जय जमुना मैया की

हमारी लल्ली जिज्जी दुनिया से निराली हैं। पूरे मथुरा शहर की खबरें और बातें उन से सुन लो। वर्षों से नियम है कि सवेरे ही जमुना जी और राजाधिराज के दर्शन करने जाती हैं और लौटते बखत साग-भाजी लेती आती हैं।

काय की मोदी सरकार मथुरा ते तौ हिरोइन जीती है। अब जे बताय, वो बम्बई छोड़ के मथुरा में रहेगी का जहां की परेशानी दूर करबे कू।अचानक वे कल मुझे मिल गईं। ना जाने क्यों बड़े गुस्से में बड़बड़ाती चली आ रही थीं। मैंने पूछ लिया, ‘का है गयो जिज्जी?’ बस फिर क्या था, वो तो जैसे फट ही पड़ीं, ‘अरे इन मरे नगरपालिका बारेन कौ नाश है जाय, सबरे नाले जमुनाजी में ही खोल दिए हैं। और तौ और उजरे शहर कौ सबरो कूड़ो जमुनाजी में ही डार रहे हैं। ऐसी बास आय रही है कि आचमनहूं ना कर सको। इन लोगन कू कोऊ ये समझओ कि जमुना जी हमारी मैया है, जाको ये हाल देख के हमें कित्तो दु:ख होवे? कैसे हम अपनी मैया कू मरते भये देख रहे हैं।’ जिज्जी अचानक भावुक है गयीं।

मैंने कहा, ‘अरे जिज्जी मथुरा के लोगन ने जमुना जी की सफाई कौ अभियान शुरू तौ कियो पार साल। सब मिल के दिल्ली ऊ तौ गए सरकार ते मिलबे कू।’ मेरी बात सुनते ही जिज्जी भड़क गईं और बोलीं, ‘अए काय कौ अभियान, ये सब तौ पिकनिक मनाय आये। कछु लोग सिर्फ छानबे घोंटबे गए। मोय सब खबर है, इन्हें तौ दिल्ली में घुसन तक नाय दियो गयो और ये मरे नेता सत्यानासी जमुनाजी की सफाई के नाम पे लाखन डकार गए, तोऊ इनको पेट नाय भर रह्यो।’

‘जिज्जी परेशान मत होओ, अब तौ मोदी की सरकार है, सब बढ़िया होयगो।’ मैंने उन्हें टालने की नीयत से कहा, पर आज तो लल्ली जिज्जी कछु और ही मूड में ही थीं, बोलीं, ‘काय की मोदी सरकार, मथुरा ते तौ हिरोइन जीती है। अब जे बताय, वो बम्बई छोड़ के मथुरा में रहेगी का जहां की परेशानी दूर करबे कू, और जहां के लोगन ने बैसे हू बड़ी इज्जत दे दीनी बाय।’

जमुना मैय्या की जै बोलबे ते काम नाय चलेगो, और नाय समाज सेवा की नाटकबाजी ते, जा के काज तो सब ब्रजबासिन कू नयो संकल्प और व्रत लेनो पड़ेगो। ना तो खुद जमुना जी कू गंदी करैं और ना काहू कू गंदी करन दैं।फिर वे धीरे से बोलीं, ‘मैंने तौ सुनी है बड़ी परेशान कर दई बाय छोरन नै।’ फिर जोश में बोलीं, ‘ऊपर ते बौ मोदी, मैंने सोची ये तौ कछु जरूर करेगो, पर बौतौ गंगा ही गंगा कर रह्यो है। अब जाये कोई समझबे सबरी नदी बहन-बहन हैं, सबकी सफाई करवाबो ही जरूरी है, नहीं तौ जैसे सरस्वती लुप्त है गयी हमारी धरती पे ते और सिगरे तलाब सूख गए, जमुना जी भी गयीं समझो।’

फिर अचानक बोलीं, ‘अरे तुम्हें तो याद होयगी भाभी, कैसे सब मिल के जमुनाजी नहायवे जाते, वहीं ते जमुना जल भर के लाते, अब आज कल के बच्चा तौ जमुना की कीमत का समझेंगे, पर हमें तौ समझनी चहिए। कित्ते परदेशी यात्री जाकी और राजाधिराज की वजह से मथुरा आवें।’

फिर एकदम से खुश होती हुई बोलीं, ‘अरे भाभी याद है, भैया दौज कू कैसे बहन-भैया हाथ पकर के जमुनाजी में गोता लगाते, पर अब तौ वे सब सपने ही रह गए।’ इसके बाद उनको मन भर आया।

जिज्जी कौ दर्द देखके मेरे मन में हूं बड़ो दु:ख भयो। मैं जिज्जी ते बोली, ‘जिज्जी, जमुना मैय्या की जै बोलबे ते काम नाय चलेगो, और नाय समाज सेवा की नाटकबाजी ते, जा के काज तो सब ब्रजबासिन कू नयो संकल्प और व्रत लेनो पड़ेगो। ना तो खुद जमुना जी कू गंदी करैं और ना काहू कू गंदी करन दैं।’

साथ ही मैं भगवान से दुआ कर रही थी कि फिर से किसी रूप में कान्हा जी मथुरा में जन्म लें और हमारी जमुना मैया का उद्धार करैं।

Path Alias

/articles/jaya-jamaunaa-maaiyaa-kai

Post By: pankajbagwan
×