अरुण तिवारी

अरुण तिवारी
गंगा: सड़क से संसद तक
Posted on 21 Dec, 2011 01:38 PM

सवाल अहम्: जवाब दुर्भाग्यपूर्ण

rally for ganga
गाद और प्रदूषण की चपेट में बैतरणी नदी बेसिन
Posted on 20 Dec, 2011 04:47 PM

क्या हम कचरा खाने के लिए हैं?

Baitarani river
केंदूझार जिले में उद्योगों द्वारा जलदोहन
Posted on 20 Dec, 2011 02:47 PM

बैतरणी में बेइमानी

Baitarani river
जब जागो, तभी सवेरा
Posted on 18 Dec, 2011 01:05 PM

आज नदी की धारा खुल चुकी है और लोगों के मन भी। बकुलाही संसद के निर्माण के लिए बकुलाही पुत्रों क

bakulahi river
कुदरत बहाये, हम रोकें नदी !!
Posted on 18 Dec, 2011 12:39 PM
’’गर फुर्सत मिले तो पानी की तहरीरों को पढ़ लेना।
हरेक दरिया हजारों साल इक अफसाना सा लिखता है।’’

river
नदी सूखी तो सपने भी हो गये रेत
Posted on 18 Dec, 2011 12:11 PM

योजना-परियोजनायें बनी, तो बात बड़ी-बड़ी नदी, तालाब, झील या वर्षा व भूजल तक सीमित होकर रह गई। अ

Narmada
मत-अभिमत: पानीदार होने से ही पलायन रुकेगा युवराज!
Posted on 23 Nov, 2011 12:16 PM

संदर्भ: यूपी के लोगों के पलायन संबंधी राहुल गांधी का बयान

Rahul Gandhi
मत-अभिमत: बयान नहीं, संजीदा कोशिश से ही होगा पानी आबाद
Posted on 23 Nov, 2011 11:50 AM

संदर्भ: आर्गनाइजर में छपी दिल्ली मुख्यमंत्री को चेतावनी- पानी दंगे करा सकता है।

water privatization
मंदाकिनी रूठी, तो क्या रूठ नहीं जायेंगे श्रीराम?
Posted on 22 Nov, 2011 09:38 AM

चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीर।
तुलसीदास चंदन घिसें, तिलक देंय रघुवीर।।

मंदाकिनीमंदाकिनीएक जमाने तक यह चौपाई सुनाकर रामचरितमानस के वाचक रामभक्त तुलसी के महत्व बखान किया करते थे। किंतु अब वाचक तो वाचक, पूर्णिमा-अमावस्या स्नान दर्शन के लिए पैदल ही खिंचे चले आने वाले भी शायद भूल चुके हैं कि उनकी जिंदगी में मानिकपुर, मैहर और चित्रकूट का क्या महत्व है। यदि आस्थावानों की आस्था सच्ची होती, तो इनका हाल बेहाल न होता।

उल्लेखनीय है कि ये तीनों स्थल बुंदेलखण्ड में आस्था के बड़े केंद्र हैं। यहां के पहाड़, जंगल और नदियां ही इन स्थलों की शक्ति रहे हैं। वनवास के दौरान श्रीराम, लक्ष्मण और देवी सीता ने इन्हीं शक्तियों से शक्ति पाई। किंतु बीते कुछ वर्षों से यह शक्ति लगातार क्षीण हो रही है। केन, बेतवा, धसान जैसी महत्वपूर्ण नदियां थक रही हैं। स्रोत से शुरू हुई जलधारा अब नदियों के अंतिम छोर तक नहीं पहुंच रही है। चित्रकूट का मनप्राण-मंदाकिनी का प्रवाह भी अब मंद पड़ गया है। मंदाकिनी नदी की 30 किमी तक सूख गई है। मंदाकिनी की आकर्षित करने वाली नीलिमा अब कालिमा

mandakini
इंडिया वाटर बनाम इंडिया मार्का
Posted on 24 Oct, 2011 04:59 PM

पिछले दिनों अमेठी के करीब 250 मानिंदों की सहभागिता से संपन्न हुए एक उर्जा सम्मेलन ने चेतना जगा

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