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ਨਾਲਿਆਂ ਦੇ ਕਿਨਾਰੇ ਵਸੀ ਸੱਭਿਅਤਾ
Posted on 13 Aug, 2014 03:38 PM ਜਲ ਹੀ ਜੀਵਨ ਹੈ। ਪਰ ਅੱਜ ਸਾਡਾ ਜੀਵਨ ਆਪਣੇ ਪਿੱਛੇ ਜੋ ਗੰਦਗੀ, ਸੀਵਰੇਜ ਛੱਡਦਾ ਹੈ, ਉਸ ਨਾਲ ਜਲ ਦਾ ਜੀਵਨ ਹੀ ਖਤਮ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਸਾਨੂੰ ਜੀਵਨ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਜਲ ਦੀ ਇਹ ਹੈ ਦੁਖਦ ਕਥਾ। ਬੇਤਹਾਸ਼ਾ ਸ਼ਹਿਰੀਕਰਨ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ ਹੋਰ ਤੇਜ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ। ਇਹ ਤੇਜੀ ਰਫ਼ਤਾਰ ਅਤੇ ਦਾਇਰਾ, ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਮਾਮਲਿਆਂ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਈ ਦੇ ਰਹੀ ਹੈ। ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਆਪਣੀਆਂ ਜਰੂਰਤਾਂ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਕਿਸ ਤਰਾ ਵਿਵਸਥਿਤ ਕਰੀਏ ਕਿ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਹੀ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਵਿੱਚ ਨਾ ਡੁੱਬ ਜਾਈਏ, ਇਹ ਅੱਜ ਦੇ ਦੌਰ ਦਾ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਸਵਾਲ ਹ
अपनी गंगा को बचाइए
Posted on 13 Aug, 2014 10:34 AM नामामि गंगे परियोजना शुरू करके गंगा के शुद्धीकरण का मोदी सरकार ने संकल्प लिया है। गंगा और यमुना कोई साधारण नदियां नहीं हैं। सदियों से यह हिंदुओं की आस्था का केंद्र रही है। आज इन नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
ਰਾਈਜ਼ੋਬੀਅਮ ਖਾਦ
Posted on 13 Aug, 2014 10:22 AM ਅਸੀ ਅੱਜ ਜੈਵਿਕ ਖੇਤੀ ਦੇ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਖਾਦ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਚਰਚਾ ਕਰਾਂਗੇ ਜਿਸਨੂੰ ਜੈਵਿਕ ਖਾਦ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਸਭਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਜੈਵਿਕ ਖਾਦ ਜੋ ਰਾਈਜ਼ੋਬੀਅਮ ਨਾਮਕ ਜੀਵਾਣੂ ਤੋਂ ਬਣਦਾ ਹੈ, ਉਸਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਗੱਲ ਕਰਦੇ ਹਾਂ। ਇਹ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਨਾਈਟ੍ਰੇਜਨ ਉਪਲਬਧ ਕਰਵਾਉਂਦਾ ਹੈ। ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ 78 ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਉਪਲਬਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਸਾਰੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ਰੀਰਕ ਪ੍ਰਕ੍ਰਿਆ ਪੂਰੀ ਕਰਨ ਲਈ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਪ੍ਰੰਤੂ ਸਾਰੇ ਜੀਵ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਉਪਲਬਧ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਨਹੀ
पहला अधिकार समुद्र का
Posted on 12 Aug, 2014 08:19 PM अप्रैल से सितम्बर तक जो समुद्री हवाएं हिंद महासागर से उठ कर हिमालय
जल को अविरल बहने दो!
Posted on 11 Aug, 2014 11:26 PM आज इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि हिंदुस्तान का पानी उतर गया है- पीने का पानी की किल्लत तो बच्चा-बच्चा महसूस कर रहा है, और आंख का पानी भी नहीं बचा, यह भी किसी से छिपा नहीं है। भौतिक पानी की कमी होने से शायद हमारी पानी की समझ भी कमतर हो गई है। हमारे समस्त शास्त्र और आख्यान प्रमाण हैं कि अभी एक डेढ़ सदी पहले तक हमारी पानी की समझ अत्यंत विस्तृत थी। मध्य काल में लोक भाषाओं का प्रचलन बढ़ने लगा त
पेयजल की गुणवत्ता एवं उपयोग के लिए प्रचार-प्रसार की जरूरत
Posted on 07 Aug, 2014 04:20 PM मानव जीवन में पेयजल व स्वच्छता का महत्व आदि काल से ही रहा है। जीवन के हर क्षेत्र में जल की आवश्यकता सर्वविदित है। जल की आवशयकता को ध्यान में रखते हुए ही हमारे पूर्वजों के द्वारा जितने भी बड़े शहर बसाये गए हैं वे किसी न किसी नदी के किनारे अवस्थित है। गीता में श्री भगवान कृष्ण ने अपने को जल के रूप में प्रदर्शित करते हुए इसकी महत्ता को बताया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने तो स्वच्छता को जीवन दायनी
आकाश भाग्यशाली है
Posted on 06 Aug, 2014 06:56 PM हम सब शब्द सापेक्ष हैं। शब्द निरपेक्ष होना असंभव। शब्द प्रभावित कर
हरित न्यायाधिकरण का फैसला अमल करेगा कौन
Posted on 06 Aug, 2014 05:20 PM राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने हाल ही में अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में देश की किसी भी नदी में बिना किसी लाइसेंस या पर्यावरणीय मंजूरी के रेत खनन पर रोक लगा दी है। अपने आदेश में उसने देश के सभी राज्यों के खनन अधिकारियों और पुलिस से इसे सख्ती से लागू करने को कहा है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण यानी एनजीटी की जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि किसी भी नदी से रेत निकालने के लिए पहले इज
जय जमुना मैया की
Posted on 05 Aug, 2014 09:04 AM हमारी लल्ली जिज्जी दुनिया से निराली हैं। पूरे मथुरा शहर की खबरें और बातें उन से सुन लो। वर्षों से नियम है कि सवेरे ही जमुना जी और राजाधिराज के दर्शन करने जाती हैं और लौटते बखत साग-भाजी लेती आती हैं।
आ भी जाओ प्यारे मानसून
Posted on 05 Aug, 2014 08:42 AM प्यारे मानूसन, अच्छे मानसून, तुम कब आओगे? अब और अधिक देर न करो जल्द आ जाओ। इस समय हमें तुम्हारी जरूरत है। हमारी हर सुबह इसी उम्मीद के साथ होती है कि तुम आज आओगे और धरती पर बरसकर सूरज चचा के ताप से मुक्ति दिलाओगे।
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