पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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कौन तय करेगा इस बलिदान की सीमाएँ
Posted on 28 Mar, 2017 03:43 PM
डूब प्रभावित गाँव कठौतिया के बुजुर्ग आदिवासी जुगराम बताते हैं
बरगी बाँध की मानवीय कीमत
Posted on 28 Mar, 2017 01:19 PM
भारत वर्ष में अभी तक विभिन्न परियोजनाओं से लगभग 3 करोड़ लोग व
story of bargi dam
তথ্যসূত্র : পধারো মাহরে দেশ
Posted on 22 Mar, 2017 10:21 AM
কোনো এক সময় মরুভূমিতে ঢেউ তোলা হাকড়োর শুকিয়ে যাওয়ার ঘটনা, রাজস্থানের হৃদয় ‘পলক দরিয়াব’ -এর মতোই গ্রহণ করে l ঢেউ তোলা হাকড়োর সময় বা কালের বোধের ব্যাপকতাকে আমাদের স্মৃতির সাহায্যেই বুঝে নেওয়ার চেষ্টা করতে হবে l এই কাল দর্শনে আমাদের তিনশো পঁয়ষট্টি দিনকে এক দিব্য দিন ধরা হয়েছে l তিনশো দিব্য দিনে হয় এক দিব্য বর্ষ l সত্য যুগের সময় সীমা বলা হয়েছে চার হাজার আটশো (4,800) দিব্য বছর, তিন হাজার ছশো (3
স্বাবলম্বী সমাজ
Posted on 20 Mar, 2017 05:02 PM

মরু রাজ্যের এই ছবির সঙ্গে তুলনা করুন রাজস্থানের l এখানে সমাজ কয়েকশো বছর ধরে বৃষ্টির জলের

अवधारणाएँ
Posted on 17 Mar, 2017 04:59 PM

खाद्य सुरक्षा, भोजन का अधिकार और पोषण की सुरक्षा के मतलब


खाद्य सुरक्षा का मतलब है समाज के सभी नागरिकों के लिये जीवन चक्र में पूरे समय पर्याप्त मात्रा में ऐसे विविधतापूर्ण भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित होना। यह भोजन सांस्कृतिक तौर पर सभी को मान्य हो और उन्हें हासिल करने के समुचित माध्यम गरिमामय हों। खाद्य सुरक्षा की इकाई देश भी हो सकता है, राज्य भी और गाँव भी।
खाद्य सुरक्षा और व्यवस्थागत दायित्व
Posted on 17 Mar, 2017 04:53 PM
मानव इतिहास के वर्तमान दौर में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय सभी स्तरों पर राज्य की सर्वमान्य अवधारणा एक कल्याणकारी राज्य की है। लोकतांत्रिक प्रणाली में जनता राज्य की स्थापना करती है और राज्य का यह दायित्व है कि वह जनता के कल्याण का पूरा ध्यान रखे। संविधान में दिये गये मौलिक अधिकारों को समाज का मुख्य आधार माना जाता है। इस भाग में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की संवैधानिक प्रतिबद
खाद्य सुरक्षा का नजरिया क्या है
Posted on 17 Mar, 2017 01:46 PM

खाद्य सुरक्षा का मतलब केवल खाद्यान्न सुरक्षा नहीं है!


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