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शोध पत्र
लवणीय जल सिंचाई द्वारा तुलसी की खेती (Cultivation of basil by saline water irrigation)
Posted on 22 Nov, 2023 03:11 PMपरिचय
देश के मूलभूत प्राकृतिक संसाधनों जैसे भूमि, जल तथा जैव विविधता इत्यादि की गुणवत्ता दिनोंदिन अत्यधिक तेजी से घटती जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन व अवैज्ञानिक कृषि पद्धतियाँ इसके प्रमुख कारण हैं। देश की खाद्यान्न एवं पोषण की सुरक्षा को स्थिर रखने के लिए कृषि अनुसंधान तथा विकास के हमारे वर्तमान दृष्टिकोण में एक बड़े बदलाव की आवश्यकता है। इसमें
हिमालय के गढवाल क्षेत्र की प्राकृतिक आपदाऐं
Posted on 17 Nov, 2023 03:02 PMप्राकृतिक संसाधनों के अन्धाधुंध दोहन ने हिमालय के अस्तित्व को संकट में डाल दिया है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि हिमालय का अपरदन तेज हो रहा है। भूस्खलनों की संख्या बढ़ रही है, बाढ़ों का क्रम तेज हो रहा है। जिससे न सिर्फ हिमालय के निवासियों अपितु मैदानी क्षेत्रों पर भी इसका अत्यधिक प्रभाव पड़ रहा है। मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ों तथा जल में गाद के घनत्व में अप्रत्याशित वृद्धि ने खेतों, नहरों
नदियों को बाजार की वस्तु बनाने की साजिश
Posted on 04 Nov, 2023 01:57 PMभूमिका :
नदी सिर्फ बहते स्वच्छ जल की धारा नहीं है। यह एक परिपूर्ण जलतंत्र, भूआकृति, पारिस्थितिकी तंत्र और जैव-विविधता संपन्न व्यवस्था होती है। यह न केवल स्वच्छ जल का प्रवाह बनाए रखने में एक अहम भूमिका अदा करती है, बल्कि वृष्टिपात (वर्षा या हिमपात के जरिए), हिम संपदा (जिसमें ग्लेशियर भी शामिल हैं), सतही पानी और भूमिगत जल-भंडारों के बीच एक आवश्यक संतुलन बनाने का
केदारनाथ से नहीं लिया सबक
Posted on 27 Oct, 2023 03:38 PMजून , 2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ में भयावह आपदा आई थी। घटना में हजारों लोग मारे गए। इस हिमालयी सुनामी ने इलाके का भूगोल भी बदल कर रख दिया था। तब जलवायु परिवर्तन के कारण केदारनाथ के हिमालयी क्षेत्र में हुई अप्रत्याशित बारिश, नदियों पर मानकों की अवहेलना कर बांध बना लेने, ऑलवेदर रोड का मलबा नदियों में डाल देने, नदियों के किनारे अनधिकृत निर्माण, नदियों में अवैध खनन आदि को आपदा की विभीषिका और नु
संदर्भ दरकते पहाड़ : खतरनाक नीति को कहा जाए अलविदा
Posted on 27 Oct, 2023 01:37 PMहिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से होने वाली आफत का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। लैंडस्लाइड, घरों के भरभरा कर गिरने और फ्लैश फ्लड की तबाही ने जहां सैकड़ों लोगों की जिंदगी को ख़त्म कर दिया है, वहीं हजारों जिंदगियों को ऐसी मुसीबत में डाल दिया है जहां से निकल कर फिर से खड़े होना उनके लिए बड़ी चुनौती है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश 25 साल पीछे चला गया है। ऐसे में इस बात क
भरतपुर, राजस्थान की मिट्टी में क्लोरपाइरीफोस, साइपरमेथ्रिन और एंडोसल्फान कीटनाशकों का विद्युत रासायनिक निर्धारण
Posted on 16 Oct, 2023 01:42 PMसारांश
क्लोरपाइरोफोस, साइपरमेथ्रिन और एंडोसल्फान कीटनाशकों का विद्युत रासायनिक अध्ययन मरकरी ड्रॉप इलेक्ट्रोड की सहायता से डिफरेंशियल पल्स पोलरोग्राफी विधि द्वारा भरतपुर (राजस्थान) को मिट्टी में किया गया। ELICO CL-362 पालरोग्राफिक विश्लेषक का उपयोग करंट वोल्टेज रिलेशनशिप ( पालरोग्राम) के मापन के लिए किया गया था, इसके पोलरोग्राफिक सेल में इलेक्ट्रोलाइजिंग इलेक्ट्
भारत में जल प्रबंधन की संभावनाएं और चुनौतियां : एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Prospects and challenges of water management in India: A scientific approach)
Posted on 14 Oct, 2023 01:25 PMसारांश
पूरे भू-गर्भीय युग में भारत एक जल कुशल देश रहा है। लेकिन पिछले कुछ दशकों के दौरान देश के कई हिस्सों में पानी की कमी के कारण अभूतपूर्व घटनाएँ हुई हैं। सामाजिक-आर्थिक प्रक्रियाओं में बदलाव और जनसंख्या में वृद्धि के कारण पिछले कुछ दशकों में भारत में पानी की मांग बढ़ रही है। भू-जल संसाधनों का अत्यधिक दोहन हो रहा है, जिससे जल स्तर गिरता जा रहा है और भूजल की
हरियाणा में भूमिगत जल की उपलब्धता एवं उपयोग | Availability and Use of Underground Water
Posted on 14 Oct, 2023 01:19 PMसारांश
जल का मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। एक संसाधन के रूप में किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए जल अत्यंत आवश्यक माना जाता है। हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है जहाँ धरातलीय जल के अभाव में अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भूमिगत जल का प्रयोग किया जाता है। अतः भूमिगत जल की सही उपलब्धता एवं उपयोग की व्याख्या सारणियों एवं मानचित्र की सहायता से की गई है। व
ज्वार भाटा का क्या महत्व है
Posted on 13 Oct, 2023 12:56 PMपृथ्वी का लगभग 21 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है। केवल 20 प्रतिशत भू-भाग में दीप और महाद्वीप अवस्थित हैं। पृथ्वी का बड़ा भाग जो पानी से ढका हुआ है, उसे हम समुद्र कहते हैं और इस समुद्र को कई सागरों और महासागरों में विभाजित किया गया है। समुद्र की गतिविधियों के बारे में हमें बहुत कम ज्ञान है और समुद्र से संबंधित जो भी साहित्य उपलब्ध है वह उच्चकोटि का है। जो आम आदमी की समझ से बाहर है। जो व्यक्ति सम
घटती जल गुणवत्ता से कैंसर जनित संभावनाएं
Posted on 12 Oct, 2023 03:47 PMसारांश
प्राकृतिक जल संसाधनों के संरक्षण की अपेक्षा उनके लगातार और अत्यधिक दोहन से भूजल स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है जिसको दूर करने के लिए विभिन्न माध्यम से जल संरक्षण किया जाता है। परन्तु सबसे अधिक चिंता भूजल की तेजी से घटती गुणवत्ता को लेकर है जिसका मुख्य कारण उत्सर्जित पदार्थों को भूमि की गहरी पतों में विसर्जित करना, कीटनाशकों आदि का अत्यधिक उपयोग, व्य