बोबत बनै तो बोइयो।
नहीं बरी बना कर खइयो।।
भावार्थ- उड़द को यदि बोते बने तभी बोना चाहिए अन्यथा बड़ी-बड़ा बना कर खा लेना चाहिए। व्यर्थ खेत में नहीं फेंकना चाहिए।
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