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भारत
सामुद्रिक उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1972 (Marine product export development authority act, 1972)
Posted on 29 Aug, 2017 09:45 AM(1972 का अधिनियम संख्यांक 13)
{20 अप्रैल, 1972}
सामुद्रिक उत्पाद उद्योग के विकास के लिये संघ के नियंत्रणाधीन एक प्राधिकरण की स्थापना का तथा उससे सम्बन्धित विषयों का उपबन्ध करने के लिये अधिनियम
भारत गणराज्य के तेईसवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:-
अध्याय 1
प्रारम्भिक
हरियाणा और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम, 1970 (Haryana and Punjab Agricultural University Act, 1970)
Posted on 28 Aug, 2017 01:20 PM(1970 का अधिनियम संख्यांक 16)
{2 अप्रैल, 1970}
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम, 1961 द्वारा गठित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के स्थान पर दो स्वतंत्र कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना का और उन स्वतंत्र कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना के पारिणामिक या उससे सम्बद्ध विषयों का उपबन्ध करने के लिये अधिनियम
बीज अधिनियम, 1966 (THE SEEDS ACT, 1966 in Hindi)
Posted on 27 Aug, 2017 03:55 PM(1966 का अधिनियम संख्यांक 54)
{29 दिसम्बर, 1966}
कुछ विक्रयार्थ बीजों की क्वालिटी के विनियमन और तत्संसक्त बातों के लिये उपबन्ध करने के लिये अधिनियम
भारत गणराज्य के सत्रहवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:-
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और विस्तार
(1) यह अधिनियम बीज अधिनियम, 1966 कहा जा सकेगा।
खाद्य निगम अधिनियम, 1964 (Food Corporation Act, 1964 in Hindi)
Posted on 27 Aug, 2017 10:42 AM(1964 का अधिनियम संख्यांक 37)
{10दिसम्बर, 1964}
खाद्यान्न और अन्य खाद्य पदार्थों में व्यापार करने के प्रयोजन के लिये तथा तत्सम्बन्धित और तदानुषंगिक विषयों के लिये खाद्य निगमों के स्थापनार्थ उपबन्ध करने के लिये अधिनियम
भारत गणराज्य के पन्द्रहवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो-
अध्याय 1
भाण्डागारण निगम अधिनियम, 1962 (General warehouse rules and regulations in India in Hindi)
Posted on 26 Aug, 2017 10:54 AM(1962 का अधिनियम संख्यांक 58)
{19 दिसम्बर, 1962}
कृषि उपज और कतिपय अन्य वस्तुओं के भाण्डागारण के प्रयोजनके लिये निगमों के निगमन और विनियमन का तथाउनसे सम्बन्धित विषयों का उपबन्धकरने के लिये अधिनियम
भारत गणराज्य के तेरहवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:-
अध्याय 1
प्रारम्भिक
परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 (Atomic energy rules in India in Hindi)
Posted on 24 Aug, 2017 03:07 PM(1962 का अधिनियम संख्यांक 33)
{15 सितम्बर, 1962}
भारत की जनता के कल्याण के लिये और अन्य शान्तिपूर्ण प्रयोजनों के लिये परमाणु ऊर्जा के विकास, नियंत्रण और उपयोग के लिये और उससे सम्बद्ध बातों के निमित्त उपबन्ध करने के लिये अधिनियमभारत गणराज्य के तेरहवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:-
मानसून के प्रवेशद्वार पर नया रडार
