आरओ प्लांट के लिये तरस रहा परासी गाँव

एनजीटी के निर्देश पर गाँव का किया गया था चयन

24 हजार से अधिक आबादी, घनी बस्ती, तीन बिजली और एक कोल परियोजना से घिरी एरिया, बावजूद एक अदद आरओ प्लांट की नहीं पूरी हो सकी उम्मीद। जी हाँ, एनजीटी के निर्देश पर प्रशासन की तरफ से म्योरपुर ब्लॉक के परासी ग्राम पंचायत का चयन करने के बावजूद बाद में इस गाँव को आरओ प्लांट की सूची से निकाल दिया गया और इसे पाइप के जरिए पानी आपूर्ति से संतृप्त बताकर शासन को रिपोर्ट भी भेज दी गई।

अनपरा। 24 हजार से अधिक आबादी, घनी बस्ती, तीन बिजली और एक कोल परियोजना से घिरी एरिया, बावजूद एक अदद आरओ प्लांट की नहीं पूरी हो सकी उम्मीद। जी हाँ, एनजीटी के निर्देश पर प्रशासन की तरफ से म्योरपुर ब्लॉक के परासी ग्राम पंचायत का चयन करने के बावजूद बाद में इस गाँव को आरओ प्लांट की सूची से निकाल दिया गया और इसे पाइप के जरिए पानी आपूर्ति से संतृप्त बताकर शासन को रिपोर्ट भी भेज दी गई। इसको लेकर जहाँ कुछ दिन पूर्व आई एनजीटी कोर कमेटी नाराजगी जता चुकी है। वहीं यहाँ के प्रधान विश्राम प्रसाद बैसवार ने सीएम, मुख्य सचिव उप्र प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के चेयरमैन सहित अन्य को पत्र भेज आन्दोलन के लिए चेतावनी दी है।

प्रधान का कहना है कि वर्ष 2011 की जनगणना में उनके गाँव की आबादी 24978 दर्ज हो चुकी है। यह गाँव चारों तरफ से परियोजनाओं से घिरा हुआ है। इस कारण प्रदूषण की मार झेल रहा है। एनजीटी के निर्देश पर हुए सर्वे में भी प्रदूषित गाँवों की सूची में इस गाँव का नाम है, बावजूद एक आरओ प्लांट तक की सुविधा अब तक देने की जरूरत नहीं समझी जा सकी है।

जिले के आला अधिकारियों के पत्र भेज हस्तक्षेप की माँग करते हुए कहा है कि अगर जल्द आरओ प्लांट की स्थापना का निर्णय नहीं लिया गया तो ग्रामीण आन्दोलन का रास्ता अख्तियार करने को विवश होंगे। बताते चलें कि कुछ दिन पूर्व एनजीटी कोर कमेटी से जुड़ी स्वास्थ्य टीम ने ऊर्जांचल परिक्षेत्र का दौरा किया था। परासी को आरओ प्लांट सूची से बाहर करने और किरविल, नेमना को सूची में जगह न देने पर नाराजगी भी दर्ज कराई थी।

उधर, टीम के सदस्य एवं प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक स्वामीनाथ राम का कहना है कि पूरा का पूरा ऊर्जांचल प्रदूषण प्रभावित है और यहाँ के हर गाँव में आरओ प्लांट के साथ ही चिकित्सा यूनिट होनी चाहिए। सीएसआर के कार्यों पर भी सवाल उठाते हुए उनका कहना था कि सारी चीजें सूचीबद्ध कर ली गई हैं। जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी जाएगी।

एनजीटी के आदेशों का अनुपालन हर हाल में होगा: कमिशनर
सोनभद्र। कमिशनर अनिल कुमार ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार, समीक्षा बैठक में कहा कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली के निर्देशों का अनुपालन हर हाल में कराया जाए। उन्होंने 15 दिनों के अन्दर सीडीओ और क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड से प्रदूषित जल क्षेत्र की सूची के साथ ही अन्य ग्रामों की सूची औद्योगिक अधिष्ठानों को मुहैया कराने को कहा है, ताकि गर्मी के दिनों में औद्योगिक इकाइयाँ जरूरत के मुताबिक नागरिकों को शुद्ध पेयजल अपने-अपने क्षेत्रों में मुहैया करा सकें। इस दौरान एनसीएल कृष्ण शिला परियोजना और खड़िया परियोजनाओं की ओर से शुद्ध पेयजल आरओ सिस्टम में बिजली कनेक्शन को लेकर कमिशनर से शिकायत की गई। इस पर उन्होंने अधीक्षण अभियंता बिजली को एक सप्ताह के अन्दर डिमांड प्रस्तुत करने को कहा।

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