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भारत
सील मछली का शिकार
Posted on 13 Jan, 2018 03:33 PMलाल सांता की टोपी लगाए बाबू लोग रेस्टोरेंट में खाना खा रहे ह
प्रकृति के कायदों की अनदेखी करती खेती के परिणाम
Posted on 07 Jan, 2018 11:36 AM
भारत में कृषि पद्धति के दो अध्याय हैं- पहले अध्याय के अन्तर्गत आती है प्रकृति के कायदे-कानूनों को ध्यान में रखती परम्परागत खेती और दूसरे अध्याय में सम्मिलित है कुदरत के कायदे-कानूनों की अनदेखी करती परावलम्बी रासायनिक खर्चीली खेती। पहली खेती के बारे में बूँदों की संस्कृति (पेज 274) में उल्लेख है कि जब अंग्रेज भारत आये तो उन्होंने पाया कि यह जगह बहुत समृद्ध है, लोग सभ्य और शिक्षित हैं, कला, शिल्प और साहित्य का स्तर बहुत ऊँचा है।

प्राकृतिक जलचक्र (Natural hydrologic cycle)
Posted on 21 Dec, 2017 10:14 AM
प्राकृतिक जलचक्र, पृथ्वी पर पानी की सतत यात्रा का लेखाजोखा है। अपनी यात्रा के दौरान वह समुद्र, वायुमण्डल और धरती से गुजरता है। पानी से भाप बनने की प्रक्रिया दर्शाती है कि वह चाहे जितना भी प्रदूषित हो, पर जब वह भाप में बदलता है तो पूरी तरह शुद्ध हो जाता है। वह जब धरती पर बरसता है तब भी शुद्ध रहता है। धरती पर उसकी शुद्धता खंडित होती है।

वाटरशेड प्रबन्ध और पर्यावरणी खतरे (Watershed Management and Environmental Hazards)
Posted on 04 Dec, 2017 04:48 PM
प्राकृतिक घटकों के ह्रास से निजात पाने के लिये भारत में बहुत सारी योजनाओं पर काम हुआ है। उन योजनाओं के घोषित लक्ष्य और उपचारित इलाके भले ही अलग-अलग रहे हैं पर उन सबके अन्तर्गत किये जाने वाले कामों का केन्द्र बिन्दु मौटे तौर पर पानी और मिट्टी की बिगड़ती हालत को ठीक करना ही रहा है।

पर्यावरणी प्रवाह - जीवन का अधिकार माँगती नदियाँ (Environmental flow- Rivers waiting for Rights of living entity)
Posted on 11 Nov, 2017 12:49 PM
न्यूनतम पर्यावरणी प्रवाह, प्रत्येक स्वस्थ नदी का मौलिक अधिकार है। यह अधिकार, प्रकृति ने, नदी तंत्र को अपने कछार की साफ-सफाई और जलीय जीव-जन्तुओं तथा वनस्पतियों के निरापद जीवन को आधार प्रदान करने के लिये सौंपा है। इस विशेषाधिकार के कारण कछार सहित नदी तंत्र में असंख्य जीव-जन्तुओं तथा वनस्पतियों का जीवन पलता है और वह अपने कुदरती दायित्वों को बिना किसी रुकावट के पूरा करती है।

महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act, 2005)
Posted on 29 Oct, 2017 03:40 PM(2005 का अधिनियम संख्यांक 42)
05 सितम्बर, 2005
तटीय जलकृषि प्राधिकरण अधिनियम, 2005 (Coastal Aquaculture Authority Act, 2005)
Posted on 23 Oct, 2017 01:46 PM(2005 का अधिनियम संख्यांक 24)
(23 दिसम्बर 2005)
तटीय क्षेत्रों में तटीय जलकृषि से सम्बन्धित क्रियाकलापों का विनियमन करने के लिये तटीय जलकृषि प्राधिकरण की स्थापना और उससे सम्बन्धित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबन्ध करने के लिये अधिनियम
भारत गणराज्य के छप्पनवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित होः-
टिकाऊ विकास के लिये नदी विज्ञान को समझना आवश्यक है
Posted on 18 Oct, 2017 01:52 PM
भारत की अधिकांश नदियों के गैर-मानसूनी प्रवाह में कमी अनुभव हो रही है। यह कमी हिमालय से निकलने वाली नदियों में थोड़ा कम तथा भारतीय प्रायद्वीप की नदियों में अधिक है। सूखे दिनों के प्रवाह में हो रही कमी को समग्रता में समझने के लिये नदी विज्ञान को जानना आवश्यक है। बायोडाइवर्सिटी की सुरक्षा के लिये उसे जानना आवश्यक है।

जैवविविधता अधिनियम, 2002 (Biological Diversity Act, 2002)
Posted on 16 Oct, 2017 03:21 PM(2003 का अधिनियम संख्यांक 18)
(5 फरवरी, 2003)
जैवविविधता के संरक्षण, इसके अवयवों के सतत उपयोग और जैव संसाधनों, ज्ञान के उपयोग से उद्भूत फायदों से उचित और साम्यापूर्ण हिस्सा बँटाने और उससे सम्बन्धित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबन्ध करने के लिये अधिनियम