अरुण तिवारी

अरुण तिवारी
पीपीपी के विवादास्पद अनुभव
Posted on 14 Aug, 2012 01:33 PM

यदि पानी-बिजली के ऐसे बुनियादी क्षेत्र में पीपीपी के भारतीय व विदेशी अनुभवों को ही हम देख लें, तो समझ में आ जायेगा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में पीपीपी मॉडल का संचालन कितना अनैतिक व खतरनाक तरीके से किया जा रहा है! जमीनी हकीकत पीपीपी मॉडल के बताये जा रहे उद्देश्यों से कितनी जुदा है!!
 

Hydropower project
बुनियादी ढांचे में पीपीपी एक खतरनाक सहमति
Posted on 14 Aug, 2012 01:09 PM

पीपीपी मॉडल के नाम पर इस देश में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में जो खेल चल रहा है, वह सर्वजन हिताय या राष्ट्रीय हित क

water crisis
नदी जोड़ से सिंचाई एक झूठ : एक साजिश
Posted on 07 Aug, 2012 03:53 PM
जब से नदी जोड़ के नाम पर 5,60,000 करोड़ रुपये की हरियाली दिखाई देने लगी है, यह प्रश्न जानबूझकर बार-बार उठाया जाने लगा है। हालांकि जनता-जनार्दन ऐसी कोई मांग नहीं कर रही। फिर भी अपने को जनता के तथाकथित हितैषी बताने वाले ही कह रहे हैं कि यदि नदियां जोड़ दी जाएं तो कम से कम मानसून के विलंब या कमी की चिंता तो नहीं ही सताएगी। उनका यकीन है कि सौ बार दोहराने से झूठ भी सच हो जाता है; वे दोहराते रहेंगे।
talab
बिहार को बहुत मंहगा पड़ेगा नदी जोड़
Posted on 17 Jul, 2012 05:36 PM

बाढ़ में अतिरिक्त पानी को लेकर समझने की बात यह है कि उत्तर बिहार से होकर जितना पानी गुजरता है, उसमें मात्र 19 प्

river linking in bihar
नई बहस के घेरे में जलाधिकार
Posted on 16 Jul, 2012 10:48 AM
जलापूर्ति पर निर्णय का अधिकार किसका? प्राकृतिक संसाधनों का मालिक कौन? सरकार प्राकृतिक संसाधनों की ठीक से देखभाल न करे, तो जनता क्या करे? दिल्ली-खण्डवा जलापूर्ति निजीकरण ने बहस के ये तीन मुद्दे ताजा कर दिए हैं।
ahar pyne
राम के बाद क्या अब गंगा को कुर्बान करेगी भाजपा?
Posted on 12 Jul, 2012 03:42 PM

पिछले तीन महीने से गंगा के मसले पर चुप्पी साधे बैठे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है

Ganga
देवभूमि में उड़ी लोकतांत्रिक मर्यादाओं की धज्जियां
Posted on 12 Jul, 2012 01:04 PM

एक तरफ कांग्रेस का एक मंत्री धारी देवी को डुबाने वाली परियोजना को चालू करने की मांग करे और दूसरी तरफ प्रधानमंत्र

Ganga river Uttarakhand
माइक नहीं, फावड़ा उठाने का दिन -भूजल दिवस
Posted on 24 May, 2012 05:27 PM

भूजल संरक्षण संबंधी शासकीय निर्देशों को मानने की समझदारी उत्तर प्रदेश के प्रशासन व समाज दोनों ने दिखाई होती, तो

ground water
राजीव गांधी के अधूरे सपने को आयोग नहीं, संकल्प की तलाश
Posted on 21 May, 2012 03:44 PM

सरकार का जलविद्युत परियोजनाओं को ही सबसे सस्ता व सबसे कम नुकसानदेह बताने का उसका नजरिया बदला नहीं है। इस पर सरका

ganga mahasangram
प्रार्थना नहीं, अब रण होगा
Posted on 15 May, 2012 03:41 PM
“सरकार, बापू के तीन बंदर।”
“यदि हमें सरकार का समर्थन प्राप्त होता, तो हम पानी छोड़-छोड़ कर सरकार को कोसते नहीं।”
“जिस संत या साधू के आश्रम का अवजल गंगा में जाये, वह साधू नहीं, शैतान।”
“ प्राणोत्सर्ग के द्वार पर पहुंची साध्वी पूर्णाम्बा की तपस्या।”
“ यदि एक भी गंगा तपस्वी के प्राण गये, तो जिम्मेदारी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री की होगी।”
Ganga mukti sant sammelan
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