरल के वायनाड में कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया, जिसकी शायद ही कभी ने कल्पना की हों। वायनाड में आए भूस्खलन में कई 400 से अधिक लोगों की जान चली गई। वायनाड में जिस तरफ नजर जा रही है। उस तरफ बस तबाही का खौफनाक मंजर दिख रहा है। इलाके के ज्यादातर घर, इमारतें, स्कूल अब मलबे के ढेर में तब्दील हो चुके हैं। भूस्खलन में कई घर उजड़ गए, यह प्रलय नहीं है, तो और क्या है? Posted on 26 Aug, 2024 10:34 PM

वायनाड प्राकृतिक लिहाज से देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। वैज्ञानिकों की एक वैश्विक टीम की रिसर्च के मुताबिक वायनाड जिले में घातक भूस्खलन भारी बारिश के कारण हुआ, जो जलवायु परिवर्तन के कारण 10 प्रतिशत अधिक थी। भारत, स्वीडन, अमेरिका और ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि जैसे-जैसे जलवायु गर्म होती जाएगी, ऐसी घटनाएं आम होती जाएंगी।.

18 जून, 2013 को उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़क (छवि: एएफपी फोटो/ भारतीय सेना; फ़्लिकर कॉमन्स)
कैलाखान भूस्खलन की जांच में कई कारण आए सामने
जानिए कैलाखान भू-स्खलन की जाँच पर विस्तृत रिपोर्ट Posted on 05 Mar, 2024 12:31 PM

17 अगस्त 1898, नैनीताल।

1.उपरोक्त विषय पर मेरी प्रारंभिक आख्या जो उत्तर, पश्चिम प्रान्त और अवध के शासन को मैंने मुख्य आंकलन के बाद भेजी। मेरे नैनीताल में कुछ समय रहने के बाद यह आख्या मेरे द्वारा स्वयं देखी गई और रखी गई।

कैलाखान भू-स्खलन की जाँच 
डी ए वी महाविद्यालय देहरादून द्वारा एक दिवसीय पेयजल सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
डी ए वी कॉलेज देहरादून की और से एक दिवसीय पेयजल सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया | Get information about One day drinking water safety training program organized by DAV College, Dehradun Posted on 06 Jan, 2024 05:24 PM

डी ए वी महाविद्यालय देहरादून द्वारा उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद से वित्त पोषित शोध परियोजना के अंतर्गत आज दिनाँक 5 जनवरी 2024 को बहादराबाद विकास खंड की अजीतपुर ग्राम सभा हरिद्वार के पंचायत भवन में एक दिवसीय "ग्रामीण पेयजल आपूर्ति में जैविकीय प्रदूषण रोकने हेतु जल सुरक्षा योजना हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला" का आयोजन डी बी एस कॉलेज देहरादून एवं हर्ष विद्या मंदिर महाविद्यालय रायसी हरिद्वार के संय

डी ए वी महाविद्यालय देहरादून द्वारा एक दिवसीय पेयजल सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
यूसर्क के साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन
राज्य के सीमांत भाग तक के विद्यार्थियों को विज्ञान, तकनीकी एवं पर्यावरण संबंधी विषयों में प्रयोगात्मक रूप से प्रशिक्षित किया जाय। पर्यावरण विषय पर प्रशिक्षित युवा अपने कौशल विकास के साथ अपने करियर को अच्छा बना सकते हैं साथ ही साथ अपने पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी कार्य कर सकते हैं Posted on 16 Dec, 2023 01:45 PM

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा अनुसंधान केंद्र देहरादून (यूसर्क) द्वारा भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (भारतीय कृषि एवं अनुसंधान परिषद, भारत सरकार) के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 11 दिसंबर को  प्रारंभ किए गए साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज दिनाँक 15.12.2023 को अपराह्न में यूसर्क सभागार में समापन किया गया। समापन कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि

यूसर्क के साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन
×