छत्तीसगढ़

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छत्तीसगढ़ में विकास और पर्यावरण समस्या और संभावना
Posted on 09 Apr, 2014 10:07 AM छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगा उरला-सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र है।
शिक्षा अधिकार का लक्ष्य साधती कोड़ाकू बेटियां
Posted on 05 Jan, 2014 11:56 AM शिक्षा का अधिकार साधती कोड़कू बेटियांकहें कि यह पत्थर तोड़कर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले आदिवासी कोड़ाकू समुदाय की पहली शिक्षा से जुड़ी बेटियों की पीढ़
जैविक खेती से मड़िया की पैदावार दोगुनी
Posted on 18 Jul, 2013 09:55 AM

मड़िया सरसों की तरह छोटा अनाज होता है। इसे रागी, नाचनी और मड़ुआ नाम से भी जाना जाता है। इसे हाथ की चक्की में दर

organic farming
जहरीला पानी गांव को बना रहा है विकलांग
Posted on 15 Jul, 2013 12:40 PM हनुमानगढ़ में पीने के लिए कुआं, हैंडपंप, तालाब के अलावा अन्य कोई साधन नहीं है। दिन प्रतिदिन यहां की स्थिति और भयंकर होती जा रही है। ग्रामीणों की मानें तो अविभाजित मध्य प्रदेश क्षेत्रफल में बड़ा होने के कारण शायद उस समय की सरकार का ध्यान इस ओेर नहीं गया होगा, लेकिन 13 साल पहले छत्तीसगढ़ के अस्तित्व में आने के बावजूद शासन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाना चिंता का विषय है। सरकार की ऐसी उदासीनता गांव वालों के लिए किसी मौत की सजा से कम नहीं है। एक पल के लिए यह विश्वास करना मुश्किल है कि जो पानी हमें जीवन प्रदान करता है वह कभी किसी को इस तरह असहाय बना दे कि अपनी सारी जिंदगी विकलांग के रूप में काटने को मजबूर हो जाए। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिला स्थित रामानुजनगर विकासखंड के हनुमानगढ़ में यही देखने को मिल रहा है। लगभग 1000 की आबादी वाला यह एक ऐसा गांव है जहां के हरिजन मुहल्ले की आधी आबादी विकलांग है। यह विकलांगता न तो पोलियो के कारण हुआ है और न ही कुपोषण इसका जिम्मेदार है। दरअसल हनुमानगढ़ के पानी में फ्लोराइड, सल्फर, फास्फोरस और अन्य रासायनिक तत्वों की मात्रा अधिक है। जो यहां के लोगों के लिए जहर का काम कर रहा है। वैसे तो पानी में मौजूद खनिज तत्व (फ्लोराइड) हमारे शरीर के लिए नुकसानदेय नहीं होता है। लेकिन निर्धारित मात्रा से अधिक होने पर यही फ्लोराइड हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो जाता है। विकलांगता के कारण का पता नहीं चलने पर समस्या और गंभीर हो जाती है।
विदेशियों के चेहरे पर चमक रहा रायपुर ईको फ्रेंडली रंग
Posted on 24 May, 2013 10:06 AM जर्मनी, अमेरिका समेत 20 देशों में होली सेलिब्रेशन के लिए हो रही सप्लाई, अरारोट से तैयार होता है रंग
ठंड में ही सूख गई महानदी
Posted on 31 Jan, 2013 10:06 AM

नदी के पास अवैध बोर कर जमकर पानी का दोहन किए जाने का असर

 

mahanadi river
पर्यावरण के ये हैं सच्चे रखवाले
Posted on 06 Sep, 2012 10:16 AM

कचरा बीनते हैं, जैविक खाद बनाते हैं और पौधे उगाकर बांटते हैं।

छेनी से गूंज उठा इंद्रावती का संगीत
Posted on 03 Sep, 2012 03:18 PM

विश्वकर्मा ने ही बनाया था इसे अपने हाथों से अकेले एक रात में ही पूरा कर दिया था रात को यह नहीं साधारण सी बह रही थी और सबेरे यह बड़ा सा घूमर (झरना) तैयार हो गया था' मगरू कुछ अटक-अटक कर कुछ हल्बी में टूटी-फूटी हिन्दी में अपना इतिहास, उस जल प्रपात के निर्माण की कहानी बताने का प्रयास कर रहा था। उसकी दृष्टि उस प्रपात के उफनते प्रवाह में खो गई थी। असीम विश्वास और अडिग आस्था थी उसकी आंखों में कितनी गह

river indrawati
महानदी का निजीकरण
Posted on 03 Sep, 2012 01:18 PM छत्तीसगढ़ में एक-एक कर नदियों के पानी पर कंपनियों को मालकियत दी जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय समुदाय के अधिकारों की अवहेलना कर कंपनियों को सौंपा जा रहा है। महानदी पर कई कंपनियां अपनी-अपनी बैराज बनाएंगी और इकट्ठा होने वाली पानी को बेचेगी। जिससे वे करोड़ों रुपए कमाएंगी। इतना ही नहीं सरकार ने उनको कई तरह की टैक्स में छूट भी दी है। महानदी के पानी के इस निजीकरण के बारे में बता रहे हैं संज
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