अमर उजाला टीम
नदी बचाने का संकल्प लिया
Posted on 11 Dec, 2017 11:05 AMराष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राष्ट्र सेविका समिति ने रविवार को आसन नदी के उद्गम स्थल को सुरक्षित रखने के लिये ‘नदी बचाओ’ का संकल्प लिया।
ऋषि गौतम की तपस्थली चंद्रबनी क्षेत्र में गौतम कुंड से आसन नदी निकलती है। राष्ट्र सेविका समिति की प्रान्त प्रचार प्रमुख शिवानी कक्कड़ का कहना है कि यह एक जीवित नदी है। इसकी पवित्रता और स्वच्छता गन्दे नाले और नालियों से प्रदूषित हो रही है।
तालाबों, पोखरों और झीलों का होगा सीमांकन
Posted on 25 Apr, 2015 10:48 AMडीएम ने तय की अधिकारियों की जिम्मेदारी, ग्राम पंचायत स्तर पर गठित टीम देगी रिपोर्टआरओ प्लांट के लिये तरस रहा परासी गाँव
Posted on 24 Apr, 2015 03:14 PMएनजीटी के निर्देश पर गाँव का किया गया था चयनई-कोलाई बैक्टीरिया की होगी जांच
Posted on 27 Apr, 2012 12:18 PMदिल्ली जैसे शहरों में पीने के पानी में सीवर के गंदे पानी के मिलने से ये खतरनाक बैक्टीरिया उत्पन्न हो रही हैं जिससे लोगों के पेट के भीतर ई-कोलाई बैक्टीरिया जहर रहा है, जो पेट की खराबी, हड्डियों को गलाने का बड़ा कारक माना जाता है। दिल्ली के 20 जगहों के नमूनों के साथ अब हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर में इस खतरनाक बैक्टीरिया का असर अब साफ दिख रहा है।वन मंत्रालय को ही नहीं पता, वन हैं क्या
Posted on 30 Jun, 2011 11:55 AMनई दिल्ली। वन क्या हैं। इस सीधे और छोटे से सवाल का जवाब पर्यावरण एवं वन मंत्रालय केपास भी नहीं है। एक आरटीआई आवेदन पर यह खुलासा हुआ है। वन मंत्रालय ने कहा है कि वनों के लिए परिभाषा पर सक्रिय विचार विमर्श चल रहा है। इसे अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। दिलचस्प यह है कि बिना किसी परिभाषा के ही मंत्रालय देश के वन क्षेत्र में इजाफा होने के दावे करता रहा है। मुंबई में रहने वाले अजय मराठे ने सूचना के
चेकडैमों ने बदल दी वन क्षेत्रों की तस्वीर
Posted on 30 Jun, 2011 11:37 AMझांसी। बबीना के गणेशपुरा में दो साल पहले तक सिंचाई के कोई साधन नहीं थे। बरसात का पानी बहकर बेकार चला जाता था। अब वहां हरियाली छा गई है। खेतों में फसलें लहलहाने लगी हैं। यह संभव हुआ है वन विभाग द्वारा चेकडैम बनाकर। जल संचयन से लाभ पाने वाला गणेशपुरा अकेला गांव नहीं है। इस तरह के बुंदेलखंड में एक सैकड़ा वन क्षेत्रीय गांव हैं, जो जल प्रबंधन प्रयासों से हरे-भरे हो गए हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र में ग्रीष्म ऋतु में तापक्रम अधिक होने से भू-गर्भ जल स्तर नीचे चला जाता है। अधिकतर क्षेत्र पठारी होने के कारण बरसात का पानी बहकर बेकार चला जाता है।
करोड़ों के तालाब खुदे, पानी का अता पता नहीं
Posted on 12 Jul, 2010 10:58 AMअमर उजाला टीम के व्यापक सर्वे में यह पाया गया है कि तालाब तो काफी खुदे पर उनमें पानी नहीं है। तालाब का काम एक सामान्य समझ की जरूरत मांगता है कि तालाब तो खुदे पर उसमें पानी कहां से आएगा उसका रास्ता भी देखना होगा। सामान्यतः जो तालाब मनरेगा में खुदे हैं, उनमें कैचमेंन्ट का ध्यान रखा नहीं गया है। उससे हो यह रहा है कि तालाब रीते पड़े हैं।केंद्र सरकार की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ‘मनरेगा’ जैसी महत्वाकांक्षी योजना को दूसरे चरण में शहरों में भी लागू करने के लिए बेताब दिख रही है, लेकिन इसके पहले चरण में जिस तरीके से काम हो रहा है उससे गांवों की दशा में बड़े बदलाव की उम्मीद बेमानी ही लगती है। करोड़ों रुपये के खर्च से सैकड़ों पोखरे एवं तालाब खुदे लेकिन उसमें पानी भरने के लिए महीनों से बरसात का इंतजार हो रहा था। कारण कि पानी भरने का बजट मनरेगा में है ही नहीं। सड़कें बनीं, पर गरीबों के रास्ते अब भी कच्चे हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू के कई जिलों में मनरेगा के कामों की पड़ताल में यही हकीकत सामने आई है। मजदूरों की अहमियत जरूर बढ़ी है, अब दूसरी जगह भी उन्हें डेढ़ सौ रुपये तक मजदूरी मिल जाती है।
जल जीवन मिशन के तहत 14 करोड़ परिवारों को मिला लाभ
Posted on 13 Jan, 2024 02:10 PMजलजीवन मिशन (जेजेएम-JJM) ने 14.5 करोड़ (72.71 फीसदी) ग्रामीण परिवारों को नल से जल प्रदान करने को महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। 15 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई भारत सरकार की इस प्रमुख पहल ने बेमिसाल गति और पैमाने का प्रदर्शन करते हुए केवल चार वर्षों में ग्रामीण नल कनेक्शन कवरेज को आश्चर्यजनक रूप से तीन करोड़ से बढ़ाकर 14 करोड़ कर दिया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि