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जलवायु परिवर्तनः सभ्यता के गले में खतरे की घंटी
Posted on 26 Aug, 2011 12:35 PM

सिर्फ 4-5 इंच की बढ़ोत्तरी से ही कई दक्षिणी समुद्री द्वीपों में बाढ़ की स्थिति आ सकती है और दक्

एसएमएस बतायेगा कब आयेगा पानी
Posted on 26 Aug, 2011 11:27 AM

नयी दिल्ली, देश में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जिन्हें दिन भर यह चिंता सताती रहती है कि उनके घर पर पानी है या नहीं। नहीं है तो कब आयेगा, आयेगा तो कब आयेगा और कितनी देर तक आयेगा। ऐसी तमाम समस्याएं अब जल्द हल हो जायेंगी। जी हां, पानी कितने बजे आयेगा और कितनी देर के लिये आयेगा यह अलर्ट आपको मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से मिलेगा। इस सेवा का नाम है ड्रॉप नेक्स्ट जो फिलहाल देश के कुछ ही शहरों के कुछ ही इलाक

कैसा हो पीने का पानी?
Posted on 26 Aug, 2011 11:21 AM

आम लोगों को जानकारी भी नहीं है। गंदगी में जो रोग के जीवाणु होते हैं, वे आंख से दिखते नहीं, केवल

धीमी मौत दे रहा है जहरीला पेयजल
Posted on 26 Aug, 2011 10:28 AM

आज देश की नदियों को आपस में जोड़ने की बात की जा रही है। हालांकि यह विषय गर्म है और बहस पर्यावरण

मट्ठा- एक शीतल पेय
Posted on 26 Aug, 2011 09:30 AM

‘ताहि अहीर की छोकरिया, छछिया अरि छाछ पे नाच नचावे।’ की याद ताजा हो जाती है जब छाछ (मट्ठा) की बात उठती है। श्रीकृष्ण भगवान दही-बेचने के लिये जा रही गोपिकाओं से छाछ मांगते हैं। गोपिकाएं कहती हैं, ‘पहले अपना नाच दिखाओ, फिर छाछ मिलेगा।’ बुरे फंसे श्रीकृष्ण पर वे करें क्या…?

पेय पदार्थ छाछ
कोल्ड ड्रिक्स के स्वाद पर न जायें, सेहत को देखें
Posted on 25 Aug, 2011 04:48 PM

इन शीत पेयों में मिले कीटनाशी पदार्थों के कारण कैंसर, यौन विकार, डीएनए परिवर्तन, गर्दन एवं स्ना

अगर प्रकृति से प्यार है…तो बनें कुदरती डॉक्टर
Posted on 25 Aug, 2011 04:02 PM

हम दिन पर दिन तकनीकी उन्नति की ओर बढ़ते जा रहे हैं जहां हम कहीं न कहीं खुद को प्रकृति से कटा हुआ महसूस करने लगे हैं। ऐसे में प्रकृति की ओर रूझान बढ़ना कोई हैरानी की बात नहीं है। लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि अब हम इलाज के लिए भी प्रकृति का सहारा लेने से पीछे नहीं हट रहे। हालांकि नेचुरोपैथी आज या कल की चिकित्सा पद्धति नहीं है। माना जाता है कि यह चिकित्सा पद्धति सबसे पुरानी पद्धतियों में से एक है

नेचुरोपैथी चिकित्सा
मिट्टी गुणवत्‍ता की जॉच
Posted on 25 Aug, 2011 01:44 PM

मिट्टी गुणवत्‍ता की जॉच
अर्थात
मिट्टी – परीक्षण
क्‍यों – कब – कैसे?
 

अनमोल जैविक खाद
Posted on 25 Aug, 2011 12:14 PM

वर्मीकम्‍पोस्‍ट (केंचुआ खाद)

पर्यावरण के अधिकार की सीमाएं
Posted on 24 Aug, 2011 03:18 PM

पर्यावरण संरक्षण के नाम पर पर्यावरण की सुरक्षा और इसके दूसरे पहलुओं के बीच समन्वय स्थापित करने

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