जागरण याहू
जागरण याहू
पूरी संस्कृति है कावेरी
Posted on 16 Nov, 2009 09:26 AMदक्षिण भारत के कर्नाटक में दो पर्वत मालाएं हैं-पश्चिम और पूर्व, जिन्हें पश्चिमी और पूर्वी घाट के नाम से जाना और पुकारा जाता है। पश्चिमी घाट के उत्तारी भाग में एक बहुत ही सुंदर 'कुर्ग' नामक स्थान है। इसी स्थान पर 'सहा' नामक पर्वत है, जिसे 'ब्रह्माकपाल' भी कहते हैं, जिसके कोने में एक छोटा-सा तालाब है। यही तालाब कावेरी नदी का उद्गम स्थल है। यहां देवी कावेरी की मूर्ति है, जहां एक दीपक सदा जलता रहता
सुंदरवन का चौथा द्वीप भी डूबने के कगार पर
Posted on 15 Oct, 2009 06:07 PMतीन दशकों के दौरान सुंदरवन के लोहाचारानरेगा साबित हुई वरदान
Posted on 21 Apr, 2009 08:29 AM
Oct 10, 08
सोनभद्र । जनपद में जल संरक्षण के लिए विगत दो वर्ष से बेहतर कार्य हो रहा है। इसका खासा असर भी देखने को मिल रहा है। हाल के वर्षों में यहां का भूगर्भजल जिस तेजी से नीचे खिसक रहा था उसे देख सभी चिन्तित हो उठे थे लेकिन पहाड़ी इस जिले में नरेगा काफी कारगर साबित हुई है। वर्षा के जल को संचित करने से अब भूगर्भजल तेजी से ऊपर की तरफ आ गया है।
सिर्फ अभिलेखों में रह गये हैं तालाब
Posted on 18 Apr, 2009 12:19 PMजागरण याहू/ Mar 26,09लखीमपुर : नगर पालिका परिषद सीमा के अन्तर्गत अट्ठाइस तालाब दर्ज हैं। इसमें द्वारिका वार्ड में ही दो तालाब अंकित है। इनमें गाटा संख्या 488 का तालाब 0.061 हैक्टेयर और गाटा संख्या 499 का तालाब 0.551 हेक्टयर क्षेत्रफल में होना अंकित है।
दिल्ली की गंधक वाली बावड़ी
Posted on 25 Mar, 2009 02:26 PMजागरण याहू/ नई दिल्ली, [वी.के.शुक्ला]। प्राचीन व सास्कृतिक धरोहरों के रूप में बावड़ियों का विशेष महत्व हैं, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के चलते ये समाप्त होती जा रही हैं।
चेरापूंजी में बनेगा दुनिया का पहला वर्षा संग्रहालय
Posted on 14 Mar, 2009 08:57 AMजागरण याहू/ March 10, 09बूंद-बूंद को बचाने की मुहिम
Posted on 24 Feb, 2009 06:56 PMगाजियाबाद [फरमान अली/ जागरण याहू ]। गाजियाबाद में भारी संख्या में उद्योग होने के कारण यहां के तमाम इलाकों में भूगर्भीय जल के जहरीला होने की नौबत तक आ गई है। पर इन सबके बीच गाजियाबाद में एक शख्स ऐसा भी है, जो पानी के मूल्य को समझते हुए एक-एक बूंद जल को संरक्षित करने के लिए प्रयासरत है।