डॉ. ब्रह्मदेव शर्मा

डॉ. ब्रह्मदेव शर्मा
छेनी से गूंज उठा इंद्रावती का संगीत
Posted on 03 Sep, 2012 03:18 PM

विश्वकर्मा ने ही बनाया था इसे अपने हाथों से अकेले एक रात में ही पूरा कर दिया था रात को यह नहीं साधारण सी बह रही थी और सबेरे यह बड़ा सा घूमर (झरना) तैयार हो गया था' मगरू कुछ अटक-अटक कर कुछ हल्बी में टूटी-फूटी हिन्दी में अपना इतिहास, उस जल प्रपात के निर्माण की कहानी बताने का प्रयास कर रहा था। उसकी दृष्टि उस प्रपात के उफनते प्रवाह में खो गई थी। असीम विश्वास और अडिग आस्था थी उसकी आंखों में कितनी गह

river indrawati
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