Posted on 12 Apr, 2014 12:59 PMमेरी उमर रही होगी कोई दस बरस। हमारा घर औसत मध्यम वर्ग में भी मध्यम दर्जे का रहा होगा। इतना ऊंचा दर्जा नहीं था कि आज की तरह चमचमाते आधुनिक रसोई घर जैसा चौका होता हमारा और न इतना नीचा दर्जा था कि हम शुद्ध घी में पराठे भी न बना पाते। कुल मिलाकर उस चौके में दिन भर में जो कुछ भी बनता, रात तक कचरा लायक कुछ जमा होता नहीं था। मुझमें कुछ द्वेष-सा भरा होगा। तभी तो ऐसा हुआ कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुझसे पिछले छह दशक में हुई उन्नति के बारे में कुछ विचार मांगे गए थे और मैं लिख बैठा कचरा। मुझे लिखना तो चाहिए था कि हमने इस अवधि में क्या और कैसी उन्नति की है, हमारा लोकतंत्र कितना खुला है, हमारे खेतों में जो हरित क्रांति हुई है, मछलियों से भरे हमारे समुद्र में, नदियों में जो नीली क्रांति हुई है, दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में जो श्वेत-क्रांति हुई और इन सबके ऊपर फिर सूचना और संचार की तकनीक के क्षेत्र में जो अदभुत क्रांति हुई है।
लेकिन नहीं। जब मैं इस बारे में कुछ सोचने बैठा तो मेरे मन में ये विषय आए ही नहीं। सामने आया कचरा। बस शुद्ध कचरा। इस बारे में आगे बढ़ने से पहले थोड़ा विषयांतर हो जाने दें।
जब हम मोहम्मद अली जिन्ना के बारे में सोचते हैं तो हमें यही तो याद आता है और ठीक ही याद आता है कि वे दो देश सिद्धांत के प्रवर्त्तक थे, पाकिस्तान के जनक थे और पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल थे। लेकिन इससे पहले अविभाजित भारत के आकाश में वे एक तारे की तरह चमकते थे और बंबई में वे एक अजेय, दुर्जेय सफल वकील की तरह प्रसिद्ध हुआ करते थे।
Posted on 25 Mar, 2014 03:14 PMनई दिल्ली, 16 मार्च (भाषा)। राष्ट्रीय राजधानी में अवैध और अनधिकृत बोरवेलों पर दिल्ली सरकार द्वारा पर्याप्त कार्रवाई न शुरू करने से नाराज राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने अगली सुनवाई पर दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया है।
Posted on 25 Mar, 2014 02:02 PMदुनिया में 76 करोड़ 80 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता। उनकी मदद यूनिसेफ करता है। ब्यूटी प्रोडेक्ट की मशहूर कंपनी जॉर्जियो अरमानी इस वर्ष भी महाअभियान की स्पोंसर है। इसके लिए अमेरिकी स्मार्टफोन यूजर्स को अपना फोन लगातार 10 मिनट तक स्टैंड बाय रखना होगा। जितने भी यूजर्स ऐसा करेंगे, जॉर्जियों अरमानी प्रत्येक के एवज में यूनिसेफ को निश्चित राशि दान करेगी।