Posted on 12 Jul, 2017 07:12 PMनई दिल्ली, 12 जुलाई (इंडिया साइंस वायर) : मौसमी गतिविधियों पर निगरानी के लिए हाल में देश में विकसित एक रडार की स्थापना केरल के कोचीन में की गई है, जो वायुमंडलीय अध्ययन संबंधी शोध कार्यों को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है।
नदी अस्मिता को मिले कानूनी अधिकार
Posted on 25 Mar, 2017 12:48 PM
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने लगभग तीन साल की अल्पावधि में मोहम्मद सलीम की जनहित याचिका पर नदियों के हित में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। यह फैसला उन्हें जीवित व्यक्ति का दर्जा देता है। यह फैसला विश्व जल दिवस के दो दिन पहले अर्थात 20 मार्च 2017 को आया है। इस फैसले ने एक ओर यदि नदियों को उनकी अस्मिता एवं जीवन की रक्षा का कानूनी कवच पहनाया है तो समाज तथा नदी प्रेमियों को वर्ष 2017 का सबसे बड़ा तोहफा दिया है।
इस फैसले के बाद गंगा तथा यमुना को देश के नागरिकों की ही तरह वे सभी अधिकार प्राप्त होंगे जो भारत के आम नागरिक को संविधान के अन्तर्गत मिले हैं। उन्हें प्रदूषित करना या हानि पहुँचाना अपराध की श्रेणी में आएगा। अब वे अनाथ नहीं होगी। इस फैसले ने उनके लिये तीन अभिभावक भी तय कर दिये हैं। अभिभावक हैं नमामि गंगे के महानिदेशक, उत्तराखण्ड राज्य के मुख्य सचिव और उत्तराखण्ड राज्य के ही महाधिवक्ता। जाहिर है गंगा तथा यमुना और उनकी सहायक नदियों के अभिभावकों को अदालत द्वारा प्रदत्त अधिकार दी गई कानूनी जिम्मदारी के बाद हालात बदलेंगे।

तालाब - समझने से ही बात बनेगी
Posted on 19 Feb, 2017 12:00 PM
भारत के लगभग हर गाँव हर बसाहट के आसपास तालाब मौजूद हैं। यहाँ तक कि अनेक विलुप्त तालाब भी समाज की स्मृति में जिन्दा हैं। उनके नाम गाँव, मोहल्लों के नामों तथा उपनामों में रचे-बसे हैं। आज भी भारत में सैकड़ों साल पुराने अनेक तालाब मौजूद हैं। अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’ तथा सेंटर फॉर साईंस एंड एनवायरनमेंट, नई दिल्ली की किताब ‘बूँदों की संस्कृति’ में देश के विभिन्न भागों में मौजूद परम्परागत तालाबों का विवरण उपलब्ध है।
हमारे आसपास दो प्रकार के तालाब अस्तित्व में हैं। परम्परागत और आधुनिक तालाब। उन दोंनों प्रकार के तालाबों के अन्तर को समझने का मतलब है समस्याओं को बेहतर तरीके से स्थायी तौर पर सुलझाना।

भूजल रीचार्ज के मास्टर प्लान का नजरिया बदले तो बात बने
Posted on 11 Feb, 2017 04:22 PM
भारत सरकार के सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड ने देश के लगभग 941541 वर्ग किलोमीटर ऐसे इलाके की पहचान की है जो सामान्य बरसात के बावजूद, बाकी इलाकों की तरह, तीन मीटर तक नहीं भर पाता है। अर्थात उस इलाके में भूजल का स्तर तीन मीटर या उससे भी अधिक नीचे रहता है। यह स्थिति, उस इलाके के भूजल के संकट का मुख्य कारण है।
सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड का मानना है कि, बरसात के मौसम में भूजल रीचार्ज के कृत्रिम तरीके को अपनाकर उस इलाके की खाली जगह को भरा जा सकता है। इस खाली जगह को भरने के लिये सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड ने भारत के लिये सन 2013 में भूजल रीचार्ज का मास्टर प्लान तैयार किया था। उस प्लान को इस अपेक्षा के साथ सभी राज्यों को भेजा था कि वे अगले दस सालों में मास्टर प्लान में सुझाए सभी कामों को पूरा कर लगभग 855650 लाख घन मीटर बरसाती पानी को जमीन के नीचे उतारेंगे।
