पी कलाधरन

पी कलाधरन
मैंग्रोव और तटीय मेखला प्रबंधन
Posted on 16 Sep, 2011 12:15 PM
उष्णमेखला वर्षा वनों के समान मैंग्रोव (गरान) मेखलाएं भी हजारों वर्षों से अपने विभवों से लोगों के आर्थिक उन्नयन में योगदान दे रही हैं। यहां के जंगलों से लकड़ी, ईंधन, चारा घास, इकट्ठा करते हैं तो गीले प्रदेश मात्स्यिकी, जलकृषि, नमक उत्पादन के लिए अनुयोज्य है। सिवा इसके यहां के पेड़-पौधे तट-रेखा में रहने के कारण मिट्टी अपरदन और तट में पानी के प्रवाह को भी रोकते हैं।
मैंग्रोव वन
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