राजु कुमार

राजु कुमार
भोपाल गैस त्रासदी के 31 साल : शोक, जुलूस, पुतला दहन और प्रदर्शन
Posted on 04 Dec, 2015 10:22 AM
भोपाल गैस त्रासदी पर विभिन्न जनसंगठनों, संस्थाओं के साथ-साथ सरकार एवं विपक्ष ने भी भीषणतम औद्योगिक घटना को याद करते हुए उसमें मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया। घटना के 31 साल बाद भी न्याय के इन्तजार कर रहे पीड़ितों के संगठनों ने जुलूस निकाले, प्रदर्शन किया और पुतला दहन किया। दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने त्रासदी में मारे गए लोगों को लेकर आयोजित सर्वधर्म श्रद
आम आदमी की पहुँच से दूर होता पानी
Posted on 13 Jul, 2015 03:29 PM
धरती पर पानी की उपलब्धता एक जल चक्र के रूप में है। पृथ्वी के वायुम
गर्मी में बहती है ठंडी बयार
Posted on 14 Apr, 2015 11:48 AM

पृथ्वी दिवस पर विशेष


अब तक लगाए 11 लाख पौधे, आसपास का बदल गया है पर्यावरण

 

 

मीणा के इस समर्पण की भाषा वन्य प्राणी भी समझने लगे हैं, तभी तो जब वे मोर को पुकारते हैं, तो वह उनके पास आकर दाना चुगने लगता है और हिरण और अन्य छोटे जानवर उनके पास कुलाँचे भरने में भयभीत नहीं होते। वृक्ष मित्र होने के नाते श्री मीणा लोगों को प्रेरित करते हैं कि वे ज्यादा-से-ज्यादा पौधा लगाएँ और हाँ, जो लोग यह सोचते हैं कि पानी के अभाव में पौधा कैसे लगा सकते हैं, तो उन्हें वे सन्देश देते हैं कि एक पौधे को जीवित रखने के लिये बहुत ही कम पानी की जरूरत होती है, जिसे ड्रॉप तकनीक का उपयोग कर पौधारोपण किया जा सकता है।

राजस्थान की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के एक छोटे से गाँव बांसोद में प्रवेश करते ही आसपास के इलाके से वहाँ कुछ अलग ही वातावरण मिलता है। मुख्य सड़क से गाँव को जोड़ने वाली सड़क के दोनों किनारे नीम, आम, जामुन, पीपल के बड़े-बड़े पेड़ और ठंडक का अहसास।

श्योपुर भले ही पालपुर कुनो नेशनल पार्क के सघन जंगल के कारण जाना जाता है, पर इसके कई इलाकों में सूखे जैसी स्थिति है। लेकिन इन सबसे हटकर बांसोद और उसके आसपास का इलाका हरियाली से ढँका हुआ है। यह किसी प्राकृतिक कारण से नहीं, बल्कि एक जुनूनी शख्सियत जयराम मीणा के कारण सम्भव हुआ है।

जयराम मीणा को आसपास के लोग वृक्ष मित्र के रूप में जानते हैं। जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर बड़ोदा विकासखण्ड से थोड़ा आगे से दाईं ओर मुड़कर 10 किलोमीटर चलने के बाद बांसोद आता है। इस बीच कहीं भी वृक्ष मित्र के बारे में पूछा जाए, कोई शख्स उनका पता बताने में असमर्थ नहीं दिखता है।

