राजु कुमार

राजु कुमार
मां रेवा थारो पानी निर्मल....
Posted on 14 Jul, 2011 03:03 PM
मां रेवा, जिसे हम नर्मदा नदी के रूप में जानते हैं वह मध्य-भारत की जीवनरेखा है। नर्मदा का निर्मल पानी एवं उसके कल-कल करते बहते पानी को लेकर एक बहुत ही बेहतरीन गीत है,
नर्मदा नदी
जल संकट से निजात का रास्ता
Posted on 24 Jun, 2011 12:26 PM

मध्यप्रदेश में नदियों के पुनर्जीवन पर चल रहा है काम

सूख रहा है भोपाल की 'लाइफ लाइन' बड़ा तालाब
Posted on 02 Apr, 2011 03:51 PM

भोपाल के बड़े तालाब को शहर का लाइफ लाइन माना जाता है। इस तालाब से भोपाल की 40 फीसदी आबादी को जलापूर्ति की जाती है। पर प्राकृतिक छेड़छाड़ और तालाब के प्रति उदासीन रवैया ने तालाब के कैचमेंट क्षेत्र को कम कर दिया और नतीजन बारिश में तालाब का पेट नहीं भर पाता है और साल-दर-साल शहर पर जल संकट गहराता जा रहा है। मार्च महीने में ही बड़े तालाब का जल-स्तर 1653.40 फीट पर आ पहुंचा है। इसकी क्षमता 1666.80 से

कंवर्जेंस और समुदाय की सहभागिता से जल जीवन मिशन में आएगा स्थायित्व
जाने किस तरह से कंवर्जेंस और समुदाय की सहभागिता से जल जीवन मिशन में स्थायित्व आएगा | Convergence and community participation will bring stability to Jal Jeevan Mission
Posted on 08 Feb, 2024 11:12 AM

मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 60 फीसदी से ज्यादा घरों में सुरक्षित एवं कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन दिया जा चुका है। एक ओर इसे सौ फीसदी तक ले जाने के लिए विभाग एवं स्वैच्छिक संस्थाएं समुदाय को साथ लेकर सघनता से काम कर रही हैं, तो दूसरी ओर क्रियाशील कनेक्शन एवं व्यवस्था में स्थायित्व लाने का प्रयास भी किया जा रहा है। जल जीवन मिशन से जुड़ी चुनौतियों एवं अनुभवों को साझा करन

कंवर्जेंस और समुदाय की सहभागिता से जल जीवन मिशन में आएगा स्थायित्व
पानी के लिए अब जरधोबा में नहीं होती लड़ाइयां : पहले था पानी के लिए हाहाकार, अब हर घर में साफ पानी
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से सटे जरधोबा गांव एक साल पहले तक जल संकट से जुझ रहा था। गर्मी के दिनों में पानी को लेकर यहां मारपीट हो जाती थी। कुछ मामलों में ग्रामीणों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफ.आई.आर. तक करा दी थी। ऐसे में पानी को लेकर गांव में तनाव बना रहता था। लेकिन पिछले साल जब हर घर नल कनेक्शन के लिए जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना पर काम शुरू किया गया, तब यह उम्मीद जगी कि भविष्य में पानी को लेकर गांव में लड़ाइयां नहीं होगी। आखिरकार यह योजना क्रियान्वित हो गई और अब हर घर में साफ पानी मिलने लगा है।
Posted on 26 Apr, 2023 02:08 PM

मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से सटे जरधोबा गांव एक साल पहले तक जल संकट से जुझ रहा था। गर्मी के दिनों में पानी को लेकर यहां मारपीट हो जाती थी। कुछ मामलों में ग्रामीणों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफ.आई.आर.

जरधोबा
जल प्रबंधन में आदर्श गांव बनने को तैयार है पल्थरा
पल्थरा एक छोटा सा आदिवासी गांव है, जो मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर जंगल में है। यहां समुदाय ने आगे बढ़कर जल प्रबंधन का काम अपने हाथ में ले लिया है और यहां न केवल वर्तमान में नल-जल योजना का सुचारू संचालन हो रहा है, बल्कि भविष्य में पानी की दिक्कत न हो, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहां हर घर में नल कनेक्शन है।
Posted on 25 Apr, 2023 11:39 AM

