सिंचाई

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May 22, 2024 Bridging the gender divide in Participatory Irrigation Management
Woman member of water user association is giving fish feed to a community pond in West Midnapore in West Bengal (Image: Tanmoy Bhaduri/IWMI)
April 7, 2024 Advancements in smart irrigation: IoT integration for sustainable agriculture
Enhancing efficiency through sprinkler irrigation (Image: Rawpixel; CC0 License)
April 4, 2024 Tackling India's water crisis: A blueprint for agricultural water efficiency
Women working in the field in India (Image: IWMI Flickr/Hamish John Appleby; CC BY-NC-ND 2.0 DEED)
March 13, 2024 As cities such as Bangalore grapple with the water crisis, understanding the value of conserving groundwater to prevent this from happening in the future is urgently needed!
Groundwater, a threatened resource (Image Source: India Water Portal)
January 3, 2024 How has the shifting focus on rural electrification affected groundwater irrigation and agriculture in India? A study explores.
Rural electrification can affect irrigation practices. Image for representation purposes only. (Image Source: IWP Flickr photos)
December 28, 2023 The report presents six case studies on how sustainable agriculture programmes scaled up in the past in India
A farmer uses a hosepipe to irrigate crops at her farm in the Nilgiris mountains, Tamil Nadu (Image: IWMI Flickr Photos; CC BY-NC-ND 2.0 DEED)
बंजर भूमि की प्यास बुझाते ‘कुल’
Posted on 24 Jan, 2017 10:35 AM
हिमाचल प्रदेश की अनूठी जल प्रणाली ‘कुल’ ऊँचे पहाड़ों से घिरे स्पीति क्षेत्र की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी खेती करने में मददगार साबित हुई है। लेकिन विकास की अन्धाधुन्ध रफ्तार के कारण यह सदियों पुरानी सिंचाई व्यवस्था अब विनाश के कगार पर है
मुआवजे ने खींच दी गाँवों के बीच विभाजन की लकीर
Posted on 01 Jul, 2016 01:09 PM
मोहड़ ग्राउंड जीरो एक तरफ देश के ज्यादातर हिस्सों में प
उपरी जमीन डूबान में और निचली बेअसर
Posted on 01 Jul, 2016 12:04 PM
मोहड़ परियोजना के लिये सर्वे में सिंचाई विभाग का कारनामा
मजदूरी की मजबूरी
Posted on 21 Jan, 2016 03:02 PM
21वीं सदी में विकट चुनौती बनकर उभरे जल संकट के एक रूप भूजल स्तर में गिरावट ने भारत की कृषि और किसानों पर गंभीर चोट करना आरम्भ कर दिया है। देश के कुछ राज्यों की हरित क्रान्ति की सफलता को दोहराने के लिये अन्य राज्यों के किसानों द्वारा भूजल से सिंचाई की व्यवस्था उन्हें तीन दशक में ही किसान से मजदूर बनाने लगी है। यह सब दिनों-दिन भूजल स्तर के नीचे जाने के
मरुस्थलीकरण: समस्याएँ और सम्भावित समाधान (Desertification : Problems and Possible Solutions)
Posted on 17 Sep, 2015 12:26 PM

प्राकृतिक तथा मानवीय गतिविधियों में तेजी के कारण उपजाऊ जमीन का मरुस्थल में बदलाव तथा इसकी वजह स

जलागम विकास में लाभों का बँटवारा, एवं गरीब वर्ग का सशक्तिकरण
Posted on 25 Aug, 2015 11:41 AM पाठ-8

भूमिका


भारत में तेजी से घट रही प्राकृतिक सम्पदाओं का कारण है देश की बढ़ती जनसंख्या तथा उनकी बढ़ती हुई जमीन पर निर्भरता। 1952 से 1981 तक के बीच भारत में खेती योग्य भूमि 0.48 हेक्टेयर/व्यक्ति से घट कर 0.20 हेक्टेयर/व्यक्ति हो गई है।
खुद लाना होगा खेतों तक पानी
Posted on 28 May, 2013 04:34 PM

बाबूधन के दो डाभुक

मांगिए सिंचाई योजनाओं के खर्च का हिसाब
Posted on 28 May, 2013 01:51 PM राज्य में कुल सिंचित क्षेत्र करीब 8 से 10 प्रतिशत है। जो कुल कृषि भूमि के करीब 24.25 प्रतिशत है। यानी हर खेत को पानी पहुंचाने का लक्ष्य अब भी 75.75 प्रतिशत बाकी है। यह तब है, जब चौथी पंचवर्षीय योजना से ही छोटानागपुर और संथाल परगना में सिंचाई के संसाधन विकसित करने के लिए कई बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति दी गयी। इनमें से ज्यादातर परियोजनाएं अब भी आधूरी हैं, जबकि समय के साथ इनका बजट सौ गुना से भी ज्याद
डग-डग डबरी
Posted on 20 Jan, 2010 10:04 AM

उज्जैन जिला लगातार तीन वर्षों से सूखे की मार झेल रहा है। पीने के पानी के लिए हाहाकार की स्थिति निर्मित हो जाती है। बेचारे किसानों के सामने तो रबी फसलों के लिए पानी का इतंजाम कैसे करें? यह समस्या आन पड़ती है। जिले में 150 फिट की गहराई का पानी समाप्त हो चुका है। कहीं-कहीं तो 500-600 फिट पर भी पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। अनेक किसान नलकूप से पानी प्राप्त करने की चाहत में कर्ज से लद गए। लेकिन उन्हें पानी नसीब नहीं हुआ। ऐसे अनेक किसान जमीन और नलकूप के मालिक होने के बाद भी मजदूरी कर इस कर्ज को पटा रहे हैं।

dabri
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