Posted on 23 Mar, 2010 12:19 PM बुध वृहस्पति दो भलो, सुक्र न भले बखान। रवि मंगल बौनी करै, द्वार न आवै धान।।
भावार्थ- बोवाई के लिए बुधवार और वृहस्पतिवार सबसे शुभ दिन होते हैं जबकि शुक्रवार अच्छा नहीं होता है और यदि किसान ने रविवार या मंगलवार को खेत की बोवाई की तो बीज भी लौट कर नहीं आता, ऐसा घाघ का मानना है।
Posted on 23 Mar, 2010 12:14 PM बाड़ी में बाड़ी करै, करै ईख में ईख। ये घर ओइसे जायँगे, सुनै पराई सीख।।
शब्दार्थ- बाड़ी-कपास। ओइसे-उसी प्रकार।
भावार्थ- जो कपास के खेत में पुनः कपास और ईख के खेत में दूसरे वर्ष भी ईख बोता है उसका घर वैसे ही नष्ट हो जाता है जैसे पराई सीख सुनने वाले का घर नष्ट हो जाता है।