पानी की जुगाड़ में गुजर रही है आधी जिन्दगी
Posted on 31 Mar, 2015 12:43 PM

विश्व जल दिवस पर विशेष


एक हजार की आबादी और ढाई सौ परिवार वाले आमेठ में इन दिनों कोई चहल-पहल नहीं दिखती। बारिश के कुछ महीनों में बड़े और बच्चों की चहलकदमियों से गुलजार रहने वाले इस गाँव का जीवन अन्य महीनों में सूख जाता है।
भोपाल गैस त्रासदी : हर मोर्चे पर असफल है सरकार
Posted on 03 Dec, 2014 01:37 PM
दुनिया के भीषणतम् औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक भोपाल गैस त्रासदी को हुए 30 साल हो गए, पर उस घटना की चपेट में आए लाखों लोगों के जख्म आज तक नहीं भर पाए हैं। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड से 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को मिथाइल आइसो सायनेट गैस की रिसाव में 15274 लोगों की मौत हुई थी और 5 लाख 73 हजार लोग सीधे तौर पर घायल हुए थे।
भोपाल गैस त्रासदी के तीन दशक
Posted on 03 Dec, 2014 11:47 AM

स्वच्छता को मुंह चिढ़ाता यूनियन कार्बाइड का कचरा

भोपाल गैस त्रासदी के तीन दशक बाद भी इस सवाल का जवाब न तो केंद्र सरकार के पास है और न ही राज्य सरकार के पास कि यूनियन कार्बाइड के कचरे का निष्पादन अभी तक क्यों नहीं हो पाया? इसके लिए दोषियों को सजा देने की मांग कर रहे स्थानीय रहवासियों एवं गैस पीड़ितों को अभी भी यहां के जहरीले कचरे का प्रभाव झेलना पड़ रहा है।

कई सरकारी एवं गैर सरकारी अध्ययनों में यह साफ कहा जा रहा है कि इस जहरीले कचरे के कारण आसपास की मिट्टी एवं जल प्रदूषित हो गई है, पर निष्पादन के नाम पर अभी तक आश्वासन ही मिलता आया है। स्थानीय बच्चे यूनियन कार्बाइड के कचरे को डंप करने के लिए बनाए गए सोलर इंपोरेशन तालाब के बारे में यह जानते हैं कि यहां यूनियन कार्बाइड का कचरा डाला जाता था, पर उन्हें यह नहीं मालूम कि यह जहरीला है।

Union Carbide Garbage
हाथ धुलाई में विश्व रिकॉर्ड के लिए मध्य प्रदेश ने किया प्रयास
Posted on 18 Oct, 2014 09:28 AM

मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर सही तरीके से हाथ धुलाई को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ मध्य प्रदेश अभियान के तहत विश्व हाथ धुलाई दिवस के दिन प्रदेश के लाखों स्कूली बच्चों के हाथ धुलवाए गए। स्वच्छता को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य की स्थितियों में सुधार के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश टेक्निकल असिसटेंट सपोर्ट टीम और वाटर एड के साथ मिलकर गिनिज बुक ऑफ रिकॉर्ड
हाथ की सफाई
सीहोर जिले का डोडी पंचायत हुआ खुले में शौच से मुक्त
Posted on 04 Oct, 2014 01:40 PM

भोपाल। मध्य प्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास की अपर मुख्य सचिव सुश्री अरुणा शर्मा ने आज 2 अक्तूबर को सीहोर जिले के डोडी ग्राम पंचायत को खुले में शौच से मुक्त गांव घोषित किया। ग्रामसभा में स्वच्छ भारत अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि गांवों को स्वच्छ रखने से बीमारी नहीं होगी और खुशहाली आएगी। शौचालय एवं साफ-सफाई से ग्रामीणों को ही फायदा
खुले में शौच मुक्त हुआ डोडी पंचायत
प्रतिबंध के बाद भी जारी है सिर पर मैला ढोने की प्रथा
Posted on 29 Aug, 2014 09:50 AM
मैला प्रथाराष्ट्रीय गरिमा अभियान, मध्य प्रदेश एवं ह्यूमन राइट्स वॉच ने भोपाल में एक अध्ययन रिपोर्ट जारी कर बताया कि मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने के लिए बनाए गए कानूनों के बाद
सामाजिक अंकेक्षण के लिए संघर्ष
Posted on 16 Aug, 2014 01:56 PM
सामाजिक अंकेक्षण प्रत्येक गांव की ग्राम सभा में करना अनिवार्य है, ज
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