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ग्रहण मिथक और यथार्थ
Posted on 17 Sep, 2011 01:17 PM सूर्यग्रहण उन प्राकृतिक घटनाओं में से हैं जिन्हें सबसे पहले समझा गया और अंधविश्वास की परिधि से बाहर निकालकर विज्ञान के परिक्षेत्र में लाया गया फिर भी यह आश्चर्यजनक है कि गहणों से जुड़े कुछ अंधविश्वास आज भी मौजूद हैं। जिन लोगों ने ग्रहण को ठीक से देखा है, उनमें निश्चय ही ग्रहण के प्रति भय या बेचैनी अब कम हो गई होगी। ग्रहण संबंधी मिथकों और अंधविश्वासों पर उनकी ‘विश्वसनीयता’ भी कम हुई होगी, भले ही यह
सूर्य ग्रहण
भूकंप
Posted on 17 Sep, 2011 12:40 PM भूकंप प्राकृतिक आपदा का सर्वाधिक विनाशकारी रूप माना जाता है। इसके कारण व्यापक तबाही और मानव जीवन की भारी क्षति होती है। लोग भारी संख्या में हताहत होते हैं। आमतौर पर इसका प्रभाव अत्यंत व्यापक क्षेत्र में महसूस किया जाता है लेकिन इनका परिणाम कितना भी भयावह क्यों न होता हो, साथ ही यह भी सत्य है कि इनके आने की संभावना कम होती है। इसलिए भूकंप आने के बाद उसके प्रभावों का सामना करने की कार्रवाई बिना किसी
भूकंप से टूटे रास्ते
रेगिस्तान के रोचक तथ्य
Posted on 16 Sep, 2011 03:55 PM

रेगिस्तान के विषय में कुछ रोचक तथ्य निम्नांकित हैं:


1. संपूर्ण पृथ्वी के इतिहास में रेगिस्तान की उपस्थिति सदैव रही है।

2. वैज्ञानिकों के अनुसार रेगिस्तान वह क्षेत्र हैं जहां वार्षिक वर्षा 250 मि.मी. से कम होती है।

3. विश्व में वर्षा की सर्वाधिक अनियमितता रेगिस्तानों में ही देखी गई है।
आकाश नीला क्यों है
Posted on 16 Sep, 2011 03:48 PM

जब मुझसे (अपने) भाषण के लिए कोई वैज्ञानिक विषय चुनने को कहा गया तो मुझे यह विषय “आकाश नीला क्यों है” चुनने में कोई दिक्कत नहीं हुई। सौभाग्य से आज प्रकृति कृपालु है। मैं जब निगाहें ऊपर को उठाता हूं तो देखता हूं कि आकाश नीला है, सभी जगह तो नहीं, क्योंकि बादल बहुत हैं। मैंने यह विषय सिर्फ इसलिए चुना कि यह एक ऐसा उदाहरण है जिसे देखने के लिए आपको प्रयोगशाला में जाने की जरूरत नहीं है। बस आप आकाश की ओ

आकाश
रेगिस्तानीकरण को किस प्रकार रोका जाए?
Posted on 16 Sep, 2011 02:02 PM

‘‘रेगिस्तानीकरण एक धीमी प्रक्रिया है, जिसके परिणामस्वरूप धरती की उर्वरता शनैः शनैः समाप्त हो ज

समुद्र कृषि की नई प्रगतियाँ
Posted on 16 Sep, 2011 01:44 PM सस्य संघटकों के जैव संपोषण के लिए आजकल घन-अवस्था किण्वन का प्रयोग बढ़ रहा है। यह प्रौद्योगिकी कम लागत की है जिसके जरिए पोषण प्रोफाइल व पाच्यता बढ़ाया जा सकता है। एनजाइम की जलविश्लेषण के लिए भी यह सहायक होता है।
समुद्री शैवाल पैदावार- छोटे मछुआरों के लिए एक और रोजगार
Posted on 16 Sep, 2011 01:10 PM समुद्री शैवाल पृथ्वी के सभी भागों में खाद्य और निर्यात साधन (एगार, अलिजन और कैरागीनन जेस) के लिए संग्रहण किया जाता है। वर्ष 1980 तक संसाधन उद्योग समुद्री शैवालों की प्राकृतिक संपदा पर निर्भर करता था। कई एशियायी देश जैसे फिलिपीन्स चीन कोरिया, जापान और इंडोनेशिया में कुछ हद तक समुद्री शैवालों को पैदावार किया जाता था (ट्रोणो 1990).
ठंडे रेगिस्तान
Posted on 16 Sep, 2011 12:58 PM

”अधिकतर रेगिस्तानों को गर्म क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, लेकिन संभवतः सभी रेगिस्तानी जीवोम

मैंग्रोव और तटीय मेखला प्रबंधन
Posted on 16 Sep, 2011 12:15 PM उष्णमेखला वर्षा वनों के समान मैंग्रोव (गरान) मेखलाएं भी हजारों वर्षों से अपने विभवों से लोगों के आर्थिक उन्नयन में योगदान दे रही हैं। यहां के जंगलों से लकड़ी, ईंधन, चारा घास, इकट्ठा करते हैं तो गीले प्रदेश मात्स्यिकी, जलकृषि, नमक उत्पादन के लिए अनुयोज्य है। सिवा इसके यहां के पेड़-पौधे तट-रेखा में रहने के कारण मिट्टी अपरदन और तट में पानी के प्रवाह को भी रोकते हैं।
मैंग्रोव वन
रेगिस्तान के निवासी
Posted on 16 Sep, 2011 11:41 AM

”प्राचीन काल से ही रेगिस्तान, निर्जन, कठिन व निष्ठुर स्थान के रूप में जाने जाते हैं। हममें से

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