पल्थरा एक छोटा सा आदिवासी गांव है, जो मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर जंगल में है। यहां समुदाय ने आगे बढ़कर जल प्रबंधन का काम अपने हाथ में ले लिया है और यहां न केवल वर्तमान में नल-जल योजना का सुचारू संचालन हो रहा है, बल्कि भविष्य में पानी की दिक्कत न हो, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहां हर घर में नल कनेक्शन है। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के माध्यम से ग्रामीण हर महीन

जल प्रबंधन में आदर्श गांव बनने को तैयार है पल्थरा
बारिश हुई कम, पर पानी का नहीं गम
Posted on 13 Jul, 2015 11:51 AM

जल प्रबंधन से दूर हो गयी गंगानगर कन्या आश्रम की पानी की परेशानी

मध्य प्रदेश का मालवा क्षेत्र गंभीर पेयजल संकट वाला क्षेत्र है, इसी क्षेत्र में धार जिले के गंगानगर गांव के बालिका आश्रम में ऐसा प्रयोग किया गया कि बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे इस आश्रम में झुलसती गर्मी में भी पानी की कमी नहीं होती। राजु कुमार की रिपोर्ट

गंगानगर आश्रम में कुशल जल प्रबंधन के तहत सबसे पहले वर्षा जल संग्रहण टैंक का निर्माण किया गया, इसमें एक 50,000 लीटर, दो 4,000 लीटर एवं एक 2,000 लीटर का फेरोसिमेंट टैंक बनाया गया। वर्षा का जल संचित करने के लिये छतों को पाइप के जरिये चारों तरफ से टंकियों से जोड़ा गया है। इसमें वर्षा जल संग्रहित होने लगा। गंगानगर आश्रम में रीयूज वाटर सिस्टम को बनाया गया है। इस सिस्टम से आश्रम के आठ स्नानघरों को जोड़ा गया।

मध्य प्रदेश में इस बार औसत से कम बारिश हुई है। पिछले कुछ सालों से पानी की गंभीर संकट झेल रहे मध्यप्रदेश के लिए यह साल कुछ अच्छा नहीं रहा। पिछले कुछ सालों से पानी को लेकर दर्जन से भी ज्यादा जानें जा चुकी हैं। गांव हो या शहर, सभी जगह पानी की किल्लत बरकरार है। प्रदेश के मालवा एवं बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की सबसे ज्यादा कमी होती है। लेकिन मालवा में एक ऐसी जगह भी है, जहां कम बारिश के बावजूद लोगों में पानी को लेकर चिंता नहीं है। वह जगह है - धार जिले के तिरला विकासखंड के गंगानगर कन्या आश्रम।

पांच साल पहले तक गंगानगर कन्या आश्रम में पानी बड़ी किल्लत थी। डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित एक हैंडपंप से लड़कियां सुबह-शाम पानी लाने जाती थी, जिसमें उन्हें प्रतिदिन चार घंटे समय गंवाना पड़ता था। इसके साथ ही ग्रामीणों से बकझक और कुछ दूर स्थित बालक आश्रम के बालकों से झूमाझटकी भी करनी पड़ती थी।
श्री विधि से बढ़ा धान उत्पादन, पानी की होती है बचत
Posted on 11 Dec, 2014 03:57 PM
श्री विधि एक आधुनिक तरीका है और इसमें पानी की खपत भी बहुत कम होती ह
रोजगार गारण्टी के सोशल ऑडिट
Posted on 09 Dec, 2014 04:47 PM
पिछले दिनों केन्द्रीय ग्रामीण रोजगार मन्त्रालय के निर्देश पर राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान ने मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के कुरई विकासखण्ड में महात्मा गान्धी ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत हुए कार्यों के सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) के लिए विशेष ग्राम सभाएं आयोजित की।
शौचालय कम कर सकता है शिशु एवं बाल मृत्यु दर
Posted on 25 Nov, 2013 08:32 AM

19 नवंबर 2013, भोपाल। शौचालय नहीं होने से महिलाओं को अक्सर असुरक्षा से गुजरना पड़ता है। आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध एवं बलात्कार की घटनाएं अक्सर शौच के लिए बाहर जाने के समय होती है। जिन राज्यों में खुलेमें शौच करने वालों की संख्या ज्यादा है, वहां कुपोषण एवं शिशु और बाल मृत्यु दर भी ज्यादा है, इसलिए कुपोषण एवं शिशु और बाल मृत्यु दर कम करने के लिए खुले में शौच की आदतों को छोड़ना प

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