भोपाल जिला

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भूजल की लूट पर अंकुश ज़रूरी
Posted on 07 Feb, 2010 09:01 AM

इन दिनों भोपाल सहित प्रदेश के कई बड़े-छोटे पेयजल संकट से जूझ रहे हैं राजधानी में एक दिन बीच जलप्रदाय हो रहा है तो कई स्थानों पर दो से लेकर छ: दिन बीच यह प्रदाय संभव हो पा रहा है। दरअसल यह स्थिति अल्पवर्षा या अवर्षा से निर्मित हुई है जिसके पीछे वहीं ग्लोबल वार्मिंग है जो देश सहित पूरे विश्व में अपना रौद्ररूप नित्यप्रति दिखा रहा है। जलसंकट की कोई भी परिस्थिति हमें भूजल पर आश्रित होने को मज़बूर कर

क्या नदियों को जोड़ा जा सकता है?
Posted on 27 Jan, 2010 03:27 PM 3 अक्टूबर 2002 को माननीय उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय सरकार से कहा है कि वह देश की नदियों को दस साल के भीतर जोड़ने के बारे में विचार करे। इस समाचार ने उन सब को चौंका दिया है, जो पानी से जुड़े सवालों के बारे में सोचते रहे हैं। नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव के लिए यह दलील दी जाती है कि देश के कुछ भागों में तो पानी की कमी है, और कुछ भाग बाढ़ से पड़ित रहते हैं। इसका हल यही है कि ज्यादा पानी वाली नदी घा
नरेगा ने मन मोहा मध्य प्रदेश का
Posted on 23 Jan, 2010 05:02 PM

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) की मध्यप्रदेश में सफलता के कारण

विकास संवाद मीडिया फैलोशिप के लिए आवेदन 25 जनवरी तक
Posted on 16 Jan, 2010 05:26 PM भोपाल। मध्यप्रदेश के सक्रिय पत्रकारों के लिए विकास संवाद ने छठवीं 'विकास संवाद मीडिया फैलोशिप' की घोषणा की है । 2010 की इस फैलोशिप में विकास एवं जन अधिकार के अलग-अलग मुद्दो पर छह माह की अवधि के लिए आठ फैलोशिप दी जाएगी। आवेदन की अंतिम तिथि 25 जनवरी है ।
निमंत्रण- पानी-पर्यावरण और पत्रकारिता पर एक दिवसीय कार्यशाला
Posted on 03 Jan, 2010 10:55 AM स्थानः माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल, म.प्र.
तिथिः जनवरी 14, 2010
समयः प्रातः 9:30-5 बजे सांय

इंडिया वाटर पोर्टल हिंदी, भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहयोग से पानी- पर्यावरण और पत्रकारिता मुद्दे पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। आप सभी से निवेदन है कि कार्यशाला में पहुंचकर अपने बहुमूल्य विचारों का आदान-प्रदान करें।

आप सभी विद्वतजन कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं।

गाँवों में वर्षाजल संग्रहण
Posted on 22 Dec, 2009 01:13 PM गावों में आमतौर पर शहरी आवासों के विपरीत छोटे घर होते हैं। यहां के घरों की छत अपेक्षाकृत छोटी होती है। यहां वर्षाजल संग्रहण के लिए शहरों से भिन्न तकनीकी का उपयोग किया जाता है। अत: गांवों में प्रत्येक घर की छत, आंगन एवं बाड़े में होने वाली बारिश के पानी का सोख्ता गड्ढा और टांका जैसे ढांचों में रोका जा सकता है।
अब हवा से पानी बनाइए और पीजिए
Posted on 31 Oct, 2009 12:56 PM

पीने के पानी की किल्लत दूर करने के लिए अब एक अनोखी मशीन बनाई गई है। यह मशीन हवा से पानी निकालती है। उम्मीद की जा रही है कि माइक्रोवेव के बाद यह सबसे उपयोगी घरेलू मशीन की खोज साबित होगी।

वॉटर मिल
झील संरक्षण पर परिचर्चा का आयोजन संपन्न
Posted on 28 Sep, 2009 01:07 AM
वरिष्ठ पत्रकार एन.के.
वर्षा के दिन लगातार कम हो रहे हैं
Posted on 26 Sep, 2009 10:22 PM

भोपाल. राजधानी में मानसून के दौरान वर्षा के दिन लगातार कम हो रहे हैं। इस साल मानसून में अब तक 3 मिमी से अधिक बारिश वाले दिनों की कुल संख्या 31 रही है जो पिछले 20 सालों में सबसे कम है। इससे पहले 1991 में यह संख्या सबसे कम 36 दिन थी।

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